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आखिर क्यों सविता के पीछे पड़ा है सांप? निवाड़ी की महिला को बीते 28 सालों में कई बार डंस चुका है सांप - निवाडी न्यूज

सविता यादव को एक सांप ने पिछले 28 सालों से लगातार परेशान किया हुआ है. जब कभी भी मौका लगता है सांप उन्हें डस लेता है. सांप के काटने बाद में परिजन पहले उनकी झाड़-फूंक कराते हैं, फिर इलाज करा उनकी जान बचाते हैं. आखिर क्यों सांप उनके पीछे पड़ा है, इसका कारण ना तो महिला को पता है और ना ही किसी परिजन को.

c Snake bitten Savita many times in last 28 years in Niwadi
आखिर क्यों सविता के पीछे पड़ा है सांप? निवाडी की महिला को बीते 28 सालों में कई बार सर्प ने डसा
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Published : Oct 23, 2021, 10:44 PM IST

निवाडी। पुराने जमाने में कहावत थी कि सांप का काटा पानी भी नहीं मांगता, अब समय के साथ इसका इलाज भी संभव हो पाया है. एक-दो बार किसी को सांप ने काटा और बच जाये समझ में आता है, लेकिन बीते 28 सालों से एक महिला को एक सांप बार-बार काट रहा है. ये बात इलाके में चर्चा जबकि महिला और उनके परिवार के लिए परेशानी का सबब बन गयी है. राज्य के निवाडी की रहनेवाली सविता यादव को कितनी बार सांप ने काटा है, इसकी गिनती भी शायद वो भूल चुकी हैं.

आखिर क्यों सविता के पीछे पड़ा है सांप? निवाडी की महिला को बीते 28 सालों में कई बार सर्प ने डसा

28 सालों में कई बार काट चुका है सांप

जिले की पृथ्वीपुर विधानसभा की पनियारी गांव में रहने वाली सविता यादव को एक सांप ने पिछले 28 सालों से लगातार परेशान किया हुआ है. जब कभी भी मौका लगता है सांप उन्हें डस लेता है. सांप के काटने बाद में परिजन पहले उनकी झाड़-फूंक कराते हैं, फिर इलाज करा उनकी जान बचाते हैं. आखिर क्यों सांप उनके पीछे पड़ा है, इसका कारण ना तो महिला को पता है और ना ही किसी परिजन को. जिसने जैसे उपाय बताये उन्होंने सब किये. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. सर्प के बार-बार काटने से जहां उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है. वहीं इलाज में हर बार करीब 20,000 रुपए का खर्च आ जाता है. जिस कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है, नौबत यहां तक आ गई कि अस्पताल जाने के लिए उन्हें दूसरों से कर्ज लेने पड़ते हैं.

घर-मकान छोड़ने को भी तैयार, फिर भी राहत नहीं

सांप के काटने का सिलसिला 28 वर्षों से जारी है. लोगों के कहने पर सविता ने अपना मकान भी बदल दिया, लेकिन उसके बाद भी यह सिलसिला नहीं रुका. उनका कहना है कि हम मकान,गांव और क्षेत्र तक छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन राहत तो मिले. दरअसल, ऐसा नहीं है कि सांप उन्हें इसी घर या गांव में काटता हो, कई बार दूर अपने रिश्तेदारों के यहां जाने पर भी यह सांप उन्हें वहां भी काट चुका है. तंग आ चुकी सविता अपने बच्चों से सांप के काटने पर उन्हें नहीं बचाने को भी कह चुकी हैं. कई बार तो सांप के काटने के बाद उन्होंने घरवालों को इसकी जनकारी भी नहीं दी लेकिन जैसे ही उनकी हालत ज्यादा बिगड़ने लगते उनके परिजन समझ जाते हैं. फिर शुरू होता है इलाज का सिलसिला. बहरहाल, इस तरह सांप के काटने की घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन चुकी है.

निवाडी। पुराने जमाने में कहावत थी कि सांप का काटा पानी भी नहीं मांगता, अब समय के साथ इसका इलाज भी संभव हो पाया है. एक-दो बार किसी को सांप ने काटा और बच जाये समझ में आता है, लेकिन बीते 28 सालों से एक महिला को एक सांप बार-बार काट रहा है. ये बात इलाके में चर्चा जबकि महिला और उनके परिवार के लिए परेशानी का सबब बन गयी है. राज्य के निवाडी की रहनेवाली सविता यादव को कितनी बार सांप ने काटा है, इसकी गिनती भी शायद वो भूल चुकी हैं.

आखिर क्यों सविता के पीछे पड़ा है सांप? निवाडी की महिला को बीते 28 सालों में कई बार सर्प ने डसा

28 सालों में कई बार काट चुका है सांप

जिले की पृथ्वीपुर विधानसभा की पनियारी गांव में रहने वाली सविता यादव को एक सांप ने पिछले 28 सालों से लगातार परेशान किया हुआ है. जब कभी भी मौका लगता है सांप उन्हें डस लेता है. सांप के काटने बाद में परिजन पहले उनकी झाड़-फूंक कराते हैं, फिर इलाज करा उनकी जान बचाते हैं. आखिर क्यों सांप उनके पीछे पड़ा है, इसका कारण ना तो महिला को पता है और ना ही किसी परिजन को. जिसने जैसे उपाय बताये उन्होंने सब किये. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. सर्प के बार-बार काटने से जहां उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है. वहीं इलाज में हर बार करीब 20,000 रुपए का खर्च आ जाता है. जिस कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है, नौबत यहां तक आ गई कि अस्पताल जाने के लिए उन्हें दूसरों से कर्ज लेने पड़ते हैं.

घर-मकान छोड़ने को भी तैयार, फिर भी राहत नहीं

सांप के काटने का सिलसिला 28 वर्षों से जारी है. लोगों के कहने पर सविता ने अपना मकान भी बदल दिया, लेकिन उसके बाद भी यह सिलसिला नहीं रुका. उनका कहना है कि हम मकान,गांव और क्षेत्र तक छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन राहत तो मिले. दरअसल, ऐसा नहीं है कि सांप उन्हें इसी घर या गांव में काटता हो, कई बार दूर अपने रिश्तेदारों के यहां जाने पर भी यह सांप उन्हें वहां भी काट चुका है. तंग आ चुकी सविता अपने बच्चों से सांप के काटने पर उन्हें नहीं बचाने को भी कह चुकी हैं. कई बार तो सांप के काटने के बाद उन्होंने घरवालों को इसकी जनकारी भी नहीं दी लेकिन जैसे ही उनकी हालत ज्यादा बिगड़ने लगते उनके परिजन समझ जाते हैं. फिर शुरू होता है इलाज का सिलसिला. बहरहाल, इस तरह सांप के काटने की घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन चुकी है.

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