ETV Bharat / state

मिड- डे मील में बच्चों को दिया जा रहा है दूषित भोजन, बीमार होने का मंडरा रहा है खतरा

बारिश का मौसम चल रहा है और मध्यान भोजन बनाने वाले समूह के द्वारा सफाई का ध्यान न रखते हुए खाना बनाया जा रहा है. बच्चों को ऐसा खाना खाने से संक्रमण की बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है.

author img

By

Published : Jul 17, 2019, 8:17 PM IST

मिड- डे मील में बच्चों को दिया जा रहा है दूषित भोजन

पन्ना| शासन के द्वारा लाखों- करोड़ों रूपए खर्च करके विद्यालय में आने वाले बच्चों को पोषण आहार और अच्छा भोजन देने के उद्देश्य से मध्यान भोजन योजना शुरूआत की गई थी, लेकिन लापरवाही की वजह से बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है. ग्रामीण अंचल के कई स्कूलों में बनने वाले मध्यान भोजन का स्तर बेहद घटिया और दूषित है.

मिड- डे मील में बच्चों को दिया जा रहा है दूषित भोजन

बारिश का मौसम चल रहा है और मध्यान भोजन बनाने वाले समूह के द्वारा सफाई का ध्यान न रखते हुए खाना बनाया जा रहा है. जिस कारण से मक्खियां खाने में बैठ कर उसे दूषित कर रही हैं और बच्चों को ऐसा खाना खाने से संक्रमण की बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है.

जिम्मेदार अधिकारी अपने एसी चेम्बरों में बैठ कर योजनाओं की मॉनिटरिंग करते हैं, लेकिन उनके द्वारा मौके पर जा कर वास्तविक स्थिति देखी जाए तो शायद सच सामने आ जाए. कार्रवाई के नाम पर महज दिखावा किया जाता है और जांच की बात कह कर मामले को टालना अधिकारियों की पुरानी आदत बन गई है.

पन्ना| शासन के द्वारा लाखों- करोड़ों रूपए खर्च करके विद्यालय में आने वाले बच्चों को पोषण आहार और अच्छा भोजन देने के उद्देश्य से मध्यान भोजन योजना शुरूआत की गई थी, लेकिन लापरवाही की वजह से बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है. ग्रामीण अंचल के कई स्कूलों में बनने वाले मध्यान भोजन का स्तर बेहद घटिया और दूषित है.

मिड- डे मील में बच्चों को दिया जा रहा है दूषित भोजन

बारिश का मौसम चल रहा है और मध्यान भोजन बनाने वाले समूह के द्वारा सफाई का ध्यान न रखते हुए खाना बनाया जा रहा है. जिस कारण से मक्खियां खाने में बैठ कर उसे दूषित कर रही हैं और बच्चों को ऐसा खाना खाने से संक्रमण की बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है.

जिम्मेदार अधिकारी अपने एसी चेम्बरों में बैठ कर योजनाओं की मॉनिटरिंग करते हैं, लेकिन उनके द्वारा मौके पर जा कर वास्तविक स्थिति देखी जाए तो शायद सच सामने आ जाए. कार्रवाई के नाम पर महज दिखावा किया जाता है और जांच की बात कह कर मामले को टालना अधिकारियों की पुरानी आदत बन गई है.

Intro:एंकर :- शासन के द्वारा लाखो करोड़ो रूपये खर्च करके विद्यालय में आने वाले बच्चो को पोषण आहार और अच्छा भोजन देने के उद्देश्य से मध्यान भोजन योजना शुरू की थी लेकिन लापरवाही की वजह से नन्हे-मुंन्हे बच्चो की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। एक नही दो नही बल्कि ग्रामीण अंचलों के कई स्कूलो में बनने वाले मध्यान भोजनों का यही हाल है।


Body:बरसात का मौसम चल रहा है और मध्यान भोजन बनाने वाले समूह के द्वारा सफाई का ध्यान न रखते हुए खाना बनाया जा रहा है जिस कारण से मक्खियां खाने में बैठ कर उसे दूषित कर रही ओर कही न कही बच्चो को ऐसा खाना खाने से संक्रमण की बीमारियां होने का ओर उल्टी-दस्त की चपेट में आने के आसार है।


Conclusion:जिम्मेदार अधिकारी अपने एसी चेम्बरो में बैठ कर योजनाओ की मॉनिटरिंग करते है अगर उनके द्वारा मौके पर जा कर वस्तु स्थिति देखी जाए तो शायद सच सामने आ जाये लेकिन कार्यवाही के नाम पर महज दिखावा किया जाता है और जांच की बात कह कर मामले को टालना इन अधिकारियों की पुरानी आदत बन गई है।
बाईट :- 1 विष्णु त्रिपाठी (डीपीसी पन्ना)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.