रायसेन। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने डॉ. दीपक गुप्ता, चिकित्सा अधिकारी जिला चिकित्सालय रायसेन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. दरअसल शासकीय चिकित्सक के पद पर पदस्थ होते हुए डॉ. दीपक गुप्ता ने अवैध रूप से खुद के निजी हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीज का उपचार कर रहे थे. इस बात की सूचना उन्होंने जिला प्रशासन को भी नहीं दी थी. डॉ गुप्ता को 24 घण्टे के अंदर जवाब देने के आदेश दिए गए हैं. निर्धारित अवधि में जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.
डॉ गुप्ता द्वारा निजी हॉस्पिटल में 17 अप्रैल को महामाया चौक रायसेन निवासी अमित अग्रवाल का परीक्षण और उपचार किया गया. अमित अग्रवाल को खांसी, तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जो कि कोरोना बीमारी के लक्षण हैं. डॉ गुप्ता का निजी हॉस्पिटल कोरोना संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिये अधिग्रहित नहीं था. इस समय कोरोना मरीज का इलाज शासकीय चिकित्सालय में पूरी जांच करवाकर करना जरुरी था. यह बात पता होने के बाद भी डॉ गुप्ता ने मरीजों को जिला चिकित्सालय में जांच और इलाज कराने की सलाह न देते हुए खुद के निजी हॉस्पिटल में इलाज किया.
डॉ गुप्ता की लापरवाही के कारण समय पर सही इलाज उपलब्ध न होने की वजह से 24 अप्रैल को अमित अग्रवाल की मौत हो गई और मृतक अमित अग्रवाल के छोटे भाई सुमित अग्रवाल की भी 26 अप्रैल को भोपाल में इलाज के दौरान मौत हो गई. उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव पायी गई. कोरोना के लक्षण साफ दिखाई देने के बाद भी डॉ गुप्ता ने अपने निजी हॉस्पिटल नें इलाज किया. जिस पर कलेक्टर ने डॉ गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं.