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ग्राम स्वराज भवन में भरा भूसा, नहीं होती जनसुनवाई - kakarhata village

पन्ना के जनपद पंचायत गुनौर क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों में अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. इन मामलों में अधिकारियों की चुप्पी कई प्रश्न चिन्ह खड़े कर रही है. कर्मचारियों की बेफिक्री का आलम यह है कि बगैर काम किए ही लाखों रुपए फर्जी तरीके से निकाले जा रहे हैं. कई ग्राम पंचायतों में फर्जी फर्मों के नाम से बिल लगाकर सरकारी राशि का गोलमाल किया जा रहा है.

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ग्राम स्वराज भवन में भरा भूसा
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Published : Sep 12, 2020, 2:53 PM IST

Updated : Sep 12, 2020, 4:16 PM IST

पन्ना। जनपद पंचायत गुनौर में आने वाली ग्राम पंचायत ककरहटा भ्रष्टाचार को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीएम आवास योजना का लाभ गरीबों को नहीं दिया जा रहा है, तो वहीं स्वच्छता को लेकर जहां प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर रहा है वहीं स्वच्छता की पोल भी ग्राम में सड़क के बीच बह रहे नाले और बदबू मार रही सड़कें बता रही हैं. प्रधानमंत्री ने महिलाओं को सम्मान देने घर-घर शौचालय निर्माण कराने के लिए भारी भरकम बजट खर्च किया, लेकिन इस ग्राम पंचायत में आज भी लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं. गांव में शौचालय नहीं बनवाए गए हैं तो इतना भारी भरकम बजट कहा गया ये जांच का विषय है.

ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच व सचिव की मिलीभगत से ग्राम पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. बिना काम कराए शासन की राशि निकाली जा रही है. जैसे बलराम तालाब में अपने सगे संबंधियों जैसे अपनी बहू का नाम, अपनी पत्नी, पिता, लड़का-लड़की के नाम राशि आहरित की गई है. ग्राम में जो विकलांग है, जिनको वृद्धा पेंशन मिलती है. उनके फर्जी नाम चढ़ाकर पैसे हजम कर लिए गए. गांव की सड़कें दलदल में तब्दील हैं, लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री आवास में भी ग्रामीणों ने सरपंच व सचिव पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया गया था और नाम भी दूसरे नंबर पर था लेकिन जिंदा पत्नी को मृत बताकर अपात्र कर दिया गया ऐसे एक मामले नहीं कई मामले हैं. यही नहीं मेड बंधन में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. अपने सगे संबंधियों के नाम केवल मेड का चारा काट कर राशि निकाली गई. बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि ग्राम स्वराज भवन में भूसा भरा हुआ है. ग्राम पंचायत किराए पर चल रही है. जिले के नवागत कलेक्टर संजय मिश्रा से मांग है कि ग्राम पंचायत में हुए व्यापक भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच गुनौर टीम से ना करा कर पन्ना की टीम से कराई जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.

मामले में कलेक्टर संजय मिश्रा ने जांच का आश्वासन दिया है उन्होंने कहा कि पंचायतों में भारत सरकार व मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राशि पहुंचाई जाती है. सीधे हितग्राहियों के खाते में नहीं जाती है. जिनके खातों में राशि पहुंचती है, उन हितग्राहियों को राशि निकालकर किसी दूसरे को देने की आवश्यकता नहीं है. ककरहटा ग्राम पंचायत का गंभीर मुद्दा है इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पन्ना। जनपद पंचायत गुनौर में आने वाली ग्राम पंचायत ककरहटा भ्रष्टाचार को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीएम आवास योजना का लाभ गरीबों को नहीं दिया जा रहा है, तो वहीं स्वच्छता को लेकर जहां प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर रहा है वहीं स्वच्छता की पोल भी ग्राम में सड़क के बीच बह रहे नाले और बदबू मार रही सड़कें बता रही हैं. प्रधानमंत्री ने महिलाओं को सम्मान देने घर-घर शौचालय निर्माण कराने के लिए भारी भरकम बजट खर्च किया, लेकिन इस ग्राम पंचायत में आज भी लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं. गांव में शौचालय नहीं बनवाए गए हैं तो इतना भारी भरकम बजट कहा गया ये जांच का विषय है.

ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच व सचिव की मिलीभगत से ग्राम पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. बिना काम कराए शासन की राशि निकाली जा रही है. जैसे बलराम तालाब में अपने सगे संबंधियों जैसे अपनी बहू का नाम, अपनी पत्नी, पिता, लड़का-लड़की के नाम राशि आहरित की गई है. ग्राम में जो विकलांग है, जिनको वृद्धा पेंशन मिलती है. उनके फर्जी नाम चढ़ाकर पैसे हजम कर लिए गए. गांव की सड़कें दलदल में तब्दील हैं, लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री आवास में भी ग्रामीणों ने सरपंच व सचिव पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया गया था और नाम भी दूसरे नंबर पर था लेकिन जिंदा पत्नी को मृत बताकर अपात्र कर दिया गया ऐसे एक मामले नहीं कई मामले हैं. यही नहीं मेड बंधन में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. अपने सगे संबंधियों के नाम केवल मेड का चारा काट कर राशि निकाली गई. बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि ग्राम स्वराज भवन में भूसा भरा हुआ है. ग्राम पंचायत किराए पर चल रही है. जिले के नवागत कलेक्टर संजय मिश्रा से मांग है कि ग्राम पंचायत में हुए व्यापक भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच गुनौर टीम से ना करा कर पन्ना की टीम से कराई जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.

मामले में कलेक्टर संजय मिश्रा ने जांच का आश्वासन दिया है उन्होंने कहा कि पंचायतों में भारत सरकार व मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राशि पहुंचाई जाती है. सीधे हितग्राहियों के खाते में नहीं जाती है. जिनके खातों में राशि पहुंचती है, उन हितग्राहियों को राशि निकालकर किसी दूसरे को देने की आवश्यकता नहीं है. ककरहटा ग्राम पंचायत का गंभीर मुद्दा है इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Sep 12, 2020, 4:16 PM IST
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