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जोरों पर जन्माष्टमी की तैयारी, घर में ही की जाएगी लड्डूगोपाल की पूजा

पन्ना में जन्माष्टमी का त्यौहार इस बार फिका नजर आ रहा है. जुगल किशोर मंदिर में भी इस बार भक्तों के आने पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिसके चलते लोग अब टीवी के माध्यम से ही भगवान के जन्मोत्सव को देख पाएंगे.

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Published : Aug 11, 2020, 7:26 PM IST

Janmashtami preparations in full swing in temple city Panna
मंदिरों की नगरी पन्ना में जन्माष्टमी की तैयारी जोरों पर

पन्ना। जिले में भी कोरोना संकटकाल के दौरान जन्माष्टमी की धूम देखी जा रही है. हालांकि इस बार मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हो पाएगा. पन्ना में कई ऐसे मंदिर हैं, जो लोगों की आस्था का प्रमुख केन्द्र हैं. जिनमें सबसे प्रमुख पन्ना का जुगल किशोर मंदिर है. जो संपूर्ण देश में अनूठा है. यहां राधा कृष्ण की जोड़ी के अनुपम दर्शन होते हैं. कहा जाता है कि कृष्ण की मुरली में बेशकीमती हीरे जड़े गए थे. जिसको लेकर सैकड़ों साल से यह भजन गाया जाए रहा है कि 'पन्ना के जुगल किशोर हो... मुरलिया में हीरा जड़े हैं'. बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण 1813 में तत्कालीन पन्ना नरेश हिंदूपथ ने कराया गया था. यहां पर राधा कृष्ण की यह जोड़ी ओरछा के रास्ते पन्ना लाई गई थी.


पन्ना में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूरे बुंदेलखंड सहित अन्य राज्यों और देश से आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते कुछ ही लोगों की मौजूदगी में जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा. इसको लेकर प्रशासन ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं. मंदिर के अंदर केवल पुजारी ही रहेंगे. श्रद्धालु अपने-अपने घरों से टीवी के माध्यम से और मंदिर के बाहर लगी एलसीडी के माध्यम से भगवान के जन्म के दर्शन कर सकेंगे. कोरोना संकटकाल के चलते पुजारी भी चेहरे पर मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूरे रीति रिवाज से पूजा करेंगे.

जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर को बेहतरीन तरीके से सजाया जा रहा है. बता दें कि समूचे बुंदेलखंड वासियों के लिए भगवान जुगल किशोर का पवित्र मंदिर आस्था का केंद्र है. कहते हैं कि पन्ना में जुगल किशोर भगवान की कई प्रत्यक्षदर्शी घटनाएं प्रचलित हैं और जो भी सच्चे मन से भगवान से मनोकामना करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.

पन्ना। जिले में भी कोरोना संकटकाल के दौरान जन्माष्टमी की धूम देखी जा रही है. हालांकि इस बार मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हो पाएगा. पन्ना में कई ऐसे मंदिर हैं, जो लोगों की आस्था का प्रमुख केन्द्र हैं. जिनमें सबसे प्रमुख पन्ना का जुगल किशोर मंदिर है. जो संपूर्ण देश में अनूठा है. यहां राधा कृष्ण की जोड़ी के अनुपम दर्शन होते हैं. कहा जाता है कि कृष्ण की मुरली में बेशकीमती हीरे जड़े गए थे. जिसको लेकर सैकड़ों साल से यह भजन गाया जाए रहा है कि 'पन्ना के जुगल किशोर हो... मुरलिया में हीरा जड़े हैं'. बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण 1813 में तत्कालीन पन्ना नरेश हिंदूपथ ने कराया गया था. यहां पर राधा कृष्ण की यह जोड़ी ओरछा के रास्ते पन्ना लाई गई थी.


पन्ना में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूरे बुंदेलखंड सहित अन्य राज्यों और देश से आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते कुछ ही लोगों की मौजूदगी में जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा. इसको लेकर प्रशासन ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं. मंदिर के अंदर केवल पुजारी ही रहेंगे. श्रद्धालु अपने-अपने घरों से टीवी के माध्यम से और मंदिर के बाहर लगी एलसीडी के माध्यम से भगवान के जन्म के दर्शन कर सकेंगे. कोरोना संकटकाल के चलते पुजारी भी चेहरे पर मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूरे रीति रिवाज से पूजा करेंगे.

जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर को बेहतरीन तरीके से सजाया जा रहा है. बता दें कि समूचे बुंदेलखंड वासियों के लिए भगवान जुगल किशोर का पवित्र मंदिर आस्था का केंद्र है. कहते हैं कि पन्ना में जुगल किशोर भगवान की कई प्रत्यक्षदर्शी घटनाएं प्रचलित हैं और जो भी सच्चे मन से भगवान से मनोकामना करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.

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