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साल में दो बार लॉकअप से बाहर आकर भक्तों को दर्शन देते हैं भोलेनाथ - shivling

रायसेन के बमौरी में भगवान भोलेनाथ साल में दो बार ही लॉकअप से बाहर आकर भक्तों को दर्शन देते हैं.

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साल में दो बार लॉकअप से बाहर आते हैं भोलेनाथ
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Published : Feb 21, 2020, 5:35 PM IST

Updated : Feb 21, 2020, 7:26 PM IST

रायसेन। जिले के बमौरी में भगवान भोलेनाथ का एक अनोखा मंदिर है, जहां भगवान शिव साल में दो बार अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. बताया जाता है यह शिवलिंग को साल भर थाने के लॉकअप में रखा जाता है. वहीं साल में दो बार महाशिवरात्रि और सावन कजलियां पर जमानत पर बाहर आते हैं और अपने भक्तों को दर्शन देते हैं.

साल में दो बार लॉकअप से बाहर आते हैं भोलेनाथ

क्या है कहानी ?

दरअसल 1988 में बमौरी पुलिस थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी ने शिवलिंग की स्थापना कराई थी, लेकिन विवादों के चलते मंदिर को तोड़ दिया गया, जिससे भड़के हिंदू संगठनों ने एक बड़ा आंदोलन किया. जिसके चलते पुलिस के वरिष्ठ अधिकरियों ने मामले को सुलझाते हुए टीन सेट बनाकर भगवान की पूजा-अर्चना करने का निर्णय लिया. वहीं कुछ दिन बाद टीन शेड से बना मंदिर दम तोड़ने लगा तो वहीं थाना भी नई जगह पर बन गया. जिसके बाद नया थाने के लॉकअप में भगवान की पूजा अर्चना की जाने लगी.

अब कई सालों से भगवान को साल में दो बार ही महाशिवरात्रि और सावन कजलियों पर पुराने थाने की जगह पूरी सुरक्षा में ले जाया जाता है, जहां हिंदू संगठनों ने आंदोलन किया था. वहीं भगवान की पूजा अर्चना की जाती है. बता दें कि कुछ माह पहले थाना परिषर में मंदिर का निर्माण करवाया गया है. हालांकि अभी विवादों के चलते भगवान की स्थापना नहीं हो पाई है.

रायसेन। जिले के बमौरी में भगवान भोलेनाथ का एक अनोखा मंदिर है, जहां भगवान शिव साल में दो बार अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. बताया जाता है यह शिवलिंग को साल भर थाने के लॉकअप में रखा जाता है. वहीं साल में दो बार महाशिवरात्रि और सावन कजलियां पर जमानत पर बाहर आते हैं और अपने भक्तों को दर्शन देते हैं.

साल में दो बार लॉकअप से बाहर आते हैं भोलेनाथ

क्या है कहानी ?

दरअसल 1988 में बमौरी पुलिस थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी ने शिवलिंग की स्थापना कराई थी, लेकिन विवादों के चलते मंदिर को तोड़ दिया गया, जिससे भड़के हिंदू संगठनों ने एक बड़ा आंदोलन किया. जिसके चलते पुलिस के वरिष्ठ अधिकरियों ने मामले को सुलझाते हुए टीन सेट बनाकर भगवान की पूजा-अर्चना करने का निर्णय लिया. वहीं कुछ दिन बाद टीन शेड से बना मंदिर दम तोड़ने लगा तो वहीं थाना भी नई जगह पर बन गया. जिसके बाद नया थाने के लॉकअप में भगवान की पूजा अर्चना की जाने लगी.

अब कई सालों से भगवान को साल में दो बार ही महाशिवरात्रि और सावन कजलियों पर पुराने थाने की जगह पूरी सुरक्षा में ले जाया जाता है, जहां हिंदू संगठनों ने आंदोलन किया था. वहीं भगवान की पूजा अर्चना की जाती है. बता दें कि कुछ माह पहले थाना परिषर में मंदिर का निर्माण करवाया गया है. हालांकि अभी विवादों के चलते भगवान की स्थापना नहीं हो पाई है.

Last Updated : Feb 21, 2020, 7:26 PM IST
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