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उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन, किसानों को दी गई तकनीकी जानकारी

रायसेन में कृषि विज्ञान केन्द्र में उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को संतुलित मात्रा में उर्वरक का उपयोग, उर्वरकों के उपयोग का तरीका, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण एवं जैव उर्वरक सम्बन्धी लघु फिल्म दिखाकर तकनीकी जानकारी दी गई है.

कृषि विज्ञान केन्द्र में उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
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Published : Oct 23, 2019, 11:09 PM IST

रायसेन। जिले के ग्राम नकतरा में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस जागरूकता कार्यक्रम के दौरान दिल्ली में आयोजित किए गए उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किसानों को दिखाया गया.


कार्यक्रम में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौडा शामिल हुए. कृषि विज्ञान केन्द्र में किसानों को मृदा स्वास्थ्य परीक्षण से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देते हुए खेतों में कम से कम खाद का उपयोग करने की कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सलाह दी गई. वहीं किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण कराकर उन्नत किस्म की फसलों को दिखाया गया और जानकारी दी गई.

कृषि विज्ञान केन्द्र में उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन


कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्वप्निल दुबे ने बताया कि वर्तमान में किसानों द्वारा असंतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग और कीटनाशक, खरपतवार नाशक, गोबर खाद, नाडेप खाद का उपयोग व खेतों में नरवाई को लगातार जलाने की वजह से खेतों की मिट्टी पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है. इसी कारण फसलों का उत्पादन भी कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को संतुलित मात्रा में उर्वरको का उपयोग, उर्वरकों के उपयोग का तरीका, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण एवं जैव उर्वरक सम्बन्धी लघु फिल्म दिखाकर तकनीकी जानकारी दी गई है.

रायसेन। जिले के ग्राम नकतरा में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस जागरूकता कार्यक्रम के दौरान दिल्ली में आयोजित किए गए उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किसानों को दिखाया गया.


कार्यक्रम में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौडा शामिल हुए. कृषि विज्ञान केन्द्र में किसानों को मृदा स्वास्थ्य परीक्षण से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देते हुए खेतों में कम से कम खाद का उपयोग करने की कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सलाह दी गई. वहीं किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण कराकर उन्नत किस्म की फसलों को दिखाया गया और जानकारी दी गई.

कृषि विज्ञान केन्द्र में उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन


कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्वप्निल दुबे ने बताया कि वर्तमान में किसानों द्वारा असंतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग और कीटनाशक, खरपतवार नाशक, गोबर खाद, नाडेप खाद का उपयोग व खेतों में नरवाई को लगातार जलाने की वजह से खेतों की मिट्टी पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है. इसी कारण फसलों का उत्पादन भी कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को संतुलित मात्रा में उर्वरको का उपयोग, उर्वरकों के उपयोग का तरीका, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण एवं जैव उर्वरक सम्बन्धी लघु फिल्म दिखाकर तकनीकी जानकारी दी गई है.

Intro:रायसेन जिले के ग्राम नकतरा में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम के दौरान दिल्ली में आयोजित किए गए उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किसान के माध्यम से किसानों को दिखाया गया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौडा का सम्बोधन किसानों ने ध्यान से सुना। कृषि विज्ञान केन्द्र में किसानों को मृदा स्वास्थ्य परीक्षण से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देते हुए खेतों में कम से कम खाद का उपयोग करने की कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सलाह दी गई। वहीं किसानों कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण कराकर उन्नत किस्म की फसलों को दिखाया गया और जानकारी दी। Body:कृषि वैज्ञानिक डॉ.स्वप्निल दुबे ने बताया कि वर्तमान में किसानों द्वारा असंतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग और कीटनाशक, खरपतवारनाशक, व गोबर खाद, नाडेप खाद का उपयोग न करने के कारण व खेतों में नरवाई को लगातार जलाने की वजह से खेतों की मिट्टी पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है और इसी कारण फसलों का उत्पादन भी कम हो रहा है। उन्होने बताया कि इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को संतुलित मात्रा में उर्वरको का उपयोग, उर्वरकों के उपयोग का तरीका, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण एवं जैव उर्वरक सम्बन्धी लघु फिल्म दिखाकर तकनीकी जानकारी प्रदान की गई है।Conclusion:मृदा स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए कृषि वैज्ञानिक रंजीत सिंह राघव ने किसानों को फसलों के साथ दलहनी व तिलहनी फसलों का समावेश कर व गोबर खाद, नाडेप खाद व केंचुआ खाद का उपयोग कर मृदा स्वास्थ्य को संतुलित करने की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में नकतरा, मुगालिया, भूसिमेटा, सोनकच्छ, तेन्दुखोह, आमखेड़ा, सांकल, गुलाबगंज, तरावली, विशनखेड़ा आदि ग्रामों के किसान बड़ी संख्या में शामिल हुए।
बाइट:-01 श्यामलाल चौकसे कृषक
बाइट:-02 कालूराम विश्वकर्मा कृषक
बाइट:-03 डॉ.स्वप्निल दुबे कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र ग्राम नकतरा
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