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लापरवाही की हद: कोरोना पॉजिटिव बताकर तीन दिन किया स्वस्थ शिक्षक का इलाज - लापरवाही की हद

पन्ना जिले से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है, जहां एक टीचर को कोरोना पॉजिटिव बताकर तीन दिन इलाज किया गया. बाद में स्टॉफ ने उन्हें यह कहकर छोड़ दिया कि आपको गलती से ले आए थे. इसके बाद शख्स के परिजनों ने हंगामा कर दिया, मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने शख्स को समझाकर मामला रफा दफा कर दिया.

Health Department Negligence
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
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Published : Sep 10, 2020, 6:56 PM IST

पन्ना। जिले के कोविड केयर सेंटर में बड़ी चूक का मामला सामने आया है, जहां पर एक शिक्षक को कोरोना संक्रमित बताकर 3 दिन तक कोविड केयर सेंटर में इलाज कर दिया, जबकि टीचर कोविड पॉजिटिव नहीं थे और बाद में उन्हें स्वस्थ बताकर विभाग ने रात के वक्त डिस्चार्ज कर दिया. सेंटर पहुंचे परिजनों ने शिक्षक को घर ले जाने से इंकार इसलिए कर दिया, क्योंकि शिक्षक की नेगेटिव रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग ने नहीं दी थी. शिक्षक और उनके परिजन से स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी चूक को लेकर सेंटर में कई घंटे विवाद चलता रहा.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शिक्षक और उसके परिजनों को समझाया और सुबह सैंपल लेंने की बात कही, तब मामला शांत हुआ. कोरोनाकाल में अब स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाहियां लगातार उजागर हो रही हैं. मरीज कोविड सेंटर से फरार हो रहे हैं, तो कहीं स्वस्थ इंसान को कोविड पॉजिटिव बताकर इलाज किया जा रहा है.

इस मामले में स्वास्थ्य विभाग न सिर्फ टीचर को कोविड केयर सेंटर लेकर आए बल्कि उनके घर के आसपास के इलाके को कंटेनमेंट जोन भी घोषित कर दिया. पूरे परिवार के सेंपल लिए गए और तीन दिन बाद टीचर को स्टाफ ने बताया कि आपको गलती से लाया गया था और आप कोरोना पॉजिटिव नहीं आए हैं, ऐसा कहकर शिक्षक को कोविड केयर सेंटर से डिस्चार्ज कर दिया गया. काफी देर विवाद के बाद जिले के वरिष्ट अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर शिक्षक और उनके परिजन को समझाया कि सुबह उनकी रिपोर्ट दे दी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग इस तरह की लापरवाही से बड़ी बदनामी हुई है साथ ही आम लोगों में भी खौफ फैल रहा है कि किसी भी शख्स को कोरोना पॉजिटिव बताकर इलाज किया जा रहा है.

पन्ना। जिले के कोविड केयर सेंटर में बड़ी चूक का मामला सामने आया है, जहां पर एक शिक्षक को कोरोना संक्रमित बताकर 3 दिन तक कोविड केयर सेंटर में इलाज कर दिया, जबकि टीचर कोविड पॉजिटिव नहीं थे और बाद में उन्हें स्वस्थ बताकर विभाग ने रात के वक्त डिस्चार्ज कर दिया. सेंटर पहुंचे परिजनों ने शिक्षक को घर ले जाने से इंकार इसलिए कर दिया, क्योंकि शिक्षक की नेगेटिव रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग ने नहीं दी थी. शिक्षक और उनके परिजन से स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी चूक को लेकर सेंटर में कई घंटे विवाद चलता रहा.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शिक्षक और उसके परिजनों को समझाया और सुबह सैंपल लेंने की बात कही, तब मामला शांत हुआ. कोरोनाकाल में अब स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाहियां लगातार उजागर हो रही हैं. मरीज कोविड सेंटर से फरार हो रहे हैं, तो कहीं स्वस्थ इंसान को कोविड पॉजिटिव बताकर इलाज किया जा रहा है.

इस मामले में स्वास्थ्य विभाग न सिर्फ टीचर को कोविड केयर सेंटर लेकर आए बल्कि उनके घर के आसपास के इलाके को कंटेनमेंट जोन भी घोषित कर दिया. पूरे परिवार के सेंपल लिए गए और तीन दिन बाद टीचर को स्टाफ ने बताया कि आपको गलती से लाया गया था और आप कोरोना पॉजिटिव नहीं आए हैं, ऐसा कहकर शिक्षक को कोविड केयर सेंटर से डिस्चार्ज कर दिया गया. काफी देर विवाद के बाद जिले के वरिष्ट अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर शिक्षक और उनके परिजन को समझाया कि सुबह उनकी रिपोर्ट दे दी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग इस तरह की लापरवाही से बड़ी बदनामी हुई है साथ ही आम लोगों में भी खौफ फैल रहा है कि किसी भी शख्स को कोरोना पॉजिटिव बताकर इलाज किया जा रहा है.

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