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बिन पानी चौपट हो रहा मासूमों का भविष्य, लाइन में ही बीत जाता है शिक्षकों का समय - डीपीसीस

डीपीसी के निर्देश के बाद एक स्कूल में शिक्षक घंटों लाइन में लग कर पानी भर रहे हैं, जिसके चलते बच्चे शिक्षकों के इंतजार में बैठे-बैठे घर चले जाते हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई और भविष्य पर असर पड़ रहा है.

जल संकट से परेशान हो रहा स्कूल
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Published : Jun 30, 2019, 12:07 AM IST

पन्ना। बारिश नहीं होने से जल संकट इस कदर गहराया है कि आवाम का कामकाज ठप होने के साथ ही अब छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी चौपट हो रही है. डीपीसी के निर्देश के बाद एक स्कूल में शिक्षक घंटों लाइन में लग कर पानी भर रहे हैं, जिसके चलते बच्चे शिक्षकों के इंतजार में बैठे-बैठे घर चले जाते हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई और भविष्य पर असर पड़ रहा है.

डीपीसी ने निर्देश दिया है कि किसी भी स्कूल में पानी की समस्या न हो. चाहे शिक्षकों को ही स्कूल में क्यों न मटके और डब्बे रख कर पानी भरना पड़े. पन्ना के रानीबाग विद्यालय में शिक्षक घंटों लाइन में लग कर पानी भरते हैं और बच्चे शिक्षक के इंतजार करके घर चले जाते हैं. स्कूल से 300 फीट की दूरी पर बोर है, जहां से आस-पास के लोग भी पानी भरने आते हैं. इससे समय बर्बाद होने के साथ ही बच्चों के पढ़ाई पर असर पड़ रहा है.

जल संकट से परेशान हो रहा स्कूल

पानी की समस्या के चलते बोर के पास लंबी लाइन लगी रहती है और शिक्षक भी स्कूल के समय में अपनी बारी का इंतजार करते हैं. कई बच्चे तो इस वजह से स्कूल भी नहीं जाते हैं, जिसके चलते क्लास खाली रहती है. स्कूल प्रबंधन ने कई बार स्कूल में बोरिंग के लिए शासन को आवेदन दिया, लेकिन हालात वही ढाक के तीन पात जैसे ही रह गये.

शिक्षकों का कहना है कि अगर बोर से पाइप लाइन जोड़ दी जाती है तो पानी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा. पीने के साथ-साथ शौचालय में भी पानी की समस्या बनी रहती है.

पन्ना। बारिश नहीं होने से जल संकट इस कदर गहराया है कि आवाम का कामकाज ठप होने के साथ ही अब छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी चौपट हो रही है. डीपीसी के निर्देश के बाद एक स्कूल में शिक्षक घंटों लाइन में लग कर पानी भर रहे हैं, जिसके चलते बच्चे शिक्षकों के इंतजार में बैठे-बैठे घर चले जाते हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई और भविष्य पर असर पड़ रहा है.

डीपीसी ने निर्देश दिया है कि किसी भी स्कूल में पानी की समस्या न हो. चाहे शिक्षकों को ही स्कूल में क्यों न मटके और डब्बे रख कर पानी भरना पड़े. पन्ना के रानीबाग विद्यालय में शिक्षक घंटों लाइन में लग कर पानी भरते हैं और बच्चे शिक्षक के इंतजार करके घर चले जाते हैं. स्कूल से 300 फीट की दूरी पर बोर है, जहां से आस-पास के लोग भी पानी भरने आते हैं. इससे समय बर्बाद होने के साथ ही बच्चों के पढ़ाई पर असर पड़ रहा है.

जल संकट से परेशान हो रहा स्कूल

पानी की समस्या के चलते बोर के पास लंबी लाइन लगी रहती है और शिक्षक भी स्कूल के समय में अपनी बारी का इंतजार करते हैं. कई बच्चे तो इस वजह से स्कूल भी नहीं जाते हैं, जिसके चलते क्लास खाली रहती है. स्कूल प्रबंधन ने कई बार स्कूल में बोरिंग के लिए शासन को आवेदन दिया, लेकिन हालात वही ढाक के तीन पात जैसे ही रह गये.

शिक्षकों का कहना है कि अगर बोर से पाइप लाइन जोड़ दी जाती है तो पानी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा. पीने के साथ-साथ शौचालय में भी पानी की समस्या बनी रहती है.

Intro:पन्ना में जल संकट इस कदर गहराया हुआ है कि अब आम लोगो के कामकाज के साथ - साथ छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी चौपट हो रही है। दरसल डीपीसी के निर्देश थे कि किसी भी विद्यालय में पानी की समस्या न हो चाहे शिक्षकों को ही क्यों न विद्यालय में मटके और डब्बे रख कर पानी भरने पड़े।


Body:एंकर :- जिस कारण से पन्ना के रानीबाग विद्यालय में शिक्षक घंटो लाइन में लग कर पानी भरते है और बच्चे शिक्षकों के इंतिजार में बैठे-बैठे घर चले जाते है। स्कूल से तीन सौ फिट की दूरी पर बोर लगा हुआ है जहाँ से आस-पास के लोग पानी भरने आते है पानी की समस्या के चलते बोर में लंबी लाइन लगी रहती है और स्कूल के शिक्षक भी स्कूल समय मे अपनी बारी का इंतिजार करते है।


Conclusion:बीओ :- 1 कई बच्चे तो इसी वजह से स्कूल भी नही आते है जिस कारण क्लास खाली रहती है स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि अगर बोर से पाइप लाइन जोड़ दी जाती है तो पानी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। पीने के साथ-साथ शौचालय में भी पानी की समस्या बनी रहती है।
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