पन्ना। गुनौर-जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सहिलवारा में अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत सही सिद्ध हो रही है. ग्राम पंचायत सहिलवारा में ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक सुमन राजे पर गांव के विकास कामों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का मानना है कि दोनों रोजगार सहायकों की मिलीभगत से पंचायत के निर्माण कार्यो में पलीता लगाया है. गांव में सीसी रोड निर्माण अधूरा है जबकि उसकी राशि पूरी निकाल ली गई है. इसी तरह मनरेगा से निर्मित खेत तालाब के निर्माण में बिना सचिव और सरपंच की सहमति या हस्ताक्षर के राशि निकाल ली गई.
गांव के ग्रामीणों ने बताया कि जो गांव में गरीब हैं उसे लाभ नहीं मिलता है और जो अमीर हैं उसे सरकार की हर योजना का लाभ मिलता है. गांव के सरपंच और सचिव ग्रामीणों से ठीक से बात भी नहीं करते हैं. ऐसे में उन्हें कैसे सरकारी योजना का लाभ मिलेगा. ग्रामीणों ने बताया कि एक ग्रामीण की मां वृद्ध है उनका पैसा शौचालय निर्माण का आज तक उन्हें नहीं मिला है. ग्रामीण ने अपने परेशानी बताते हुए कहा कि जब भी हम उनके पास कोई समस्या लेकर जाते हैं तो वह कोई बहाना बनाकर ग्रामीणों को भगा देते हैं. रोजगार सहायक को लेकर ग्रामीण युवक ने बताया कि गांव में कोई विकास का काम नहीं होता है यदि उसमें कोई खामी निकलती है तो उसके खिलाफ कोई भी आवाज नही उठा सकता है.
आपसी लड़ाई में अटका विकास
एक अन्य ग्रामीण रिंकू व्यास ने बताया कि गांव में किसी भी प्रकार का आवासीय काम नहीं किया जा रहा है. क्योंकि सचिव, रोजगार सहायक और सरपंच की आपसी लड़ाई के चक्कर में गांव का विकास अटका हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि इन तीनों के कारण यहां न तो कोई विकास का काम हो रहा है और न ही ग्रामीणों का भला हो रहा है. गांव में पीएम आवास योजना शून्य पढ़ी हुई है. ग्रामीण ने आरोप लगाते हुए कहा कि सचिव, रोजगार सहायक और सरपंच सभी को अपात्र घोषित कर पीएम आवास की राशि डकारना चाहते हैं.
पीएम आवास के हितग्राही युवक ने बताया कि उनका नाम पीएम आवास योजना की लिस्ट में आ गया था. लेकिन बाद में उनका नाम काट दिया गया और वहीं आवास उसके बदले किसी दूसरे को दे दिया गया है. युवक ने बताया कि चाहे तो उनका नाम ऑनलाइन में देख सकते हैं. हितग्राही युवक ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा उसे दफ्तरों के चक्कर लगाते हुए दो साल हो गए हैं, लेकिन उसकी सुनवाई आज तक नहीं हुई है.
छह लाख का हुआ भ्रष्टाचार
नंदलाल वर्मा ने रोजगार सहायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासनकाल में भ्रष्टाचार हुआ है. तलैया का काम शुरू नहीं हुआ है लेकिन उसके नाम पर पैसा निकाल लिया गया है. सीसी रोड में हुए घोटाले को लेकर सरपंच पुत्र नंदलाल वर्मा ने कहा कि गांव में कामों को लेकर पूर्व सचिव ने 6 लाख का भ्रष्टाचार किया है. सरपंच पुत्र नंदलाल वर्मा भी मानते हैं कि गांव में विकास कामों को लेकर भ्रष्टाचार हुए हैं.
अब देखना होगा कि क्या वाकई गांव रोजगार सहायक और सचिव पर किसी प्रकार की जांच हो पाएगी या हमेशा की तरह भ्रष्टाचार के मामलों की फाइल दबा दी जाएगी.