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नागपंचमी पर भक्तों ने भगवान शिव और नागदेवता को चढ़ाया दूध, सोशल डिस्टेंसिंग का दिखा असर - Panna Nag Panchami News

पन्ना जिले में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नाग पंचमी पर लोगों ने पूजन किया. इस दौरान लोग शिवालय पहुंचे जहां उन्होंने नाग देवता को जल चढ़ाकर कोरोना महामारी के खत्म होने की प्रार्थना की.

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Published : Jul 25, 2020, 6:40 PM IST

पन्ना। जिले में नागपंचमी के त्योहार पर लोगों ने लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शिवालयों और अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना की. इस दौरान सुबह से भक्तों ने स्नान कर भगवान शिव और नागदेवता को दूध चढ़ाकर देश में जल्द कोरोना महामारी से मुक्त करने की प्रार्थना की. भक्तों ने कहा कि जैसे नागराज इस त्योहार पर दूध का सेवन करते हैं, उसी प्रकार इस महामारी को हर लें और जल्द हमारा देश इस घोर संकट से निकलकर बाहर आए.

पूरे देश में हर वर्ष नागपंचमी का त्योहार बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता रहा है. पन्ना में नागपंचमी के दिन ऐतिहासिक दंगल कुश्ती, जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था, लेकिन अब लॉकडाउन के चलते शासन प्रशासन के आदेशानुसार ही त्योहार मनाए जा रहे हैं. जिसमे नागपंचमी पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम नही हो रहे हैं.

लोग साधारण रूप से भगवान शिव और नागराज को दूध चढ़ाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं. मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से उनकी कृपा मिलती और सर्प से किसी भी प्रकार की हानि का भय नहीं रहता. जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष होता है उन्हें इस दिन पूजन करने से इस दोष से छुटकारा मिल जाता है. बुंदेलखंड में बड़ी मान्यता के साथ यह त्योहार मनाया जाता है.

पन्ना। जिले में नागपंचमी के त्योहार पर लोगों ने लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शिवालयों और अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना की. इस दौरान सुबह से भक्तों ने स्नान कर भगवान शिव और नागदेवता को दूध चढ़ाकर देश में जल्द कोरोना महामारी से मुक्त करने की प्रार्थना की. भक्तों ने कहा कि जैसे नागराज इस त्योहार पर दूध का सेवन करते हैं, उसी प्रकार इस महामारी को हर लें और जल्द हमारा देश इस घोर संकट से निकलकर बाहर आए.

पूरे देश में हर वर्ष नागपंचमी का त्योहार बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता रहा है. पन्ना में नागपंचमी के दिन ऐतिहासिक दंगल कुश्ती, जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था, लेकिन अब लॉकडाउन के चलते शासन प्रशासन के आदेशानुसार ही त्योहार मनाए जा रहे हैं. जिसमे नागपंचमी पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम नही हो रहे हैं.

लोग साधारण रूप से भगवान शिव और नागराज को दूध चढ़ाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं. मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से उनकी कृपा मिलती और सर्प से किसी भी प्रकार की हानि का भय नहीं रहता. जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष होता है उन्हें इस दिन पूजन करने से इस दोष से छुटकारा मिल जाता है. बुंदेलखंड में बड़ी मान्यता के साथ यह त्योहार मनाया जाता है.

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