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पाकिस्तान के बाद MP के इस शहर में है हिंगलाज देवी का मंदिर, 500 वर्ष ज्योति स्वरुप में आई थी मां

रायसेन जिले के बाड़ी में मां हिंगलाज शक्तिपीठ देवी का मंदिर है. जिन्हें पाकिस्तान के बलूचिस्तान से लाकर यहां स्थापित किया गया था. इस मंदिर में देशभर से भक्त दर्शनों के लिए जुटते हैं.

बलूचिस्तान से ज्योति स्वरूप में लायी गयी थी मां हिंगलाज
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Published : Oct 2, 2019, 2:33 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 3:03 PM IST

रायसेन। जिले के बाड़ी में मां शक्ति के 52 शक्तिपीठों में से एक है मां हिंगलाज शक्तिपीठ का मंदिर स्थित है. जहा नवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. हिंगलाज देवी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है. जिसे नानी की दरगाह के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि विराजी हिंगलाज देवी को मां के भक्त ज्योति स्वरूप लाए थे.

पाकिस्तान के बाद MP के इस शहर में है हिंगलाज देवी का मंदिर

बाड़ी में 500 वर्ष पहले महात्मा भगवानदास को मां हिंगलाज ने स्वप्न दिया था कि वह उसे भारत ले जाए. तब महात्मा भगवान दास ने प्रण किया और पाकिस्तान के बलूचिस्तान से मां को ज्योति के रूप में बाड़ी लाए जो कि उस समय जंगली और दुर्गम स्थान था. जिसे अब इसे खाकी राम जानकी अखाड़े के नाम से जाना जाता था. वहां पर सिर्फ तपस्वी साधु संत ही पहुंच सकते थे. वहां पर ज्योति स्वरूप मां को मूर्ति के सामने स्थापित किया. जहां पर ज्योति मूर्ति में समाहित हो गई और आज यह स्थान हिंगलाज कहलाता है.

यह वह देवी मंदिर है जो भारतवर्ष में दो धर्मो की परंपरा को जोड़े हुए है. आज भी वह अमर ज्योति अनवरत जल रही है. यहां पर सभी भक्त आते हैं मंदिर प्रांगण में महात्मा भगवानदास की ओर पीर बाबा की समाधि के साथ वाणी हुई है. जो हिंदू और मुस्लिम एकता की मिसाल है. मंदिर में संस्कृत पाठशाला भी है. जहां100 से अधिक विद्यार्थी विद्या पाते हैं.

हिंगलाज का अर्थ है सब को तत्काल फल देने वाली मां. हिंग का अर्थ है रौद्र रूप और लाज का अर्थ लज्जा है जो की कथा के अनुसार है. शिव के सीने पर पैर रखकर मां शक्ति लज्जित हुई है इसलिए रौद्र और लज्जा से मां का नाम हिंगलाज पड़ा.

रायसेन। जिले के बाड़ी में मां शक्ति के 52 शक्तिपीठों में से एक है मां हिंगलाज शक्तिपीठ का मंदिर स्थित है. जहा नवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. हिंगलाज देवी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है. जिसे नानी की दरगाह के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि विराजी हिंगलाज देवी को मां के भक्त ज्योति स्वरूप लाए थे.

पाकिस्तान के बाद MP के इस शहर में है हिंगलाज देवी का मंदिर

बाड़ी में 500 वर्ष पहले महात्मा भगवानदास को मां हिंगलाज ने स्वप्न दिया था कि वह उसे भारत ले जाए. तब महात्मा भगवान दास ने प्रण किया और पाकिस्तान के बलूचिस्तान से मां को ज्योति के रूप में बाड़ी लाए जो कि उस समय जंगली और दुर्गम स्थान था. जिसे अब इसे खाकी राम जानकी अखाड़े के नाम से जाना जाता था. वहां पर सिर्फ तपस्वी साधु संत ही पहुंच सकते थे. वहां पर ज्योति स्वरूप मां को मूर्ति के सामने स्थापित किया. जहां पर ज्योति मूर्ति में समाहित हो गई और आज यह स्थान हिंगलाज कहलाता है.

यह वह देवी मंदिर है जो भारतवर्ष में दो धर्मो की परंपरा को जोड़े हुए है. आज भी वह अमर ज्योति अनवरत जल रही है. यहां पर सभी भक्त आते हैं मंदिर प्रांगण में महात्मा भगवानदास की ओर पीर बाबा की समाधि के साथ वाणी हुई है. जो हिंदू और मुस्लिम एकता की मिसाल है. मंदिर में संस्कृत पाठशाला भी है. जहां100 से अधिक विद्यार्थी विद्या पाते हैं.

हिंगलाज का अर्थ है सब को तत्काल फल देने वाली मां. हिंग का अर्थ है रौद्र रूप और लाज का अर्थ लज्जा है जो की कथा के अनुसार है. शिव के सीने पर पैर रखकर मां शक्ति लज्जित हुई है इसलिए रौद्र और लज्जा से मां का नाम हिंगलाज पड़ा.

Intro:रायसेन-मां शक्ति के 52 शक्तिपीठों में से एक है माँ हिंगलाज शक्तिपीठ जो पाकिस्तान के ब्लूस्तान में नानी को दरगाह के नाम से जाना जाता है और दूसरा स्थान मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के बाड़ी में जहा मां के भक्त मां को ज्योति स्वरूप लाए थे और मां स्वयं प्रकट हो गई थी यह 500 वर्ष प्राचीन स्थान है जहा माँ ने भोपाल रियासत की बेगम साहिबा का अभिमान चूर चूर किया था आज प्रदेश ही नहीं विदेशों से नवरात्रि में मां के दर्शन करने आते हैं माँ लज्जा स्वरूप होने के कारण माँ का नाम हिंगलाज पड़ा।कहते है माँ,माँ होती है माँ के लिए जाति-पाति का कोई बंधन नही होता/ एक है मां हिंगलाज जो हिंदू मुसलमानों की एक सद्भावना की मिसाल है विश्व मे मां हिंगलाज के दो शक्ति पीठ है जो एक पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है जो नानी माँ और नानी की दरगाह नाम से प्रसिद्ध है और दूसरा मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की बाड़ी में स्थित है जिसे हिंगलाज के नाम से जाना जाता है जिसने संप्रदाय सौहार्द्र की मिसाल कायम की है पेश है स्पेशल रिपोर्ट-।


Body:रायसेन जिले की बाड़ी में 500 वर्ष पहले महात्मा भगवानदास को मां हिंगलाज ने स्वप्न दिया था कि वह उसे भारत ले जाए/तब महात्मा भगवान दास ने प्रण किया और पाकिस्तान के बलूचिस्तान से मां को ज्योति के रूप में बाड़ी लाएं जो कि उस समय जंगली और दुर्गम स्थान जो खाकी राम जानकी अखाड़े के नाम से जाना जाता था वहां पर सिर्फ तपस्वी साधु संत ही पहुंच सकते थे वहां पर ज्योति स्वरूप मां को मूर्ति के सामने स्थापित किया जहां पर ज्योति मूर्ति में समाहित हो गई/ और आज वह स्थान हिंगलाज कहलाता है हिंगलाज का अर्थ है सब को तत्काल फल देने वाली माँ/ हिंग का अर्थ है रौद्र रूप और लाज का अर्थ लज्जा है जो की कथा के अनुसार है कि शिव के सीने पर पैर रखकर मां शक्ति लज्जित हुई है इसलिए रौद्र और लज्जा से मां का नाम हिंगलाज पड़ा।

Byte-आचार्य देवनारायण त्रिपाठी।

यह स्थान विंध्याचल पर्वत श्रेणी में बसा है मां को एक बार बाड़ी के नवाब की बेगम ने प्रसादी स्वरूप मांस भेजा था जो मां की कृपा से मिठाई में बदल गया और बेगम ने मां से मंदिर में भक्ति का 90 एकड़ जमीन मां के मंदिर को दान कर दी/यह वह मां है जो भारतवर्ष में दो धर्मो की परंपरा को जोड़े हुए हैं आज भी वह अमर ज्योति अनवरत जल रही है यहां पर सभी भक्त आते हैं मंदिर प्रांगण में महात्मा भगवानदास की ओर पीर बाबा की समाधि के साथ वाणी हुई है जो हिंदू और मुस्लिम एकता की मिसाल है यहां पर संस्कृत पाठशाला है और यज्ञशाला है यहां पर 100 से अधिक विद्यार्थी विद्या पाते हैं।

Byte-आचार्य देव नारायण त्रिपाठी।

Byte-गजेंद्र राजपूत भक्त।

यहां पर मध्य प्रदेश से और भारत के सभी प्रांतों से भक्तों का तांता लगा रहता है यहां पर पुत्र धन सुख शांति और गौरव प्राप्त होता है यहां पर दूर-दूर से भक्त झंडा लेकर आते हैं आज भी यहां पर शीघ्र फल मिलता है भक्तों को नारियल फल फूल बेलपत्र से मां प्रसन्न होती हैं हर एक भक्त की पुराने यहां पर पूरी होती है प्राचीन मंदिर में चारों धाम की छटा देखने को मिलती है एक प्राचीन शंख है जिससे राम-राम की ध्वनि निकलती है।

Byte-पुजारी देव किशोर।

Byte-वेदांश शर्मा विद्यार्थि।

Byte-राहुल श्रद्धालु।

यहां पर मां के भक्तों का ताता लगा रहता है भक्त दूर-दूर से मां के दर्शनों के लिए आते हैं मां हिंगलाज के दर्शन से भक्तों को शांति मिलती है।ईटीवी भारत के लिए आदर्श पाराशर रायसेन।

Byte-(121)विद्यार्थि नीतेश अवस्थी,आदर्श पाराशर रायसेन।

Byte-संजय पाठक टी आई बाड़ी।


Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 3:03 PM IST
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