पन्ना। नवरात्रि पर्व पर देवी के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. पन्ना के मां पद्मावती देवी में मंदिर में भी नवरात्रि का उत्सव देखते ही बन रहा है. इस मंदिरको माता के सिद्ध शक्तिपीठों में गिना जाता है. मान्याता है कि यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
बताया जाता है कि जब भगवान शिव की पहली पत्नी सती जब अपने पिता राजा दक्ष द्वारा किए गए हवन में कूदी थी. जिससे नाराज भगवान शंकर मां सती को अपने कंधे पर बिठाकर संपूर्ण पृथ्वी के चक्कर लगाने लगे. लेकिन पृथ्वी का संतुलन बनाए रखने के लिए भगवान विष्णु ने पीछे से अपने सुदर्शन चक्र से मां सती के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए. माता के टुकड़े जिस-जिस स्थान पर गिरे उन स्थानों पर शक्तिपीठ स्थापित हुए. उन्ही शक्तिपीठों में पन्ना के सती मंदिर भी शामिल हैं.
पद्मावती शक्तिपीठ के प्रति भक्तों की असीम श्रद्धा और विश्वास है, यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. जिसे स्थानीय भाषा में देवन कहा जाता है. मंदिर के पुजारी बताते है कि नवरात्रि में यहां बड़ा आयोजन होता है और यहां देशभर से भक्त आते हैं, इस दौरान मां के दरबार में क्षेत्रीय बुंदेली भजन गीत गाए जाते है और साथ ही मान्यता है कि देवी पद्मावती के आशीर्वाद के कारण ही पन्ना इतना समृद्ध है.