पन्ना। करीब एक दर्जन से ज्यादा किसानों ने भूमि अधिग्रहण के बादले नौकरी देने की मांग वाला एक आवेदन कलेक्टर को सौंपा है, जिसके एक कॉपी डीआरएम ऑफिस भोपाल भेजी गई है. किसानों ने बताया कि, भोपाल के पश्चिम मध्य रेलवे ऑफिस से एक हस्तलिखित फर्जी पत्र किसानों के घर-घर स्पीड पोस्ट से पहुंच रहा है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि, आपका आवेदन 11 नवंबर 2019 के बाद प्राप्त हुआ, इसलिए आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, क्योंकि रेल विभाग ने 11 नवंबर 2019 के बाद अधिग्रहण की गई भूमि के एवज के बदले में नौकरी का प्रावधान खत्म कर दिया है.
इस पूरे मामले में पन्ना के लोगों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि, जिले में जो भूमि अधिग्रहण किया गया है. वो 11 अक्टूबर 2019 को हुआ. इसके अलावा जिला प्रशासन ने मुआवजा देरी से वितरित किया और इसके बाद कोरोना शुरू हो गया, जिससे पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया.
ज्ञापन में कहा गया है कि, जिन लोगों ने आवेदन की प्रक्रिया शुरू की थी, उनकी भूमि का अधिग्रहण प्रमाण पत्र पन्ना एसडीएम ने तत्काल जारी नहीं किया. इसमें हितग्राही किसानों का कोई दोष नहीं है. रेलवे की नौकरी देने की प्रक्रिया की जिम्मेदारी भी रेलवे अधिकारियों की है, जबकि रेल की नई नीति आने के पहले ही पन्ना में भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया था. ऐसे में आवेदनों पर क्यों विचार नहीं किया जा रहा.
दुखी किसानों ने एकत्र होकर आज पहले रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचकर पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र के सामने वीडियो काॉफ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी बात रखी और ज्ञापन सौंपा, जिस पर कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने बताया कि, रेल के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की जा रही है जो प्रावधान होंगे वैसे कार्रवाई कराई जाएगी.
इस संबंध में किसानों ने रेल विभाग के पन्ना में पदस्थ इंजीनियर को भी आवेदन पत्र सौंपा है और आवेदनों पर कार्रवाई कराने की मांग रखी है, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए इंजीनियर ने कहा कि, इस पूरे मामले से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है, किसानों के यहां जो पत्र पहुंच रहे हैं, वह किसी विभाग के कर्मचारियों की बदमाशी है. इन पत्रों में जिस अधिकारी के हस्ताक्षर हैं, वे अब भोपाल में ही पदस्थ नहीं हैं और इस तरह के पत्र विभाग ने भेजने का निर्णय नहीं लिया है.