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तीन तालाबों को भरने वाली किलकिला फीडर नहर का होगा जीर्णोद्धार, 6 करोड़ की राशि स्वीकृत

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Published : Aug 16, 2020, 6:39 PM IST

जिले की किलकिला नहर से पन्ना के तालाबों में पानी पहुंचता है, लेकिन एक साल से नहर का काम अटका हुआ था. शहर के तालाबों में पर्याप्त पानी नहीं होने से शहरवासियों को पानी की परेशानी से जूझना पड़ता था. सरकार से नहर प्रोजेक्ट के लिए 6 करोड़ की राशि जारी की गई है, जिससे जल्द ही नहर का काम पूरा होगा और शहरवासियों को पानी की परेशानी से निजात मिलेगी.

Canal will be renovated
नहर का होगा जीर्णोद्धार

पन्ना । जिले में लगातार तीन दिन से बारिश होने के बाद भी शहर के तालाबों का जलस्तर नहीं बढ़ा है, जिसकी सबसे बड़ी वजह इन तालाबों को भरने वाली नहर से अतिक्रमण का हटना नहीं है. एक साल से किलकिला फीडर पर काम चल रहा है, लेकिन बजट नहीं होने के चलते काम पूरा नहीं हो सका है. मामले को लेकर पन्ना कलेक्टर ने बताया कि राज्य शासन से नहर के काम के प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिल गई है, जल्द ही नहर के काम को पूरा करवा दिया जाएगा. जिससे शहरवाशियों को अगले साल तक पानी की परेशानी से निजात मिल जाएगी.

नहर का होगा जीर्णोद्धार

दरअसल शहर में राजाओं ने पानी की किल्लत को दूर करने के लिए बड़े तालाब बनवाए गए थे. तालाबों को भरने के लिए बड़े ही टेक्निकल तरीके से एक नहर का निर्माण करवाया गया था, जिसे किलकिला फीडर के नाम जाना जाता है.

यह नहर किलकिला नदी से निकाली गई थी, लेकिन कई साल से यह नहर अतिक्रमण की चपेट में है, जिससे शहर के तालाबों के जलभराव में परेशानी हो रही है. लगातार बारिश होने के बाद भी तालाब अभी तक नहीं भर पाए हैं. हालांकि शहरवासी कई सालों से नहर के जीर्णोद्धार की मांग कर रहे थे.

मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने नहर का सीमांकन करवा कर अतिक्रमण चिन्हित कर 6 करोड़ का एक प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिससे नहर का जीर्णोद्धार किया जाना था. अभी तक यह प्रोजेक्ट राज्य शासन की अनुमति नहीं मिलने से रुका हुआ था, जिस पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की कोशिश के बाद इसे सेंसन किया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल तक किलकिला फीडर नहर का काम पूरा हो जाएगा और शहरवासियों को पानी की परेशानी से हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी.

पन्ना । जिले में लगातार तीन दिन से बारिश होने के बाद भी शहर के तालाबों का जलस्तर नहीं बढ़ा है, जिसकी सबसे बड़ी वजह इन तालाबों को भरने वाली नहर से अतिक्रमण का हटना नहीं है. एक साल से किलकिला फीडर पर काम चल रहा है, लेकिन बजट नहीं होने के चलते काम पूरा नहीं हो सका है. मामले को लेकर पन्ना कलेक्टर ने बताया कि राज्य शासन से नहर के काम के प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिल गई है, जल्द ही नहर के काम को पूरा करवा दिया जाएगा. जिससे शहरवाशियों को अगले साल तक पानी की परेशानी से निजात मिल जाएगी.

नहर का होगा जीर्णोद्धार

दरअसल शहर में राजाओं ने पानी की किल्लत को दूर करने के लिए बड़े तालाब बनवाए गए थे. तालाबों को भरने के लिए बड़े ही टेक्निकल तरीके से एक नहर का निर्माण करवाया गया था, जिसे किलकिला फीडर के नाम जाना जाता है.

यह नहर किलकिला नदी से निकाली गई थी, लेकिन कई साल से यह नहर अतिक्रमण की चपेट में है, जिससे शहर के तालाबों के जलभराव में परेशानी हो रही है. लगातार बारिश होने के बाद भी तालाब अभी तक नहीं भर पाए हैं. हालांकि शहरवासी कई सालों से नहर के जीर्णोद्धार की मांग कर रहे थे.

मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने नहर का सीमांकन करवा कर अतिक्रमण चिन्हित कर 6 करोड़ का एक प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिससे नहर का जीर्णोद्धार किया जाना था. अभी तक यह प्रोजेक्ट राज्य शासन की अनुमति नहीं मिलने से रुका हुआ था, जिस पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की कोशिश के बाद इसे सेंसन किया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल तक किलकिला फीडर नहर का काम पूरा हो जाएगा और शहरवासियों को पानी की परेशानी से हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी.

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