पन्ना। जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर सलेहा में स्थित चौमुखनाथ मंदिर की अपनी अलग ही मान्यता है, जिसका निर्माण गुप्त काल के बाद लगभग सातवीं सदी में हुआ था, जिसमें अभिलेखीय साक्ष्य कला के साथ स्थापत्य शैली भी देखने को मिलती है. मंदिर के गर्भगृह में एक चतुर्मुख शिवलिंग स्थापित है,
जो चतुर्मुख में विषपान के समय रौद्र, दूसरा अर्द्धनारीश्वर, तीसरा तपस्वी और चौथा विवाह के समय श्रंगार रूप को प्रदर्शित करता है. शिवलिंग की उंचाई लगभग 5 फीट और चौड़ाई एक मीटर है. साथ ही वर्गाकार गर्भगृह, आच्छादित प्रदक्षिणा पथ और जालीदार खिड़की व अलंकृत प्रवेशद्वार है, जिसका विशेष उल्लेख है.
इस मंदिर की मूर्तियां चणाक्य के द्वारा चंदेल काल में बनवाई गईं थी, जहां शिव जी की चार मुखी प्रतिमा अलग - अलग तरीके से विराजमान है, यहां भगवान शिव के दर्शन करने के लिए के हजारों की संख्या में लोग दूर-दराज से आते हैं.
ये पूरा मंदिर पत्थरों से ही निर्मित है, इसमें पत्थर के अलावा चूने तक का भी इस्तेमाल नहीं किया गया है. इस मंदिर की प्राकृतिक सौन्दर्यता देखते ही बनती है. जहां हजारों की संख्या में भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और ऐसा माना जाता है कि भगवान अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी भी करते हैं.