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कोरोना संकट: पन्ना जिला अस्पताल में मरीज के परिजनों ने किया हंगामा

पन्ना जिला अस्पताल में एक बच्ची को कोविड-19 के लक्षण नजर आए, डॉक्टर ने जब मरीज को आइसोलेट करने की सलाह दी, तो परिजन भड़क गए और हंगामा करने लगे. हालांकि कुछ ही देर में समझाइश देने के बाद वो जांच करवाने के लिए राजी हुए.

Family of angry girl created ruckus due to treatment in separate ward in panna
बच्ची के परिजनों ने किया हंगामा
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Published : Sep 18, 2020, 6:44 AM IST

पन्ना। पन्ना जिला चिकित्सालय में एक बच्ची को अलग वार्ड में भर्ती करने की बात को लेकर परिजनों ने हंगामा कर दिया. बता दें कि, कोविड के लक्षण के चलते स्टाफ नर्स ने जब परिजनों से कहा कि, बच्ची को अलग वार्ड में भर्ती किया जाएगा, इससे नाराज परिजनों ने मरीज को गंभीर हालत में बाहर ले जाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. हालांकि बाद में डॉक्टरों और स्टाफ नर्स की समझाइश के बाद बच्ची की जांच करवा कर उसे अलग वार्ड के भर्ती करने को राजी हुए.

बच्ची के परिजनों ने किया हंगामा

बच्ची को तेज बुखार के चलते जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. कोविड के लक्षण होने पर जांच करवाने और रिपोर्ट आने तक अलग वार्ड के भर्ती करने की सलाह डॉक्टर ने दी. जिससे परिजन भड़क गए और डॉक्टरों पर बच्ची का उपचार न करने के आरोप लगाने लगे. परिजनों का कहना है कि, 5 घंटे से बच्ची को सिर्फ बॉटल चढ़ाकर इस वार्ड से उस वार्ड में जाने को कहा जा रहा है. बच्ची की हालत में कोई सुधार नहीं होता दिखा, न ही उसका कोई इलाज किया गया.

मामले में ड्यूटी डॉक्टर का कहना है कि, बच्ची में प्रथम दृष्टया कोविड के लक्षण नजार आ रहे थे. जिस वजह से उसे सैंपलिंग करवाने और अलग वार्ड में शिफ्ट होने की बात कही. लेकिन, परिजन भड़क गए और बच्ची को वार्ड के बाहर ले जा कर हंगामा करने लगे.

पन्ना। पन्ना जिला चिकित्सालय में एक बच्ची को अलग वार्ड में भर्ती करने की बात को लेकर परिजनों ने हंगामा कर दिया. बता दें कि, कोविड के लक्षण के चलते स्टाफ नर्स ने जब परिजनों से कहा कि, बच्ची को अलग वार्ड में भर्ती किया जाएगा, इससे नाराज परिजनों ने मरीज को गंभीर हालत में बाहर ले जाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. हालांकि बाद में डॉक्टरों और स्टाफ नर्स की समझाइश के बाद बच्ची की जांच करवा कर उसे अलग वार्ड के भर्ती करने को राजी हुए.

बच्ची के परिजनों ने किया हंगामा

बच्ची को तेज बुखार के चलते जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. कोविड के लक्षण होने पर जांच करवाने और रिपोर्ट आने तक अलग वार्ड के भर्ती करने की सलाह डॉक्टर ने दी. जिससे परिजन भड़क गए और डॉक्टरों पर बच्ची का उपचार न करने के आरोप लगाने लगे. परिजनों का कहना है कि, 5 घंटे से बच्ची को सिर्फ बॉटल चढ़ाकर इस वार्ड से उस वार्ड में जाने को कहा जा रहा है. बच्ची की हालत में कोई सुधार नहीं होता दिखा, न ही उसका कोई इलाज किया गया.

मामले में ड्यूटी डॉक्टर का कहना है कि, बच्ची में प्रथम दृष्टया कोविड के लक्षण नजार आ रहे थे. जिस वजह से उसे सैंपलिंग करवाने और अलग वार्ड में शिफ्ट होने की बात कही. लेकिन, परिजन भड़क गए और बच्ची को वार्ड के बाहर ले जा कर हंगामा करने लगे.

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