पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व में पिछले 9 अगस्त को बिना सिर के बाघ का शव मिलने और उसके बाद एसटीएफ द्वारा जिले के 2 युवाओं को वन्यजीवों के खाल को बेचने के प्रयास में जबलपुर में गिरफ्तार करने बाद यहां नया खतरा मंडराने लगा है. अंतरर्राष्ट्रीय वन्य जीव के अंगों के तस्कर की मौत के बाद ऐसा माना जा रहा था कि पन्ना में उसके नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया गया है लेकिन आरोपियों के पकड़े जाने और एसटीएफ को इनके संगठित गिरोह से जुड़े होने के प्रमाण मिलने से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट और वन्य प्राणी खासे चिंतित नजर आ रहे हैं.
2009 में पन्ना बाघ विहीन घोषित हो चुका था इसके बाद यहां बाघों को दोबारा बसाया गया बाघ पुनर्स्थापना योजना के दौरान पन्ना वन्यजीवों और बाघों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है. लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व धीरे-धीरे शिकारी भी बढ़ने लगे जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर रिजर्व में पिछले 9 माह में पांच बाघों और उत्तर व दक्षिण वन मंडल में एक दर्जन से अधिक तेंदुओ के मौत के मामले सामने आ चुके है.
इसी चलते पन्ना में कई प्रदर्शन भी हो चुके है और अब जबलपुर में तेंदुए की खाल के साथ पकड़े गए पन्ना के 2 लोगों का मामला सामने आने के बाद वाइल्ड लाइफ से जुड़े लोगों और बाघ प्रेमियों सहित जागरूक नागरिकों को भी चिंता होने लगी है कि कहीं फिर से कोई शिकारी गिरोह तो पन्ना में संगठित हो कर काम नहीं करने लगा. जिसके कारण एक बार फिर से 2009 जैसी स्थिति न बन जाये.