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पूर्व मंत्री राजा पटेरिया की अधिकारियों को चेतावनी, आदिवासियों की समस्याओं का नहीं हुआ हल, तो होगा आंदोलन - Former Minister Raja Pateria

पन्ना के आदिवासी इलाके गुनौर में गरीब आदिवासियों को आवास के लिए परेशान किया जा रहा है, इस बात से नाराज पूर्व मंत्री राजा पटेरिया ने चेतावनी दी है, कि अगर आदिवासियों से जमीन खाली कराई गई तो 14 नवंबर को विशाल आंदोलन किया जाएगा.

Former minister warns
पूर्व मंत्री ने दी चेतावनी
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Published : Oct 18, 2020, 9:32 PM IST

पन्ना। आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र गुनौर के लखनपुर गांव में गरीब आदिवासियों का हाल बेहाल है. उनके हाल बेहाल इसलिए हैं क्योंकि साल 2005-2006 में आई भीषण प्राकृतिक आपदा बाढ़ के बाद खुद तत्कालीन कलेक्टर दीपाली रस्तोगी ने गांव के गांव खाली कराकर उन्हें रातों-रात विस्थापित करा दिया था. बाढ़ पीड़ितों को रातों-रात आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत विलघाड़ी में विस्थापित कराया गया था, जहां करीब 40 परिवार निवासरत हैं. लेकिन अब वन विभाग उन्हें वहां से जाने के लिए कह रहा है. ऐसे में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजा पटेरिया ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती यानि 14 नवंबर को विशाल आंदोलन करने की बात कही है.

पूर्व मंत्री राजा पटेरिया की अधिकारियों को चेतावनी

टूटे-फूटे झोपड़े में रहने वाले इन गरीब परिवारों को पंचयात ने हैंडपंप और बिजली जैसी समस्याओं से निजात दिलाई. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को आवास भी स्वीकृत कराए, इसके लिए आदिवासी ग्रामीणों ने 25 हजार रुपए की पहली किस्त और 40 हजार रुपए की दूसरी किस्त तक जमा कर दी है. अब इन ग्रामीणों की आशियानें की तीसरी किस्त को होल्ड कर दिया गया है, साथ ही जगह खाली करने के लिए कहा जा रहा है. किस्त होल्ड होने से बैंक खाता भी होल्ड हो गए हैं.

पूर्व मंत्री ने दी आंदोलन की चेतावनी

आदिवासी ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री राजा पटेरिया से शिकायत की है. ग्रामीणों का आरोप है कि राजस्व विभाग और वन विभाग लकड़ी बीनकर पेट पालने वाले इन गरीबों पर वन का कानून थोपकर उन्हें हटाना चाहते हैं. आदिवासियों की इस शिकायत के आधार पर पूर्व मंत्री राजा पटैरिया ने मौके का अवलोकन किया.

ये भी पढ़ें- कबाड़ व्यापारियों पर पुलिस की कार्रवाई, चोरी वाहनों के पार्ट्स जब्त

पूर्व मंत्री राजा पटेरिया ने कहा कि सूबे के मुखिया ने कहा था कि हम गरीब परिवारों को काबिज जमीनों के पट्टे देंगे,अब उन्हें कोई माई का लाल बेदखल नहीं कर सकता ? लेकिन उन्हें बेदखल कर दिया गया, इस बात से नाराज राजा पटैरिया ने जिले की नौकरशाही पर तल्ख टिप्पणी करते हुए चेताया है, कि आदिवासी ही इस जमीन का मालिक हैं. अगर उन्हें किसी नौकरशाह ने हटाया तो वह अपने पद पर नहीं रह सकेगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर इन गरीब आदिवासियों के बन रहे मकानों की किस्तों से रोड़ा नहीं हटाया या किसी तरह का इनका नुकसान किया, तो 14 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस के अवसर पर विशाल आंदोलन करेंगे.

पन्ना। आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र गुनौर के लखनपुर गांव में गरीब आदिवासियों का हाल बेहाल है. उनके हाल बेहाल इसलिए हैं क्योंकि साल 2005-2006 में आई भीषण प्राकृतिक आपदा बाढ़ के बाद खुद तत्कालीन कलेक्टर दीपाली रस्तोगी ने गांव के गांव खाली कराकर उन्हें रातों-रात विस्थापित करा दिया था. बाढ़ पीड़ितों को रातों-रात आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत विलघाड़ी में विस्थापित कराया गया था, जहां करीब 40 परिवार निवासरत हैं. लेकिन अब वन विभाग उन्हें वहां से जाने के लिए कह रहा है. ऐसे में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजा पटेरिया ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती यानि 14 नवंबर को विशाल आंदोलन करने की बात कही है.

पूर्व मंत्री राजा पटेरिया की अधिकारियों को चेतावनी

टूटे-फूटे झोपड़े में रहने वाले इन गरीब परिवारों को पंचयात ने हैंडपंप और बिजली जैसी समस्याओं से निजात दिलाई. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को आवास भी स्वीकृत कराए, इसके लिए आदिवासी ग्रामीणों ने 25 हजार रुपए की पहली किस्त और 40 हजार रुपए की दूसरी किस्त तक जमा कर दी है. अब इन ग्रामीणों की आशियानें की तीसरी किस्त को होल्ड कर दिया गया है, साथ ही जगह खाली करने के लिए कहा जा रहा है. किस्त होल्ड होने से बैंक खाता भी होल्ड हो गए हैं.

पूर्व मंत्री ने दी आंदोलन की चेतावनी

आदिवासी ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री राजा पटेरिया से शिकायत की है. ग्रामीणों का आरोप है कि राजस्व विभाग और वन विभाग लकड़ी बीनकर पेट पालने वाले इन गरीबों पर वन का कानून थोपकर उन्हें हटाना चाहते हैं. आदिवासियों की इस शिकायत के आधार पर पूर्व मंत्री राजा पटैरिया ने मौके का अवलोकन किया.

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पूर्व मंत्री राजा पटेरिया ने कहा कि सूबे के मुखिया ने कहा था कि हम गरीब परिवारों को काबिज जमीनों के पट्टे देंगे,अब उन्हें कोई माई का लाल बेदखल नहीं कर सकता ? लेकिन उन्हें बेदखल कर दिया गया, इस बात से नाराज राजा पटैरिया ने जिले की नौकरशाही पर तल्ख टिप्पणी करते हुए चेताया है, कि आदिवासी ही इस जमीन का मालिक हैं. अगर उन्हें किसी नौकरशाह ने हटाया तो वह अपने पद पर नहीं रह सकेगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर इन गरीब आदिवासियों के बन रहे मकानों की किस्तों से रोड़ा नहीं हटाया या किसी तरह का इनका नुकसान किया, तो 14 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस के अवसर पर विशाल आंदोलन करेंगे.

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