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Yamunotri Bus Accident: पन्ना में एक साथ जली 24 चिताएं, इनमें से दो जोड़े के लिए एक-एक चिता हुई तैयार - यमुनोत्री बस दुर्घटना

यमुनोत्री हाईवे पर डामटा के पास हुए बस हादसे में अपनी जान गंवाने वाले 26 श्रद्धालुओं का मंगलवार को पन्ना में अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान दो ऐसी चिताएं थी, जिसमें जोड़ो को आग दिया गया. दो चिता में एक साथ चार लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. (Yamunotri Bus Accident)

Yamunotri Bus accident Funeral of 26 devotees
पन्ना में 26 श्रद्धालुओं का अंतिम संस्कार
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Published : Jun 7, 2022, 9:52 PM IST

पन्ना। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए बस हादसे (Yamunotri Bus Accident) में 26 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जिनके पार्थिव शवों को कल पन्ना लाया गया था. इसके बाद मंगलवार को सभी शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान दो ऐसे शव का अंतिम संस्कार हुआ जो जोड़े थे. साटा बुद्ध सिंह गांव के द्विवेदी परिवार के जोड़ों के लिए एक साथ चिताएं बनाई गईं, और उनका एक साथ अंतिम संस्कार किया गया.

one pile made for couples in Panna
पन्ना में जोड़ो के लिए बना एक चिता

उत्तरकाशी तीर्थ स्थल जा रहे थे श्रद्धालु: चार धाम की यात्रा में साटा बुद्ध सिंह गांव के कुल आठ लोग गए थे, जिनके लिए ये यात्रा अंतिम यात्रा साबित हुई. यहां के द्विवेदी परिवार के दिनेश प्रसाद द्विवेदी, पत्नी प्रभा द्विवेदी, उनकी मां रामकुंवर, चचेरे भाई हरि नारायण द्विवेदी, उनकी पत्नी हरि बाई और चचेरे भाई रूपनारायण द्विवेदी यात्रा पर गए थे. इसी गांव के चिकित्सक राजाराम सिंह और उनकी पत्नी गीता और रिश्तेदार जनक सिंह जो छतरपुर के निवासी थे वे भी यात्रा पर गए थे.

Yamunotri Bus Accident: पन्ना में एक साथ जली 24 चिताएं, हर तरफ पसरा मातम

दो चिताओं में चार शव जले: द्विवेदी परिवार के वेदनारायण ने बताया कि, इस हादसे की सूचना के बाद से ही गांव में हर तरफ मातम पसरा हुआ है. अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवार के छह सदस्यों की अलग-अलग अर्थियां बनाई गई, लेकिन चिताएं चार ही बनाई गईं थीं. अंतिम संस्कार जोड़ों का एक साथ किया गया. एक चिता में दिनेश प्रसाद द्विवेदी और उनकी पत्नी प्रभा द्विवेदी, वहीं एक अन्य चिता में चचेरे भाई हरि नारायण द्विवेदी और उनकी पत्नी हरि बाई का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया.

लगभग डेढ़ हजार की आबादी वाले साटा गांव के लोगों ने एक चिकित्सक को भी खो दिया. राजाराम सिंह इस गांव के इकलौते चिकित्सक थे और वे लोगों को इलाज किया करते थे. उनका अपनी पत्नी के साथ इस हादसे में निधन हुआ है.

(आईएएनएस)

पन्ना। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए बस हादसे (Yamunotri Bus Accident) में 26 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जिनके पार्थिव शवों को कल पन्ना लाया गया था. इसके बाद मंगलवार को सभी शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान दो ऐसे शव का अंतिम संस्कार हुआ जो जोड़े थे. साटा बुद्ध सिंह गांव के द्विवेदी परिवार के जोड़ों के लिए एक साथ चिताएं बनाई गईं, और उनका एक साथ अंतिम संस्कार किया गया.

one pile made for couples in Panna
पन्ना में जोड़ो के लिए बना एक चिता

उत्तरकाशी तीर्थ स्थल जा रहे थे श्रद्धालु: चार धाम की यात्रा में साटा बुद्ध सिंह गांव के कुल आठ लोग गए थे, जिनके लिए ये यात्रा अंतिम यात्रा साबित हुई. यहां के द्विवेदी परिवार के दिनेश प्रसाद द्विवेदी, पत्नी प्रभा द्विवेदी, उनकी मां रामकुंवर, चचेरे भाई हरि नारायण द्विवेदी, उनकी पत्नी हरि बाई और चचेरे भाई रूपनारायण द्विवेदी यात्रा पर गए थे. इसी गांव के चिकित्सक राजाराम सिंह और उनकी पत्नी गीता और रिश्तेदार जनक सिंह जो छतरपुर के निवासी थे वे भी यात्रा पर गए थे.

Yamunotri Bus Accident: पन्ना में एक साथ जली 24 चिताएं, हर तरफ पसरा मातम

दो चिताओं में चार शव जले: द्विवेदी परिवार के वेदनारायण ने बताया कि, इस हादसे की सूचना के बाद से ही गांव में हर तरफ मातम पसरा हुआ है. अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवार के छह सदस्यों की अलग-अलग अर्थियां बनाई गई, लेकिन चिताएं चार ही बनाई गईं थीं. अंतिम संस्कार जोड़ों का एक साथ किया गया. एक चिता में दिनेश प्रसाद द्विवेदी और उनकी पत्नी प्रभा द्विवेदी, वहीं एक अन्य चिता में चचेरे भाई हरि नारायण द्विवेदी और उनकी पत्नी हरि बाई का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया.

लगभग डेढ़ हजार की आबादी वाले साटा गांव के लोगों ने एक चिकित्सक को भी खो दिया. राजाराम सिंह इस गांव के इकलौते चिकित्सक थे और वे लोगों को इलाज किया करते थे. उनका अपनी पत्नी के साथ इस हादसे में निधन हुआ है.

(आईएएनएस)

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