पन्ना। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा घोषित तबादला नीति के अनुसार अंतर जिला स्तरीय और जिले के अंदर संबंधित प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पश्चात तबादले किये जा रहे हैं. वन विभाग में जिले के अंदर उप वनक्षेत्रपालों, वनक्षेत्रपाल और वनरक्षकों के हुए थोक तबादले सुर्खियों में हैं.
सूत्रों की माने तो इस तबादला नीति पीछे सरकार का मकसद काफी हद तक अपने मनमाफिक प्रशासनिक जमावट करना और लंबे समय से तबादलों के इंतजार में बैठे अधिकारियों कर्मचारियों को सुविधा प्रदान करना है. वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा लापरवाही बरतने के मामले में प्रभारी मंत्री प्रभुराम चौधरी के अनुमोदन से दूसरे जिलों में पदस्थ वनरक्षकों के भी तबादले करा दिए गए. जिला स्तरीय तलादले की सूची में दूसरे जिलों में पदस्थ वनरक्षकों के नाम होने से यह सूची न सिर्फ मजाक बन कर रह गई है, बल्कि इससे प्रभारी मंत्री की भी काफी किरकिरी हो रही है.
पन्ना जिले का उत्तर-दक्षिण वन मंडल एवं पन्ना टाइगर रिजर्व पिछले कुछ महीनों से बड़े पैमाने पर सागौन की कटाई, वन क्षेत्र में हीरा-पत्थर की अवैध उत्खनन एवं वन्यजीवों के शिकार को लेकर चर्चाओं में है.