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ग्राउंड जीरो पर ETV भारत, प्रहलाद को बचाने मैदान में सेना - प्रहलाद को बचाना है

निवाड़ी जिले में पृथ्वीपुर तहसील के सैतपुरा गांव में एक मासूम बोरवेल गिर गया है, मासूम प्रहलाद बोर के गड्ढे में करीब 9 घंटे से जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहा है, मौके पर अधिकारी और सेना उसे बचाने के हर संभव प्रयास कर रही है.

ETV BHARAT on Ground Zero
ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत
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Published : Nov 4, 2020, 5:33 PM IST

Updated : Nov 4, 2020, 6:34 PM IST

निवाड़ी। पृथ्वीपुर सैतपुरा गांव में पांच साल का प्रहलाद बोरवेल में गिर गया है. प्रहलाद को बचाने के लिए रेस्क्यू जारी है. सेना और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. जेसीबी मशीनों के द्वारा खुदाई कर बोरवेल के पास की मिट्टी हटाई जा रही है और सुरंग बनाकर बच्चे को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.

ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत

कैमरे में उल्टा नजर आ रहा मासूम

मौके पर लोगों का हुजूम जुड़ा हुआ है. बोरवेल में कैमरे के जरिए प्रहलाद की स्थिति देखी गई, जिसमें मासूम प्रहलाद उल्टा नजर आ रहा है. वहीं मौके पर पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने मासूम के चाचा से बात की, उन्होंने बताया कि बोरवेल में कैमरा डालकर बच्चे की स्थिति देखी जा रही है, जिसमें प्रहलाद उल्टा नजर आ रहा है.

ऑक्सीजन की सप्लाई जारी

मौके पर मौजूद अधिकारियों के मुताबिक प्रहलाद के रोने की रुक-रुक कर आवाज आ रही है. प्रहलाद को लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. जेसीबी मशीनों की मदद से लगभग 30 फीट की खुदाई की जा चुकी है. इसके साथ ही जानकारी मिलते ही कलेक्टर आशीष भार्गव, एसपी वाहिनी सिंह भी मौके पर पहुंचे हैं. रेस्क्यू के लिए सेना की टीम मौके पर पहुंच गई है. मिलिट्री की तरफ से कर्नल एके गौतम मौके भी मौके पर मौजूद हैं.

रेस्क्यू करती टीम

सीएम ने ट्वीट कर की प्रार्थना

इस मामले पर सीएम शिवराज ने भी ट्वीट कर प्रहलाद को बचाने की प्रार्थना की है. सीएम ने ट्वीट कर लिखा है कि ओरछा के सेतपुरा गांव में बोरवेल में गिरे मासूम प्रह्लाद को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ सेना बचाव कार्य में जुटी है. मुझे विश्वास है कि शीघ्र प्रह्लाद को सकुशल बाहर निकाल लिया जायेगा. ईश्वर बच्चे को दीर्घायु प्रदान करें, आप और हम सब मिलकर प्रार्थना करें.

  • ओरछा के सेतपुरा गांव में बोरवेल में गिरे मासूम प्रह्लाद को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ सेना बचाव कार्य में जुटी है।

    मुझे विश्वास है कि शीघ्र प्रह्लाद को सकुशल बाहर निकाल लिया जायेगा। ईश्वर बच्चे को दीर्घायु प्रदान करें, आप और हम सब मिलकर प्रार्थना करें।

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कब-कब बोरवेल में गिरे बच्चे

साल 2006 में प्रिंस के गिरने के बाद की सामने आईं कई घटनाएं

  • सबसे पहले साल 2006 में भी इसी तरह घटना घटी थी, जहां हरियाणा के हल्दाहेड़ी गांव में चास साल का प्रिंस गहरे गड्ढे में जा गिरा था. प्रिंस को बचाने के लिए देशभर में दुआएं की जा रही थी, बता दें प्रिंस को बचाने के लिए हरियाणा सरकार और आर्मी लगी हुई थी. लिहाजा 23 जुलाई को 50 घंटे बाद प्रिंस को सुरक्षित बाहर निकाला गया था.
  • साल 2012 में गुड़गांव में एक पांच साल का बच्चा सड़क किनारे बने नाले में गिर गया था, इस घटना में उसकी मौत हो गई थी.
  • साल 2012 में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक गांव में चार साल का मनोज बोरवेल में गिर गया था. प्रशासन की मदद से तीन घंटे के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था.
  • कुछ इसी तरह साल 2013 में राजस्थान के करौली जिले के कयाल्दा काला गांव में नौ साल का बच्चा बोरवेल में गिरा था. बच्चा मां के साथ खेत में घास काटने गया था, जहां वह 150 फीट गहरे गड्ढे में गिर गया था. प्रशासन ने बच्चे को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका था.
  • साल 2015 में राजस्थान में 80 फीट गहरे बोरवेल में चार साल का अनिल बोरवेल में गिर गया था. अनिल पिता के साथ कपास के खेत में जाते वक्त बोरवेल में गिर गया था. जिसे प्रशासन की कई कोशिशों के बाद भी नहीं बचाया जा सका था.
  • साल 2016 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर में दो साल का मासूम 200 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. मासूम को बचाने के लिए 15 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका था.
  • साल 2016 में राजस्थान में सीकर जिले के टोडादरीबा में खुले बोरवेल में ढाई साल का बच्चा गिर गया था. जिसे बचाया नहीं जा सका था.
  • साल 2017 में आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले में खुले पड़े एक बोरवेल में दो साल का एक बच्चा गिर गया था. बच्चे को एनडीआरएफ और दूसरे दलों ने 10 घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था.
  • इसी तरह साल 2017 में ओडिशा के अंगुल जिले में तीन साल की एक बच्ची बोरवेल में गिर गई थी. जिसे छह घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बचा लिया गया था.
  • 2018 में मध्यप्रदेश में देवास जिले के उमरिया गांव में भी खुले पड़े बोरवेल में चार साल का रोशन गिर गया था.
  • 2018 में बिहार के मुंगेर में 110 फीट गहरे बोरवेल में तीन साल की बच्ची गिर गई थी, जिसे बाद में सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. बच्ची घर के आंगन में बने बोरवेल में गिरी थी.
  • 2019 में पंजाब के संगरूर जिले में दो साल का बच्चा 150 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था, जिसे 109 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था.
  • 2019 में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली स्थित नादुकट्टुपट्टी में 25 फुट गहरे बोरवेल में दो साल का बच्चा गिर गया था.

निवाड़ी। पृथ्वीपुर सैतपुरा गांव में पांच साल का प्रहलाद बोरवेल में गिर गया है. प्रहलाद को बचाने के लिए रेस्क्यू जारी है. सेना और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. जेसीबी मशीनों के द्वारा खुदाई कर बोरवेल के पास की मिट्टी हटाई जा रही है और सुरंग बनाकर बच्चे को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.

ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत

कैमरे में उल्टा नजर आ रहा मासूम

मौके पर लोगों का हुजूम जुड़ा हुआ है. बोरवेल में कैमरे के जरिए प्रहलाद की स्थिति देखी गई, जिसमें मासूम प्रहलाद उल्टा नजर आ रहा है. वहीं मौके पर पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने मासूम के चाचा से बात की, उन्होंने बताया कि बोरवेल में कैमरा डालकर बच्चे की स्थिति देखी जा रही है, जिसमें प्रहलाद उल्टा नजर आ रहा है.

ऑक्सीजन की सप्लाई जारी

मौके पर मौजूद अधिकारियों के मुताबिक प्रहलाद के रोने की रुक-रुक कर आवाज आ रही है. प्रहलाद को लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. जेसीबी मशीनों की मदद से लगभग 30 फीट की खुदाई की जा चुकी है. इसके साथ ही जानकारी मिलते ही कलेक्टर आशीष भार्गव, एसपी वाहिनी सिंह भी मौके पर पहुंचे हैं. रेस्क्यू के लिए सेना की टीम मौके पर पहुंच गई है. मिलिट्री की तरफ से कर्नल एके गौतम मौके भी मौके पर मौजूद हैं.

रेस्क्यू करती टीम

सीएम ने ट्वीट कर की प्रार्थना

इस मामले पर सीएम शिवराज ने भी ट्वीट कर प्रहलाद को बचाने की प्रार्थना की है. सीएम ने ट्वीट कर लिखा है कि ओरछा के सेतपुरा गांव में बोरवेल में गिरे मासूम प्रह्लाद को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ सेना बचाव कार्य में जुटी है. मुझे विश्वास है कि शीघ्र प्रह्लाद को सकुशल बाहर निकाल लिया जायेगा. ईश्वर बच्चे को दीर्घायु प्रदान करें, आप और हम सब मिलकर प्रार्थना करें.

  • ओरछा के सेतपुरा गांव में बोरवेल में गिरे मासूम प्रह्लाद को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ सेना बचाव कार्य में जुटी है।

    मुझे विश्वास है कि शीघ्र प्रह्लाद को सकुशल बाहर निकाल लिया जायेगा। ईश्वर बच्चे को दीर्घायु प्रदान करें, आप और हम सब मिलकर प्रार्थना करें।

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कब-कब बोरवेल में गिरे बच्चे

साल 2006 में प्रिंस के गिरने के बाद की सामने आईं कई घटनाएं

  • सबसे पहले साल 2006 में भी इसी तरह घटना घटी थी, जहां हरियाणा के हल्दाहेड़ी गांव में चास साल का प्रिंस गहरे गड्ढे में जा गिरा था. प्रिंस को बचाने के लिए देशभर में दुआएं की जा रही थी, बता दें प्रिंस को बचाने के लिए हरियाणा सरकार और आर्मी लगी हुई थी. लिहाजा 23 जुलाई को 50 घंटे बाद प्रिंस को सुरक्षित बाहर निकाला गया था.
  • साल 2012 में गुड़गांव में एक पांच साल का बच्चा सड़क किनारे बने नाले में गिर गया था, इस घटना में उसकी मौत हो गई थी.
  • साल 2012 में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक गांव में चार साल का मनोज बोरवेल में गिर गया था. प्रशासन की मदद से तीन घंटे के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था.
  • कुछ इसी तरह साल 2013 में राजस्थान के करौली जिले के कयाल्दा काला गांव में नौ साल का बच्चा बोरवेल में गिरा था. बच्चा मां के साथ खेत में घास काटने गया था, जहां वह 150 फीट गहरे गड्ढे में गिर गया था. प्रशासन ने बच्चे को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका था.
  • साल 2015 में राजस्थान में 80 फीट गहरे बोरवेल में चार साल का अनिल बोरवेल में गिर गया था. अनिल पिता के साथ कपास के खेत में जाते वक्त बोरवेल में गिर गया था. जिसे प्रशासन की कई कोशिशों के बाद भी नहीं बचाया जा सका था.
  • साल 2016 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर में दो साल का मासूम 200 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. मासूम को बचाने के लिए 15 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका था.
  • साल 2016 में राजस्थान में सीकर जिले के टोडादरीबा में खुले बोरवेल में ढाई साल का बच्चा गिर गया था. जिसे बचाया नहीं जा सका था.
  • साल 2017 में आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले में खुले पड़े एक बोरवेल में दो साल का एक बच्चा गिर गया था. बच्चे को एनडीआरएफ और दूसरे दलों ने 10 घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था.
  • इसी तरह साल 2017 में ओडिशा के अंगुल जिले में तीन साल की एक बच्ची बोरवेल में गिर गई थी. जिसे छह घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बचा लिया गया था.
  • 2018 में मध्यप्रदेश में देवास जिले के उमरिया गांव में भी खुले पड़े बोरवेल में चार साल का रोशन गिर गया था.
  • 2018 में बिहार के मुंगेर में 110 फीट गहरे बोरवेल में तीन साल की बच्ची गिर गई थी, जिसे बाद में सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. बच्ची घर के आंगन में बने बोरवेल में गिरी थी.
  • 2019 में पंजाब के संगरूर जिले में दो साल का बच्चा 150 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था, जिसे 109 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था.
  • 2019 में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली स्थित नादुकट्टुपट्टी में 25 फुट गहरे बोरवेल में दो साल का बच्चा गिर गया था.
Last Updated : Nov 4, 2020, 6:34 PM IST
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