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सांची विधानसभा उपचुनाव: कांग्रेस उम्मीदवार मदनलाल चौधरी ने किया मतदान

सांची विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मदनलाल चौधरी ने अपने गृह ग्राम हरदौट में सपत्नीक मतदान केंद्र क्रमांक- 276 पर मतदान किया. मतदान के बाद चौधरी ने कहा कि, जनता दलबदल करने के कारण डॉ प्रभुराम चौधरी से नाराज है.

Congress candidate Madanlal Chaudhary cast vote
कांग्रेस उम्मीदवार मदनलाल चौधरी ने डाला वोट
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Published : Nov 3, 2020, 12:26 PM IST

रायसेन। सांची विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मदनलाल चौधरी ने अपने गृह ग्राम हरदौट में सपत्नीक मतदान केंद्र क्रमांक- 276 पर मतदान किया. मतदान के बाद मदनलाल चौधरी ने कहा कि, जनता दलबदल करने के कारण डॉ प्रभुराम चौधरी से नाराज हैं और जरूर भाजपा को सबक सिखाएगी.

कांग्रेस उम्मीदवार मदनलाल चौधरी ने डाला वोट

सांची विधानसभा में मुख्य मुकाबला दो चौधरियों के बीच है. दल बदल कर बीजेपी में पहुंचे प्रभुराम चौधरी को कांग्रेस के उम्मीदवार मदन लाल चौधरी टक्कर दे रहे हैं. दलबदल के बाद कांग्रेस के पुराने सिपाही प्रभुराम चौधरी के खिलाफ कांग्रेस ने मदन लाल चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस उम्मीदवार के मुकाबले प्रभुराम का राजनीतिक सफर 3 गुना ज्यादा है. मदनलाल चौधरी का राजनीतिक सफर वर्ष 2000 में कृषि उपज मंडी सदस्य के रूप में शुरू हुआ. वे सरपंच भी रहे. 2015 में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में बराबर वोट मिलने पर मदन लाल चौधरी टॉस में चुनाव जीते थे, उनकी पत्नी भी जिला पंचायत सदस्य रही हैं. मदन लाल चौधरी के सामने क्षेत्र में खुद को स्थापित करना बड़ी चुनौती है. वहीं कांग्रेस की पूरी उम्मीद अनुसूचित जाति वर्ग का वोट बैंक में सेंध लगाने पर टिकी हैं.

विधानसभा सीट का जातिगत समीकरण

सांची विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग के 32 हजार मतदाता हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता 22 हजार के करीब हैं. इसके अलावा लोधी और किरार मतदाता भी हैं. 2018 के चुनाव में मुस्लिम बहुल क्षेत्र में 2013 की तुलना में 9 हजार ज्यादा वोट पड़े थे. इसका फायदा कांग्रेस को हुआ था.

सांची सीट का इतिहास

अगर इतिहास की करें, तो पांच विधानसभा चुनावों में शेजवार वर्सेज प्रभुराम चौधरी एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में 6 बार आमने सामने आ चुके हैं, जिनमें से 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रभुराम चौधरी और गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार के बीच हुआ चुनाव भी शामिल है. डॉक्टर प्रभुराम चौधरी ने 1985 के विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर बीजेपी के डॉक्टर गौरी शंकर शेजवार को चुनाव हराया था. हालांकि 2018 की विधानसभा चुनाव में शेजवार के बेटे मुदित शेजवार प्रभुराम से चुनाव हारे हैं. सांची विधानसभा सीट के पिछले 10 चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो 7 विधानसभा चुनाव में डॉ गौरीशंकर शेजवार ने झंडा बुलंद किया है. उन्होंने 1977 में जनसंघ के टिकट पर जीत दर्ज की थी. वे साल 1990 से 2003 तक लगातार चार बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे.

रायसेन। सांची विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मदनलाल चौधरी ने अपने गृह ग्राम हरदौट में सपत्नीक मतदान केंद्र क्रमांक- 276 पर मतदान किया. मतदान के बाद मदनलाल चौधरी ने कहा कि, जनता दलबदल करने के कारण डॉ प्रभुराम चौधरी से नाराज हैं और जरूर भाजपा को सबक सिखाएगी.

कांग्रेस उम्मीदवार मदनलाल चौधरी ने डाला वोट

सांची विधानसभा में मुख्य मुकाबला दो चौधरियों के बीच है. दल बदल कर बीजेपी में पहुंचे प्रभुराम चौधरी को कांग्रेस के उम्मीदवार मदन लाल चौधरी टक्कर दे रहे हैं. दलबदल के बाद कांग्रेस के पुराने सिपाही प्रभुराम चौधरी के खिलाफ कांग्रेस ने मदन लाल चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस उम्मीदवार के मुकाबले प्रभुराम का राजनीतिक सफर 3 गुना ज्यादा है. मदनलाल चौधरी का राजनीतिक सफर वर्ष 2000 में कृषि उपज मंडी सदस्य के रूप में शुरू हुआ. वे सरपंच भी रहे. 2015 में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में बराबर वोट मिलने पर मदन लाल चौधरी टॉस में चुनाव जीते थे, उनकी पत्नी भी जिला पंचायत सदस्य रही हैं. मदन लाल चौधरी के सामने क्षेत्र में खुद को स्थापित करना बड़ी चुनौती है. वहीं कांग्रेस की पूरी उम्मीद अनुसूचित जाति वर्ग का वोट बैंक में सेंध लगाने पर टिकी हैं.

विधानसभा सीट का जातिगत समीकरण

सांची विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग के 32 हजार मतदाता हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता 22 हजार के करीब हैं. इसके अलावा लोधी और किरार मतदाता भी हैं. 2018 के चुनाव में मुस्लिम बहुल क्षेत्र में 2013 की तुलना में 9 हजार ज्यादा वोट पड़े थे. इसका फायदा कांग्रेस को हुआ था.

सांची सीट का इतिहास

अगर इतिहास की करें, तो पांच विधानसभा चुनावों में शेजवार वर्सेज प्रभुराम चौधरी एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में 6 बार आमने सामने आ चुके हैं, जिनमें से 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रभुराम चौधरी और गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार के बीच हुआ चुनाव भी शामिल है. डॉक्टर प्रभुराम चौधरी ने 1985 के विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर बीजेपी के डॉक्टर गौरी शंकर शेजवार को चुनाव हराया था. हालांकि 2018 की विधानसभा चुनाव में शेजवार के बेटे मुदित शेजवार प्रभुराम से चुनाव हारे हैं. सांची विधानसभा सीट के पिछले 10 चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो 7 विधानसभा चुनाव में डॉ गौरीशंकर शेजवार ने झंडा बुलंद किया है. उन्होंने 1977 में जनसंघ के टिकट पर जीत दर्ज की थी. वे साल 1990 से 2003 तक लगातार चार बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे.

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