पन्ना। जिला अस्पताल में जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते व्यवस्थाएं भंग हैं. पहाड़ी खेरा ग्राम से लगे ग्राम लुहरहाई में उल्टी दस्त का प्रकोप चल रहा है. इसी ग्राम से मुनिया आदिवासी ने अपनी 4 वर्ष की बेटी को सोमवार को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया. जिला चिकित्सालय में सोमवार से इलाज करवाते हुए शुक्रार को 4 वर्ष की बच्ची की मृत्यु हो गई. इसके बाद पीड़ित परिजनों ने जिला चिकित्सालय से छुट्टी करवा कर अपने ग्राम वापस जाने के लिए जिला चिकित्सालय से शव वाहन की व्यवस्था कराई.
बीच रास्ते में छोड़ दिया बच्ची का शव : जिला चिकित्सालय में सक्रिय दलालों द्वारा गरीब आदिवासी को गुमराह करते हुए एंबुलेंस ले जाने के एवज में 1100 रुपए की मांग की गई. इसे पीड़ित आदिवासी देने में असमर्थता महसूस करने लगा. इसके बाद कोतवाली चौराहे पर एंबुलेंस चालक ने आदिवासी से गाड़ी रोककर वहीं उतारने के लिऐ कहा. एंबुलेंस चालक कोतवाली चौराहे पर ही गरीब आदिवासी को मृतक बच्ची के साथ रास्ते में छोड़कर एंबुलेंस लेकर वापस चला गया. अजयगढ़ चौराहे में जैसे लोगों को जानकारी लगी तो वहां लोगों का हुजूम लग गया.
सिविल सर्जन ने दूसरी एंबुलेंस से भिजवाया : किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शशिकांत दीक्षित मौके पर पहुंच गए. जिसके बाद उन्होंने मौके पर ही सिविल सर्जन डॉ एल के तिवारी को इस घटनाक्रम की जानकारी दी. इसके बाद डॉ. एलके तिवारी ने तुरंत आननफानन में गरीब आदिवासी को एंबुलेंस की व्यवस्था करवा कर अपने गंतव्य तक पहुंचाया. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब जिला चिकित्सालय द्वारा पीड़ित को एंबुलेंस उसके ग्राम तक पहुंचाने के लिए भेजी गई थी तो एंबुलेंस चालक ने गरीब आदिवासी को मृतक बेटी सहित बीच रास्ते पर क्यों छोड़ दिया.
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