निवाड़ी: जिले में महिला बाल विकास विभाग द्वारा घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को एक छत के नीचे सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वन स्टॉप सेंटर का शुभारंभ किया गया था, ये उद्घाटन सांसद वीरेंद्र खटीक और कलेक्टर आशीष भार्गव की उपस्थित में किया गया था. लेकिन हद तो तब हो गई जब एक हफ्ते के बाद ही स्टाफ की कमी के चलते सेंटर प्रभारी भी छुट्टी पर चला गया और सेंटर पर ताला लटका दिया गया.
14 दिन की छुट्टी पर गया सेंटर प्रभारी
महिला बाल विकास अधिकारी डी.के. दीक्षित ने बताया कि सेंटर प्रभारी 14 दिन की छुट्टी पर गई हुई हैं और यहां पर अभी अन्य स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है. लेकिन जो भी महिला सेंटर पर आएगा उससे संपर्क कर उसकी व्यवस्था की जाएगी. हालांकि सेंटर बंद होने की स्थिति में सेंटर के बाहर कहीं भी किसी अधिकारी या प्रभारी का मोबाइल नंबर नहीं लिखा है, जिससे कोई पीड़ित महिला वहां पहुंचकर उस नंबर पर बात कर संपर्क कर सकें. ऐसे में एक सवाल यह है कि बिना स्टाफ की व्यवस्था किए हुए इस तरह से जल्दबाजी में सेंटर का शुभारंभ करना क्या उचित है ? हालांकि यहां पर एक चौकीदार की नियुक्ति की गई है. लेकिन सेंटर पर सिर्फ ताला लटका हुआ मिला.
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क्या है वन स्टॉप सेंटर
वन स्टॉप सेंटर एक ऐसी व्यवस्था जहां हिंसा से पीड़ित कोई भी महिला सभी तरह का सपोर्ट एक ही छत के नीचे, एक साथ पा वहीं पा सकती है. अस्पतालों में इन सेंटर्स को चलाया जाता है, जहां मेडिकल एड, लीगल एड, अस्थायी रूप से रहने के लिए स्थान, केस रजिस्टर करने के लिए सहयोग, काउंसिलिंग सभी एक स्थान पर उपलब्ध होती है.