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कोरोना काल में मजदूरों की चमकी किस्मत, उथली खदान से मिला इतने कैरेट का हीरा

कोरोना काल में पन्ना में हीरे की खदान में काम करने वाले मजदूरों की किस्मत चमक गई है. उन्हें रानीपुर की उथली हीरा खदान से 10.69 कैरेट का बेशकीमती हीरा मिला है.

Laborers got diamond
मजदूरों को मिला हीरा
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Published : Jul 21, 2020, 7:20 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 9:47 PM IST

पन्ना। कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन में लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. लेकिन प्रदेश के पन्ना जिले में एक मजदूर की किस्मत चमक गई है. मजदूर आनंदी लाल कुशवाहा को बेशकीमती उज्ज्वैल जैम क्वॉलिटी का हीरा मिला है. जिसकी अनुमानित कीमत 50 लाख ज्यादा बताई जा रही है.

मजदूरों को मिला हीरा

मजदूर आनंदी लाल कुशवाहा का कहना है 'रानीपुर की उथली हीरा खदान से हीरा मिला है. भगवान जुगल किशोर की उस पर कृपा हुई है, पहले भी इसी खदान से 70 सेंट का हीरा मिल चुका है और अब उसे 10.69 कैरेट का बेशकीमती हीरा मिला है.' हीरा मिलने के बाद मजदूर और उसके साथियों के खुशी से चेहरे खिल गए हैं. दोनों हीरे कार्यालय में जमा किए गए हैं और आगामी हीरे की नीलामी में इन्हें रखा जाएगा.

हीरा मिलने के बाद मजदूर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उथली खदान से मिले हीरे को उन्होंने कार्यालय में जमा कर दिया है. अधिकारी हीरे को साफ कर उसे बेचने लायक बना रहे हैं. आगे भी वे इसी काम को करते रहेंगे.

हीरा अधिकारी आरके पाण्डेय ने बताया कि लॉकडाउन के बाद इतनी बड़े साइज का ये पहला हीरा है. इससे पहले भी छोटे हीरे मिले थे. आनंदी लाल कुशवाहा को जिस खदान का पट्टा दिया गया था, उसमें अब तक दो हीरे मिल चुके हैं. हीरे की कीमत को लेकर उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी कीमत बता पाना मुश्किल है. लेकिन ये बेहद कीमती हीरा है.

बता दें, पन्ना अपने हीरों के लिए बहुत मशहूर है, यहां पहले भी कई किसान और मजदूरों को कीमती हीरे मिल चुके हैं. लेकिन सबसे महंगा हीरा अक्टूबर 1961 में रसूल मोहम्मद को मिला था. जो 44.55 कैरेट का था. उस समय हीरे की कीमत 3 लाख रुपए थी, आज अगर ऐसा हीरा मिलता तो उसकी कीमत करोड़ों में होती.

पन्ना। कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन में लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. लेकिन प्रदेश के पन्ना जिले में एक मजदूर की किस्मत चमक गई है. मजदूर आनंदी लाल कुशवाहा को बेशकीमती उज्ज्वैल जैम क्वॉलिटी का हीरा मिला है. जिसकी अनुमानित कीमत 50 लाख ज्यादा बताई जा रही है.

मजदूरों को मिला हीरा

मजदूर आनंदी लाल कुशवाहा का कहना है 'रानीपुर की उथली हीरा खदान से हीरा मिला है. भगवान जुगल किशोर की उस पर कृपा हुई है, पहले भी इसी खदान से 70 सेंट का हीरा मिल चुका है और अब उसे 10.69 कैरेट का बेशकीमती हीरा मिला है.' हीरा मिलने के बाद मजदूर और उसके साथियों के खुशी से चेहरे खिल गए हैं. दोनों हीरे कार्यालय में जमा किए गए हैं और आगामी हीरे की नीलामी में इन्हें रखा जाएगा.

हीरा मिलने के बाद मजदूर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उथली खदान से मिले हीरे को उन्होंने कार्यालय में जमा कर दिया है. अधिकारी हीरे को साफ कर उसे बेचने लायक बना रहे हैं. आगे भी वे इसी काम को करते रहेंगे.

हीरा अधिकारी आरके पाण्डेय ने बताया कि लॉकडाउन के बाद इतनी बड़े साइज का ये पहला हीरा है. इससे पहले भी छोटे हीरे मिले थे. आनंदी लाल कुशवाहा को जिस खदान का पट्टा दिया गया था, उसमें अब तक दो हीरे मिल चुके हैं. हीरे की कीमत को लेकर उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी कीमत बता पाना मुश्किल है. लेकिन ये बेहद कीमती हीरा है.

बता दें, पन्ना अपने हीरों के लिए बहुत मशहूर है, यहां पहले भी कई किसान और मजदूरों को कीमती हीरे मिल चुके हैं. लेकिन सबसे महंगा हीरा अक्टूबर 1961 में रसूल मोहम्मद को मिला था. जो 44.55 कैरेट का था. उस समय हीरे की कीमत 3 लाख रुपए थी, आज अगर ऐसा हीरा मिलता तो उसकी कीमत करोड़ों में होती.

Last Updated : Jul 21, 2020, 9:47 PM IST
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