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लापरवाही की हद! तीन महीने से ड्राई पड़ा है पन्ना जिला अस्पताल का ब्लड बैंक, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

पन्ना जिला अस्पताल (Panna District Hospital) स्थित ब्लड बैंक में पिछले तीन महीनों से ब्लड नहीं है. ब्लड बैंक पूरी तरह ड्राइ हो चुका है.ये स्थिति पिछले तीन महीने से बनी हुई है.

Panna District Hospital
पन्ना जिला अस्पताल
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Published : Dec 24, 2020, 4:22 PM IST

पन्ना। पन्ना जिला अस्पताल (Panna District Hospital) स्थित ब्लड बैंक की क्षमता एक टाइम में 200 यूनिट रक्त को सुरक्षित रखने की है, लेकिन मौजूदा वक्त में ब्लड बैंक में एक यूनिट भी रक्त मौजूद नहीं है. ब्लड बैंक ड्राइ हो चुका है. जिससे इमरजेंसी और एक्सीडेंटल केस के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ये स्थिति पिछले तीन महीने से बनी हुई है.

ब्लड बैंक में एक यूनिट भी रक्त नहीं होना अस्पताल और जिला प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है. हालात बदतर होते जा रहे हैं, लेकिन रक्तदान शिविर का भी आयोजन नहीं किया जा रहा है. प्रशासन गहरी नींद में सो रहा है और मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है.

गौरतलब है कि आजीविका के संसाधन सीमित होने के कारण जिले में करीब 60 महिलाएं एनीमियां की शिकार हैं. डिलीवरी के समय उन्हें सबसे अधिक रक्त की जरूरत होती है. इसके अलावा कुपोषित बच्चों के लिए भी रक्त की मांग बढ़ी है. इन तमाम परिस्थितियों के बाद भी जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक में खून नहीं है.

मुख्य चिकित्सक एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि सिविल सर्जन को निर्देश दे दिये गए हैं. जल्द से जल्द जिला मुख्यालय व ब्लॉक स्तर पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर ब्लड की आपूर्ति की जाएगी.

पन्ना। पन्ना जिला अस्पताल (Panna District Hospital) स्थित ब्लड बैंक की क्षमता एक टाइम में 200 यूनिट रक्त को सुरक्षित रखने की है, लेकिन मौजूदा वक्त में ब्लड बैंक में एक यूनिट भी रक्त मौजूद नहीं है. ब्लड बैंक ड्राइ हो चुका है. जिससे इमरजेंसी और एक्सीडेंटल केस के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ये स्थिति पिछले तीन महीने से बनी हुई है.

ब्लड बैंक में एक यूनिट भी रक्त नहीं होना अस्पताल और जिला प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है. हालात बदतर होते जा रहे हैं, लेकिन रक्तदान शिविर का भी आयोजन नहीं किया जा रहा है. प्रशासन गहरी नींद में सो रहा है और मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है.

गौरतलब है कि आजीविका के संसाधन सीमित होने के कारण जिले में करीब 60 महिलाएं एनीमियां की शिकार हैं. डिलीवरी के समय उन्हें सबसे अधिक रक्त की जरूरत होती है. इसके अलावा कुपोषित बच्चों के लिए भी रक्त की मांग बढ़ी है. इन तमाम परिस्थितियों के बाद भी जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक में खून नहीं है.

मुख्य चिकित्सक एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि सिविल सर्जन को निर्देश दे दिये गए हैं. जल्द से जल्द जिला मुख्यालय व ब्लॉक स्तर पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर ब्लड की आपूर्ति की जाएगी.

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