पन्ना। प्रदेश में किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है. गुनौर में आए दिन अधिकारियों-कर्मचारियों से जनता काफी परेशान और नाराज है. धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि शिवराज सरकार में किसान परेशान हो रहा और गुनौर में जंगल राज चल रहा है.
गौरतलब है कि किसान डीएपी खाद के साथ ही यूरिया, बिजली की समस्या से परेशान हैं, जिसको लेकर विगत दिनों किसान क्रांति सेना के संभागीय अध्यक्ष शंकर पटेल के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर को ज्ञापन सौंपा था, ज्ञापन में दो दिवस का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन दो दिन बीतने के बावजूद किसानों को खाद बीज यूरिया डीएपी व बिजली की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, जिससे नाराज किसान क्रांति सेना के संभागीय अध्यक्ष शंकर पटेल के नेतृत्व में दर्जनों किसानों के साथ तहसील परिसर गुनौर के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए.
शंकर पटेल ने कहा कि जब तक किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहेंगे. किसानों ने प्रशासन पर अपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की जनता ने 15 वर्षों से बैठी सत्ता में शिवराज सरकार को घर बैठाने का काम किया था, लेकिन शिवराज सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटकर विधायकों की खरीद-फरोख्त कर पीछे के दरवाजे से सत्ता पर आसीन तो हो गए, लेकिन किसान की स्थिति जस की तस है.
''बेलगाम हो चुकी है शिवराज सरकार''
शिवराज सरकार सत्ता में वापस आते ही अधिकारी-कर्मचारी बेलगाम हो चुके हैं. किसानों को इन दिनों खाद, बीज और यूरिया की भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 10 घंटे से कम बिजली मिलने के कारण किसानों को सिंचाई में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे किसान हर बार टूटकर बिखर रहा है. एक ओर मौसम की मार और दूसरी ओर सरकार की मार किसान का हाल बेहाल कर रहा है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चिल्ला चिल्ला कर कह रहे हैं, कि मैं किसानों का बेटा हूं, किसानों पर आंच नहीं आने दूंगा लेकिन यहां तो किसानों के साथ कुछ उल्टा ही हो रहा है. किसानों ने कहा कि अगर हमारी समस्याओं का जल्द से जल्द निदान नहीं हुआ तो आगामी दिनों में सभी किसान सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे.