पन्ना। मध्यप्रदेश का पन्ना जिले में यूं तो खनिज संपदा का भंडार है, और इसके साथ ही पन्ना जिला चारों ओर से जंगलों से घिरा हुआ है, और ज्यादातर यहां पर परंपरागत तरीके से खेती भी अच्छी मात्रा में होती है लेकिन प्रवासी भारतीय साजिद खान जोकि वर्तमान में पन्ना में रहते हैं, उनके द्वारा पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र से मुलाकात करके किसानों को जागरूक करने और परंपरागत खेती से हटकर पन्ना जिले में 1000 एकड़ में अपनी निजी भूमि पर उद्यानिकी फसलों की खेती करने की चर्चा की है.
जानकार मान रहे हैं फायदे का सौदा
साजिद खान के द्वारा लगभग एक हजार एकड़ में स्टीविया जरबेरा समेत कुछ और उद्यानिकी फसलों की पैदावार करके इसे दुबई और अन्य देशी में बेंचने की योजना बना रहे हैं.जानकार विनोद तिवारी का कहना है इस नई तरह की खेती से पन्ना के किसानों का काफी लाभ होगा. इसके साथ ही पन्ना में रोजगार के संसाधन भी उपलब्ध होंगे. पन्ना से पलायन भी रुकेगा, और आम लोगों का विकास भी होगा, इसके साथ ही सैकड़ों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा और मजदूरों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का भी काम किया जाएगा.
उद्यानिकी फसलों में है स्कोप
भाजपा नेता बाबूलाल यादव का कहना है कि उनकी जानकारी में ये काम पन्ना में नया काम होगा, और लोगों में विदेशी फसलों के प्रति जागरूकता भी आएगी. वहीं पन्ना कलेक्टर का कहना है कि अभी कुछ किसानों ने स्टीविया की खेती की थी. जिनकी फसलों को साजिद के द्वारा मौके पर ही खरीद लिया गया है. जैसा उनके द्वारा बताया गया है इसमें काफी अच्छा स्कोप भी दिखाई दे रहा है और इसके साथ ही उनके पास उत्पादन को अन्य देशों में एक्सपोर्ट करने के संसाधन भी है निश्चित ही इससे जिले के किसानों को काफी फायदा मिलेगा.
पन्ना में मौजूद है रोजगार के साधन
मंदिरों की नगरी के नाम से पन्ना जाना जाता है, चारों ओर से घने जंगलों से गिरे पन्ना जिले में अपार खनिज संपदा मौजूद है, लेकिन यहां रोजगार के कोई संसाधन न होने के चलते यहां ग्रामीण अंचलों से बड़ी संख्या में पलायन होता है. कोरोना काल में दुबई से पन्ना वापस आए साजिद खान ने पन्ना में देखा कि यहां रोजगार के साधन काफी है और उद्यानिकी में काफी मौके है. जिसके तहत पन्ना में कई अन्य चीजों की खेती करके दुबई में विक्रय किया जा सकता है. क्योंकि वहां इन फसलों की काफी मांग है जिसके बाद साजिद के द्वारा पन्ना कलेक्टर से मुलाकात करके उनसे चर्चा की है. और बताया कि पन्ना के किसान साल में 2 ही फसल कर पा रहे हैं, उन्हें नई चीज सीखने को मिलेगी. जिससे उन्हें काफी फायदा भी होगा.