पन्ना। जिले से पलायन लगातार जारी है. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों से प्रतिदिन रोजगार की तलाश में मजदूरों का पलायन हो रहा है, लेकिन प्रशासन इसे अनदेखा कर रहा है. पंचायतों को रोजगार गारंटी योजना की राशि नहीं मिलने और काम नहीं मिलने की वजह से लगातार वे रोजी-रोटी की तलाश में गांव खाली कर रहे हैं.
सिर्फ मजदूर ही नहीं पन्ना जिले से कई युवा भी पलायन कर महानगरों की तरफ रुख कर रहे हैं, जो न केवल बच्चों की शिक्षा को बर्बाद कर रहा है बल्कि असुरक्षित तरीके से पलायन करने की वजह से मजदूरों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
पलायन का कारण यहां मजदूरों को गांव में काम न मिलना और जिले पत्थर खदानों का बंद होना भी है. इतना ही नहीं ठेकेदारों, जमादारों और दलालों के चक्कर मे पड़कर मजदूर काफी नुकसान भी झेल रहे हैं. कई ऐसे मामले भी सामने आ चुके है जहां पन्ना के ग्रामीण अंचलों से मजदूरी करने महानगरों की तरफ गये उन्हें मजदूरी का पैसा भी नहीं दिया गया.
समाजसेवियों और जानकारों की माने तो बाहर जाकर काम करने से न केवल मजदूर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. बल्कि बच्चे शिक्षा से भी वंचित हो रहे हैं. वहीं श्रम अधिकारी का कहना है कि मजदूर के बिना पंजीकरण कराए बाहर काम करने की वजह से उन्हें सुरक्षित पलायन नहीं मिल पाता है और ठेकेदार उनका शोषण कर लेते हैं.