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खुद ही बीमार है पन्ना जिला अस्पताल, स्वास्थ्य सुविधाओं का है बुरा हाल, डॉक्टर की है भारी कमी

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Published : Aug 8, 2019, 10:24 PM IST

पन्ना जिला अस्पताल अपनी बदहाली के आंसू बहाने को मजबूर है. हॉस्पिटल में  डॉक्टरों की भारी कमी  है,जिसकी वजह से मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल

पन्ना। पन्ना जिला अस्पताल अपनी बदहाली के आंसू बहाने को मजबूर है. हॉस्पिटल में डॉक्टरों की भारी कमी है,जिसकी वजह से मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात यह है कि मरीज सुबह से शाम अपनी बारी का इंतजार करते हैं और बाद में बिना इलाज कराए उन्हें वापस लौटना पड़ता है.


पन्ना के जिला अस्पताल में मरीजों की लंबी- लंबी लाइन लगी देखने को मिलती है, इलाज के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. जिला चिकित्सालय में करीब 50 प्रतिशत डॉक्टरों के पद खाली पड़े हुए हैं. क्लास वन के 28 में सिर्फ 3 डॉक्टर हैं. क्लास 2 के 20 के सिर्फ 8 से 9 डॉक्टर हैं. उन्हें भी कही टीकाकरण प्रभारी बना दिया गया है.

पन्ना जिला अस्पताल की हालत खराब


जिस कारण से कुछ गिने- चुने डॉक्टर ही मरीजों को देख पाते हैं. कई मरीजों को इलाज के लिए छतरपुर या सतना जाना पड़ता है. वहीं कई बार तो इलाज न मिल पाने के चलते मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ती है.

पन्ना। पन्ना जिला अस्पताल अपनी बदहाली के आंसू बहाने को मजबूर है. हॉस्पिटल में डॉक्टरों की भारी कमी है,जिसकी वजह से मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात यह है कि मरीज सुबह से शाम अपनी बारी का इंतजार करते हैं और बाद में बिना इलाज कराए उन्हें वापस लौटना पड़ता है.


पन्ना के जिला अस्पताल में मरीजों की लंबी- लंबी लाइन लगी देखने को मिलती है, इलाज के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. जिला चिकित्सालय में करीब 50 प्रतिशत डॉक्टरों के पद खाली पड़े हुए हैं. क्लास वन के 28 में सिर्फ 3 डॉक्टर हैं. क्लास 2 के 20 के सिर्फ 8 से 9 डॉक्टर हैं. उन्हें भी कही टीकाकरण प्रभारी बना दिया गया है.

पन्ना जिला अस्पताल की हालत खराब


जिस कारण से कुछ गिने- चुने डॉक्टर ही मरीजों को देख पाते हैं. कई मरीजों को इलाज के लिए छतरपुर या सतना जाना पड़ता है. वहीं कई बार तो इलाज न मिल पाने के चलते मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ती है.

Intro:पन्ना।
एंकर :- पन्ना जिला चिकित्सालय अपनी बदहाली पर अंशू बहा रहा है। मध्यप्रदेश के सबसे पिछड़े जिले पन्ना में डॉक्टरों की भारी कमी है जिस कारण से मरीजो की लंबी लंबी लाइन लगी हुई है और घंटो मरीजो को अपने नंबर का इंतिजार करना पड़ता है। कई मरीज तो ऐसे है तो सुबह से शाम तक अपने नम्बर का इंतिजार करते करते बिना दिखवाये ही वापस अपने घर चले जाते है। क्योंकि बदलते मौसम की वजह से इन दिनों मरीजो का जिला चिकित्सालय में तांता लगा हुआ है।


Body:जिला चिकित्सालय पन्ना के लगभग 50 प्रतिशत डॉक्टरों के पद खाली बड़े हुए है। पन्ना में क्लास वन के 28 में सिर्फ 3 डॉक्टर है। क्लास 2 टू के 20 के सिर्फ 8 से 9 डॉक्टर है और उन्हें भी कही टीकाकरण प्रभारी बना दिया गया है या अन्य जिम्मेदारियां दे दी गई है जिस कारण से कुछ गिने चुने डॉक्टर ही मरीजो को देख पाते है। पन्ना की जनता के द्वारा कई बार आंदोलन किये गये लेकिन रिसाल्ट कुछ भी नही निकल।


Conclusion:पन्ना में मरीजो को या तो पड़ोसी जिला छतरपुर या सतना उपचार के लिए जाना पड़ता है। कई बार उपचार के अभाव के गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चो सही लोगो को अपनी जान भी गवानी पड़ी है। इस लिए जिला चिकित्सालय पन्ना को रेफर हॉस्पिटल के नाम से भी जाना जाता है। बात कुछ भी हो लेकिन इन सब बातों का खामियाजा पन्ना वासियो को भुगतना पड़ रहा है।
बाइट :- 1 राजा उपाध्याय (मरीज)
बाइट :- 2 डॉ. एल.के. तिवारी (सीएमएचओ पन्ना)
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