रायसेन। सरकार के नए आम बजट में विद्युत कंपनी के निजीकरण का फरमान जारी होते ही विद्युत वितरण कंपनियों के कर्मचारी आक्रोशित हो गए. विद्युत वितरण कंपनियों के कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय पर एक दिन का काम बंद करके धरना प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार कर्मचारियों के पेट पर लात मारना चाह रही है. सरकार के इस फैसले का खामियाजा आम उपभोक्ता, किसान और गरीब मजदूरों को भी भुगतना पड़ सकता है. सरकार बिजली विभाग को प्राइवेट कर बड़े-बड़े उद्योगपतियों को इसका लाभ पहुंचाना चाहती है.
- 7 फरवरी को भोपाल में होगा धरना प्रदर्शन
इसका विरोध करने के लिए आज जिला मुख्यालय स्थित मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लाइज एवं इंजीनियर सहित संविदा कर्मचारियों ने इसका विरोध किया. विरोध जताते हुए कर्मचारियों ने काम बंद कर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. वहीं धरने पर बैठे संगठन के जिला संयोजक इंजीनियर बृजेंद्र तिवारी ने कहा कि हम 7 फरवरी को भोपाल में विशाल रैली निकालकर गोविंदपुरा वल्लभ भवन में धरना प्रदर्शन करेंगे. धरने के बाद सरकार को ज्ञापन देकर मांगों से अवगत करवाएंगे. सरकार फिर भी मांगें नहीं मानती है तो कर्मचारी हड़ताल करेंगे.
- किसानों को 12 गुना ज्यादा पैसे देना होंगे
धरना प्रदर्शन में उपस्थित कर्मचारियों ने कहा कि सरकार किसानों को प्राइवेट कंपनी के हाथों में सौंपना चाहती है. कंपनी का निजीकरण होने के बाद किसानों को कनेक्शन के लिए 12 गुना ज्यादा पैसे देना होंगे. हालांकि सरकार सब्सिडी देने की भी बात कर रही है, लेकिन कंपनी पहले किसानों से पूरे पैसे लेगी फीर बाद में सरकार किसानों को पैसे वापस देगी.