पन्ना। जिले में वन माफिया धड़ल्ले से पेड़ों की अवैध कटाई कर रहे हैं. ये सारा खेल वन विभाग की नाक के नीचे हो रहा है. इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि वन्य प्राणियों के जीवन पर भी संकट गहरा गया है. वहीं सरकार को भी वित्तीय नुकसान हो रहा है. आशंका है कि वनों की कटाई वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से की जा रही है.
कुछ दिन पूर्व ही उत्तर वन मंडल के धरमपुर रेंज में वन माफियाओं द्वारा सैकड़ों की संख्या मे हरे-भरे पेड़ों का का सफाया कर दिया गया. यहां लगभग 300 पेड़ों के कटे हुए ठूंट मिले हैं. जिसमें उत्तर वन मंडल की अजयगढ़ रेंज में लगे लाखों रुपए के बेशकीमती चंदन के पेड़ भी शामिल हैं. इधर जंगलों की कटाई पर वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है.
पेड़ों की कटाई पर वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने जांच की बात कही है. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब वन विभाग के कार्यालय में बनी नर्सरी के पेड़ ही सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर पूरे जंगल के पेड़ की देखरेख केसे की जा रही होगी. जबकि पेड़ों की कटाई से जुड़ा हुआ यह पहला मामला नहीं है. यहां पहले भी पेड़ों की लगातार कटाई होती रही है.
इस पूरे मामले में उत्तर वन मंडल के डीएफओ ने ये बात स्वीकार की है कि वन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही की भेंट जंगल चढ़ रहे हैं, जो बेहद गंभीर मामला है. हालांकि डीएफओ द्वारा पेड़ों की कटाई के मामले में संबधित बीट प्रभारियों और वन रक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई करने की बात कही गई है. पर्यावरण के जानकारों का भी कहना है कि वनों की कटाई से पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है, पन्ना टाईगर रिजर्व के जानवर भी खतरे में हैं. शासन को भी लाखों का चूना लग रहा है.