अशोकनगर : मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत अशोकनगर पहुंचे. यहां उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा "डॉ.अंबेडकर कोई नाम नहीं, बल्कि एक विचार है, जो हर व्यक्ति के जेहन में होना चाहिए." बता दें कि अशोकनगर भारत का ऐसा पहला न्यायालय है, जहां संविधान निर्माता की प्रतिमा स्थापित की गई है. जिला न्यायालय में अंबेडकर की 6 फीट की प्रतिमा का अनावरण चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत किया.
संविधान वाटिका की भरपूर प्रशंसा की
इस मौके पर चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कहा "जब दीवारों पर मैंने सभी महापुरुष महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, बाबा भीमराव अंबेडकर, महात्मा बुद्ध के स्लोगन और विचारों को देखा तो अच्छा लगा. इस वाटिका में जो भी आकर बैठेगा, उसकी नजर जब इन वाक्यों पर पड़ेगी तो उसके मन में ये विचार भी आएंगे. अगर यहां कोई खाली बैठेगा तो भी कुछ ना कुछ पढ़ेगा. यहां से वह कुछ ना कुछ ज्ञान लेकर जरूर जाएगा इसी के साथ पक्षकार वाटिका में बैठकर अपना कोई भी काम कर सकते हैं."
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वकीलों से कहा- मैं भी आप लोगों के बीच से आया हूं
चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कहा "जब वह डिस्ट्रिक्ट कोर्ट इंदौर गए तो एक कर्मचारी ने मुझे बोला कि सर आपका स्वागत करना है. जब मैं वहां जा रहा था तो किसी ने कहा कि आप चीफ जस्टिस हैं. चीफ जस्टिस क्या डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जा रहे हैं तो मैंने उनको जवाब दिया कि बड़ा वह नहीं होता, जो किसी को छोटा समझे. बड़ा वह होता है, जब उससे कोई मिलकर जाए तो वह अपने आप को छोटा ना समझे." अधिवक्ताओं से कहा "मैं भी आपसे दूर नहीं हूं. मैं भी आप ही लोगों के बीच से उठकर यहां आया हूं."