ETV Bharat / state

निजी स्कूलों के दवाब से परेशान अभिभावक, स्कूल के बाहर चस्पा किया प्रार्थना पत्र - teachers demand fees

पन्ना जिले का निजी स्कूल ऑनलाइन क्लासेस संचालित कर रहा है और अभिभावकों को टीचर के इमोशनल वीडियो भेज कर फीस देने की मांग कर रहा है, जिसका विरोध अभिभावक कर रहे हैं.

letter displayed in school
स्कूल के बाहर चस्पा किया प्रार्थना पत्र
author img

By

Published : May 15, 2020, 8:46 PM IST

पन्ना। कोरोना काल में पूरा देश आर्थिक तंगी से गुजर रहा है, ऐसे में निजी स्कूल लिस्यू आनंद हाई स्कूल अभिभावकों से फोन पर फीस देने की मांग कर रहा है. इससे परेशान अभिभावकों ने स्कूल के बाहर ऑनलाइन क्लासेस संचालित कर मांगी जा रही फीस माफ करने के लिए स्कूल के बाहर प्रार्थना पत्र चस्पा किया है.

स्कूल के बाहर चस्पा किया प्रार्थना पत्र

स्कूल प्रबंधन आर्थिक तंगी की बात कहते हुए फीस की मांग कर रहा है, जबकि अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन और टीचर फोन पर लगाकर टीचर के इमोशनल वीडियो भेजकर और अन्य तरीकों से फीस जमा करने के लिए प्रताड़ित कर रहा है. स्कूल अपनी मनमानी के लिए जाना जाता है और स्कूल में 3,000 से ज्यादा बच्चे अध्ययन करते हैं, उनसे वार्षिक फीस प्रति बच्चे 20,000 तक वसूला जाता है. इस हिसाब से लगभग छह करोड़ का व्यापार करने वाला ये स्कूल किसी प्रकार की आर्थिक तंगी से कैसे गुजर सकता है.

परिजनों ने स्कूल की अनियमितताएं गिनाते हुए बताया कि स्कूल में हर वर्ष किताबों को बदल दिया जाता है और जिले की एक ही दुकान पर इन किताबों को मनमाने दामों पर बेचा जाता है. कोरोना संकट में अभिभावकों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए स्कूल प्रबंधन को फीस नहीं लेनी चाहिए.

पन्ना। कोरोना काल में पूरा देश आर्थिक तंगी से गुजर रहा है, ऐसे में निजी स्कूल लिस्यू आनंद हाई स्कूल अभिभावकों से फोन पर फीस देने की मांग कर रहा है. इससे परेशान अभिभावकों ने स्कूल के बाहर ऑनलाइन क्लासेस संचालित कर मांगी जा रही फीस माफ करने के लिए स्कूल के बाहर प्रार्थना पत्र चस्पा किया है.

स्कूल के बाहर चस्पा किया प्रार्थना पत्र

स्कूल प्रबंधन आर्थिक तंगी की बात कहते हुए फीस की मांग कर रहा है, जबकि अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन और टीचर फोन पर लगाकर टीचर के इमोशनल वीडियो भेजकर और अन्य तरीकों से फीस जमा करने के लिए प्रताड़ित कर रहा है. स्कूल अपनी मनमानी के लिए जाना जाता है और स्कूल में 3,000 से ज्यादा बच्चे अध्ययन करते हैं, उनसे वार्षिक फीस प्रति बच्चे 20,000 तक वसूला जाता है. इस हिसाब से लगभग छह करोड़ का व्यापार करने वाला ये स्कूल किसी प्रकार की आर्थिक तंगी से कैसे गुजर सकता है.

परिजनों ने स्कूल की अनियमितताएं गिनाते हुए बताया कि स्कूल में हर वर्ष किताबों को बदल दिया जाता है और जिले की एक ही दुकान पर इन किताबों को मनमाने दामों पर बेचा जाता है. कोरोना संकट में अभिभावकों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए स्कूल प्रबंधन को फीस नहीं लेनी चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.