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पन्ना: वन विभाग के कर्मचारियों के फिर हुए तबादले, आखिर क्यों मजाक बन कर रह गई सूची - mp news

घोषित तबादला नीति के अनुसार अंतर जिला स्तरीय और संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पश्चात तबादले किये जा रहे हैं.

वन विभाग के कर्मचारियों के फिर हुए तबादले
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Published : Jul 9, 2019, 9:59 PM IST

पन्ना। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा घोषित तबादला नीति के अनुसार अंतर जिला स्तरीय और जिले के अंदर संबंधित प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पश्चात तबादले किये जा रहे हैं. वन विभाग में जिले के अंदर उप वनक्षेत्रपालों, वनक्षेत्रपाल और वनरक्षकों के हुए थोक तबादले सुर्खियों में हैं.

वन विभाग के कर्मचारियों के फिर हुए तबादले


सूत्रों की माने तो इस तबादला नीति पीछे सरकार का मकसद काफी हद तक अपने मनमाफिक प्रशासनिक जमावट करना और लंबे समय से तबादलों के इंतजार में बैठे अधिकारियों कर्मचारियों को सुविधा प्रदान करना है. वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा लापरवाही बरतने के मामले में प्रभारी मंत्री प्रभुराम चौधरी के अनुमोदन से दूसरे जिलों में पदस्थ वनरक्षकों के भी तबादले करा दिए गए. जिला स्तरीय तलादले की सूची में दूसरे जिलों में पदस्थ वनरक्षकों के नाम होने से यह सूची न सिर्फ मजाक बन कर रह गई है, बल्कि इससे प्रभारी मंत्री की भी काफी किरकिरी हो रही है.


पन्ना जिले का उत्तर-दक्षिण वन मंडल एवं पन्ना टाइगर रिजर्व पिछले कुछ महीनों से बड़े पैमाने पर सागौन की कटाई, वन क्षेत्र में हीरा-पत्थर की अवैध उत्खनन एवं वन्यजीवों के शिकार को लेकर चर्चाओं में है.

पन्ना। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा घोषित तबादला नीति के अनुसार अंतर जिला स्तरीय और जिले के अंदर संबंधित प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पश्चात तबादले किये जा रहे हैं. वन विभाग में जिले के अंदर उप वनक्षेत्रपालों, वनक्षेत्रपाल और वनरक्षकों के हुए थोक तबादले सुर्खियों में हैं.

वन विभाग के कर्मचारियों के फिर हुए तबादले


सूत्रों की माने तो इस तबादला नीति पीछे सरकार का मकसद काफी हद तक अपने मनमाफिक प्रशासनिक जमावट करना और लंबे समय से तबादलों के इंतजार में बैठे अधिकारियों कर्मचारियों को सुविधा प्रदान करना है. वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा लापरवाही बरतने के मामले में प्रभारी मंत्री प्रभुराम चौधरी के अनुमोदन से दूसरे जिलों में पदस्थ वनरक्षकों के भी तबादले करा दिए गए. जिला स्तरीय तलादले की सूची में दूसरे जिलों में पदस्थ वनरक्षकों के नाम होने से यह सूची न सिर्फ मजाक बन कर रह गई है, बल्कि इससे प्रभारी मंत्री की भी काफी किरकिरी हो रही है.


पन्ना जिले का उत्तर-दक्षिण वन मंडल एवं पन्ना टाइगर रिजर्व पिछले कुछ महीनों से बड़े पैमाने पर सागौन की कटाई, वन क्षेत्र में हीरा-पत्थर की अवैध उत्खनन एवं वन्यजीवों के शिकार को लेकर चर्चाओं में है.

Intro:एंकर :- मध्यप्रदेश में इन दिनों मानसून के साथ ट्रांसफर सीजन के दौर जारी है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा घोषित तबादला नीति के अनुसार अंतर जिला स्तरिय ओर जिले के अंदर संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पश्चात तबादले किये जा रहे है। इसके पीछे सरकार का मकसद काफी हद तक अपने मनमाफिक प्रशासनिक जमावट करना और लंबे समय से तबादलों के इंतिजार में बैठे अधिकारियों कर्मचारियों को सुविधा प्रदान करना है। पन्ना जिले के वन विभाग में जिले के अंदर उप वनक्षेत्रपालो, वनक्षेत्रपाल और वनरक्षकों के हुए थोकबंद तबादले सुर्खियों में है।


Body:वजह वनरक्षकों की स्थानान्तरण सूची गंभीर विसंगतियां उजागर होना है। वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा लापरवाही बरतते हुए प्रभारी मंत्री प्रभुराम चौधरी के अनुमोदन से दूसरे जिलों में पदस्थ वनरक्षकों के भी तबादले करा दिए गए। जिला स्तरिय तलादल सूची में दूसरे जिलों में पदस्थ वनरक्षकों के नाम होने से यह सूची न सिर्फ मजाक बन कर रह गई है बल्कि इससे प्रभारी मंत्री की भी काफी किरकिरी हो रही है।


Conclusion:पन्ना जिले का उत्तर-दक्षिण वन मंडल एवं पन्ना टाइगर रिसर्व पिछले कुछ महीनों से बड़े पैमाने पर सागौन की कटाई , वन क्षेत्र में हीरा-पत्थर की अवैध उत्खनन एवं वन्यजीवो के शिकार को लेकर चर्चाओं में है। यहाँ सबसे बड़ी बात ये है की जिन्हें पता ही नही है कि उनके द्वारा जिन वन रक्षकों का स्थानान्तरण प्रस्तवित किया गया है वे कई माह पहले ही पन्ना जिले को छोड़कर जा चुके है।
बाईट :- 1 महिपाल रावत (अध्यक्ष वनकर्मचारी संघ पन्ना)
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