पन्ना। जिले में अपराधियों के हौसले (Acid Attack On Dalit Girl) किस कदर बुलंद हैं, इसकी एक बानगी पवई थाना क्षेत्र के बराहो गांव में देखने को मिली. यहां दो लोगों ने एक किशोरी की आंखों में तेजाब डाल दिया, जिससे उसकी दोनों आंखें फूट गईं. मध्य प्रदेश में यह कोई पहला मामला नहीं है, अब से पहले भी महिला पर एसिड फेंका जाता रहा है. इतना कड़ा कानून होने के बाद भी इस तरह के अपराध हो रहे हैं. कहने को तो सुप्रीम कोर्ट ने तेजाब की बिक्री पर रोक लगा दी है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं है. पन्ना में हुआ यह हादसा बहुत चिंताजनक है. ऐसे और भी कई मामले हैं, आएये उन पर नजर डालते हैं.
दलित युवती की आंखों में दबंगों ने डाला एसिड
पन्ना में कुछ बदमाशों ने युवती की आंखों में एसिड डाल दिया(Acid Attack On Dalit Girl). युवती की दोनों आंखें खराब हो गई. युवती को गंभीर हालत में रीवा मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया है. फिलहाल आरोपियों का पता नहीं चल सका है. युवती का भाई भी लापता बताया जा रहा है. आरोपियों को शक था कि उनके यहां से महिला को भगाने में उसने मदद की है. पुलिस के मुताबिक, आरोपी ठाकुर समुदाय से हैं और दबंग हैं. पीड़ित पिछड़ी जाति से हैं. घटना की सूचना के बाद कलेक्टर संजय मिश्रा और एसपी धर्मराज मीणा अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी ली. (Acid Attack On Dalit Girl) अफसरों ने आरोपियों को जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया है।
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युवती जब छोटी थी, तभी उसके माता-पिता की मौत हो गई थी. (Acid Attack On Dalit Girl) इसके बाद चाचा-चाची ने दोनों भाई-बहनों को पाला.
2 दिन बाद है सीएम शिवराज का पन्ना दौरा
2 दिन बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पन्ना आना है, इसलिए प्रशासन भी मामले को गंभीरता से ले रहा है. प्रशासन ने पीड़ित को(Acid Attack On Dalit Girl) 10 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी गै. साथ ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए.
उज्जैन में शादीशुदा युवक ने महिला पर फेंक दिया था एसिड
सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी देश भर में धड़ल्ले से एसिड की बिक्री हो रही है. उज्जैन शहर में भी 4 नवंबर 2020 को एसिड अटैक का एक मामला सामने आया था. यहां लिव इन में रहने वाली एक महिला पर उसके ही प्रेमी ने किसी बात को लेकर एसिड डाल दिया, जिस कारण महिला 50 फीसदी झुलस गई. वहीं कहा जा रहा है कि आरोपी शादीशुदा है और उसके बच्चे हैं, इसी बात को लेकर महिला और युवक में विवाद हुआ था.
डिंडौरी में मंगेतर और प्रेमी ने युवती पर डाला तेजाब
डिंडौरी में विक्रमपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के एक गांव में 21 अक्टूबर 2020 को घर पर सो रही 20 वर्षीय युवती पर मंगेतर और प्रेमी ने मिलकर एसिड फेंक दिया था. हादसे में युवती बुरी तरह झुलस गई. गंभीर हालत में युवती को डिंडौरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिसमें से एक युवती का होने वाला पति था.
दहेज नहीं मिलने पर पति ने पत्नी को पिलाया एसिड
ग्वालियर में भी जुलाई 2021 में भी एक एसिड अटैक का मामला सामने आया. यहां पति समेत ससुराल पक्ष दहेज का दबाव बना रहा था. जब दहेज की रकम नहीं मिली, तो पति ने अपने परिजनों के साथ मिलकर उसे तेजाब पिला दिया. जिसके चलते महिला के आंतरिक अंग जल गए. यह मामला खूब सुर्खियों में रहा. महिला का इलाज राजधानी दिल्ली में चला. वहीं डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालिवाल के हस्तक्षेप के बाद ग्वालियर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया. आखिरकार महिला अपनी जिंदगी से जंग हार गई.
प्रेमी ने शादीशुदा महिला पर एसिड फेंक खुद को लगाई फांसी
नरसिंहपुर जिले के गाडरवाड़ा में मई 2020 में एक शादीशुदा महिला का 4 सालों से एक युवक से अवैध संबंध चला. इस बीच महिला जब प्रेमी से पीछा छुड़ाने लगी, तो प्रेमी गुस्से में आकर प्रेमिका पर तेजाब डाल दिया. यही नहीं एसिड फेंकने के बाद खुद भी फांसी लगा ली.
एसिड अटैक के मामले और क्या है कानून
देश में एसिड की बिक्री को लेकर नए कानून आने के बावजूद जमीनी स्तर पर हालातों में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है. एसिड अटैक अपने आप में एक अपराध है और कुछ सालों पहले ही बड़ी तादाद में इससे जुड़े मामले सामने आना शुरू हुए हैं, जिसके चलते सरकार ने अपराध कानून संशोधन एक्ट 2013 के जरिए भारतीय दंड संहिता में कुछ प्रावधानों को जोड़ा है.
IPC (Indian Penal Code) की धारा 326A
IPC की धारा 326A के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर पर नुकसान पहुंचाने के इरादे से एसिड फेंका गया है और पीड़िता पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से जख्मी हुई है, तो ये कृत्य गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा. इसके तहत दोषी को कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम उम्र कैद के साथ ही जुर्माना से दंडित किया जाने का प्रावधान है. 326 A में यह भी प्रावधान है कि दोषी पर उचित जुर्माना भी होगा और जुर्माने की रकम पीड़िता को दिया जाएगा.
IPC की धारा 326 B
इस धारा का संबंध एसिड अटैक के प्रयास से है. इस कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति ने अगर किसी दूसरे व्यक्ति पर एसिड फेंकने की कोशिश की है तो ये एक संगीन अपराध है. यह अपराध गैर जमानती है. इसके लिए दोषी को कम से कम पांच साल तक की सजा हो सकती है और दोषी को जुर्माना भी देना पड़ सकता है.
SC ने दिया है एसिड की बिक्री को रेगुलेट करने का आदेश
एसिड अटैक को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि वह एसिड की बिक्री को रेग्युलेट करने के लिए कानून बनाएं. अटैक की शिकार महिला को इलाज और पुनर्वास के लिए तीन लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रावधान भी है.
एसिड पीड़िता को कितना मिलता है मुआवजा
एसिड अटैक के मामलों में मुआवजा राशि सात लाख रुपए है. इस राशि को नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NLSA) ने तय किया है.