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सिविल अस्पताल में मिली एक्सपायरी दवाइयां, प्रशासन बता रहा साजिश - बरेली सिविल अस्पताल

बरेली सिविल अस्पताल में एक्सपायरी दवाइयां और इंजेक्शन मिले हैं. जिसे प्रशासन लापरवाही की जगह साजिश बता रहा है. यदि एक्सपायरी दवाइयां और इंजेक्शन किसी मरीज को दे दिया जाता तो कुछ भी होने की संभावना थी.

रेली सिविल अस्पताल में मिली एक्सपायरी दवाइयां
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Published : Sep 17, 2019, 11:26 AM IST

रायसेन। बरेली सिविल अस्पताल एक बार फिर विवादों में घिरता नजर आ रहा है. सिविल अस्पताल में एक्सपायरी दवाइयां और इंजेक्शन मिले हैं. अस्पताल में बच्चों को दिया जाने वाला सीरप एक्सपायर हो चुका था जिसके ऊपर दूसरा लेबल चढ़ाकर दिया जा रहा था. गनीमत रही कि सीरप पीने से बच्चों को कोई नुकसान नहीं हुआ. यदि एक्सपायरी इंजेक्शन किसी मरीज को दे दिया जाता तो कुछ भी होने की संभावना थी.

बरेली सिविल अस्पताल में मिली एक्सपायरी दवाइयां

सिविल अस्पताल में एंपीसिलीन 500, एमिकासिन 250, कार्रवामीजीपीन 200 टेबलेट एक्सपायर मिली हैं. अस्पताल में एक्सपायरी दवाइयों की सूचना मिलते ही एसडीएम ने तत्काल टीम को जांच के निर्देश दिए. जिसके बाद एसडीएम खुद सिविल अस्पताल पहुंचे. एसडीएम ने कहा कि यह किसी की साजिश लग रही हैं. यदि यह किसी की योजना है तो सरकार सप्लाई वाली दवाईयां ही क्यों मिलती और सभी अस्पतालों को एक्सपायरी दवाएं डिस्पोज की जाती. फिर बरेली सिविल अस्पताल में ही क्यों नहीं की गई, यह जांच का विषय हैं.

बता दें कि पिछले साल जिला अस्पताल में एक मरीज को जानवरों वाली बॉटल चढ़ा दी गई थी. अब बरेली सिविल अस्पताल में एक्सपायरी दवाएं मिली हैं. वहीं प्रशासन इसे लापरवाही की बजाय साजिश बता रहा है.

रायसेन। बरेली सिविल अस्पताल एक बार फिर विवादों में घिरता नजर आ रहा है. सिविल अस्पताल में एक्सपायरी दवाइयां और इंजेक्शन मिले हैं. अस्पताल में बच्चों को दिया जाने वाला सीरप एक्सपायर हो चुका था जिसके ऊपर दूसरा लेबल चढ़ाकर दिया जा रहा था. गनीमत रही कि सीरप पीने से बच्चों को कोई नुकसान नहीं हुआ. यदि एक्सपायरी इंजेक्शन किसी मरीज को दे दिया जाता तो कुछ भी होने की संभावना थी.

बरेली सिविल अस्पताल में मिली एक्सपायरी दवाइयां

सिविल अस्पताल में एंपीसिलीन 500, एमिकासिन 250, कार्रवामीजीपीन 200 टेबलेट एक्सपायर मिली हैं. अस्पताल में एक्सपायरी दवाइयों की सूचना मिलते ही एसडीएम ने तत्काल टीम को जांच के निर्देश दिए. जिसके बाद एसडीएम खुद सिविल अस्पताल पहुंचे. एसडीएम ने कहा कि यह किसी की साजिश लग रही हैं. यदि यह किसी की योजना है तो सरकार सप्लाई वाली दवाईयां ही क्यों मिलती और सभी अस्पतालों को एक्सपायरी दवाएं डिस्पोज की जाती. फिर बरेली सिविल अस्पताल में ही क्यों नहीं की गई, यह जांच का विषय हैं.

बता दें कि पिछले साल जिला अस्पताल में एक मरीज को जानवरों वाली बॉटल चढ़ा दी गई थी. अब बरेली सिविल अस्पताल में एक्सपायरी दवाएं मिली हैं. वहीं प्रशासन इसे लापरवाही की बजाय साजिश बता रहा है.

Intro:रायसेन-एक बार फिर बरेली सिविल अस्पताल विवादों में घिरता नजर आ रहा है फिर सिविल अस्पताल में एक्सपायरी दवाएं मिली हैं अगर यह दवाएं इंजेक्शन किसी मरीज को लग जाते तो क्या होता बीते दिनों सिविल अस्पताल में बच्चों को दिया जाने वाला सायरप मिला था जोकि एक्सपायर हो चुका था उसके ऊपर दूसरा लेवल चढ़ाकर बांटा जा रहा था हालांकि उसके पीने से बच्चों को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन यह जो एक्सपायर इंजेक्शन है उनसे मरीजों में नुकसान की संभावना है।


Body:मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं कितनी लाचार हैं इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है जिला अस्पताल में बीते वर्ष एक मरीज को जानवरों वाली बॉटल चढ़ा दी जाती है वही बरेली सिविल अस्पताल में एक्सपायरी दवाएं मिलती हैं और प्रशासन को ऐसे में साजिश की बू आती है वो किसी मरीज को लगते तो कुछ भी हो सकता था एंपीसिलीन 500,एमिकासिन250,कार्रवामीजीपीन 200 टेबलेट आदि दवाएं एक्सपायर मिली। वहीं एसडीएम ने तत्काल टीम भेज जांच कार्रवाई बाद में खुद एसडीएम पहुंचे सिविल अस्पताल और मीडिया से बात कर बोले यह किसी की साजिश लगती है अगर यह किसी की साजिश है तो गवर्नमेंट supply वाली दवाई ही क्यों मिलती और सभी अस्पतालों को एक्सपायर दबाएं डिस्पोज की जाती फिर बरेली सिविल अस्पताल में ही क्यों नहीं की गई यह सब जांच की विषय हैं।

Byte-ब्रजेन्द्र रावत एसडीएम।


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