रायसेन। देश में जहां हिंदू-मुस्लिम के नाम पर राजनीति चरम सीमा पर है, वहीं जिले के उदयपुरा में कई सालों से अनोखी परंपरा चली आ रही है. जब भी गणेश उत्सव और मोहर्रम साथ होता है, तो एक ही पंडाल में भगवान गणेश की प्रतिमा और ताजिया रखे जाते हैं. गांधी चौक पर गणेश पंडाल में ताजिया रखा जाना गंगा-जमुनी तहजीब का बेहतरीन उदाहरण है. इस पंडाल में 10 फीट के गणेश जी विराजमान होते हैं, तो 10 फीट बुर्राख भी इसी में रखा जाता है.
देश में जहां धर्म के नाम पर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है, वहीं ऐसी सद्भावना की मिसाल पेश करने वाली तहजीब उदयपुरा में कई वर्षों से अनवरत जारी है. 2018 से पहले 1998 और 1978 में और इससे पहले भी जब गणेश उत्सव और नवरात्रि के साथ मोहर्रम आया है, उदयपुरा निवासियों ने हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की है.
गांधी चबूतरा पर गणेश स्थापना के साथ ही ताजियों के लिए उसी साज-सज्जा में जगह बनाकर छोड़ दी गई थी, ताकि ताजिया रखे जा सकें. हिंदू-मुस्लिम एक साथ एक ही पंडाल के नीचे दोनों के धर्मों का इस्तकबाल कर रहे हैं.