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बारिश में देरी से फसल हो रही खराब, इंद्रदेव को मनाने के लिए ग्रामीण कर रहे तरह-तरह के उपाय - delaying rains

नीमच जिले के मनासा क्षेत्र के भाटाखेड़ी ग्राम में पहली बारिश में किसानों के बुवाई करने के बाद अब तक बारिश नहीं हुई है. जिससे फसलें खराब होने लगी हैं.

villagers celebrating measures to Indradev in neemuch
इंद्रदेव को मनाने ग्रामीण कर रहे तरह-तरह के उपाय
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Published : Jun 30, 2020, 5:38 PM IST

नीमच। मनासा क्षेत्र के भाटाखेड़ी ग्राम में पहली बारिश में किसानों ने बुवाई का कार्य कर लिया था, लेकिन काफी दिनों से बारिश नहीं होने के चलते खेतों में उगी हुई फसलें खराब होने लगी हैं. जिसे देखते हुए क्षेत्र के लोग देवताओं को मनाने के लिए कई तरह के उपाय कर रहे हैं.

पानी की अभी तक कोई आस नहीं होने से किसान परेशान हैं, भाटखेड़ी में ग्रामीणों ने इंद्रदेव को मनाने के लिए घास बावजी का पूजन कर उनको देसी शराब पिलाई, फिर उनको धक्का लगाकर गांव भ्रमण पर निकाला. ग्रामीणों की मान्यता है कि घास बावजी को तब तक गांव में घुमाते हैं जब तक पानी ना आ जाए और जहां पानी आने लगता है उनको वहीं छोड़ दिया जाता है. लोगों की ये भी मान्यता है कि अगर देवता नाराज रहते हैं तो अपनी जगह से हिलते भी नहीं, इसीलिए देवताओं को मनाने के लिए लोगों ने कहीं-कहीं उज्जैनी मनाई.

इस दौरान ग्रामीण गांव-गांव में घास बावजी को मना रहे हैं, जिससे क्षेत्र में अच्छी बारिश हो सके और उनकी फसलें सूखने से बच जाए. पहले से ही किसान लॉकडाउन में परेशान हैं, बेरोजगार है. बीज और खाद महंगे भाव में मिल रहे हैं. वहीं बुवाई के बाद अगर फसलें खराब हो जाए तो दोबारा बुवाई करनी पड़ेगी. ऐसे हालात को देखते हुए पानी की सख्त जरूरत है. परेशान ग्रामीण इंद्रदेव को मनाने के लिए तरह-तरह के टोटके अपना रहे हैं.

नीमच। मनासा क्षेत्र के भाटाखेड़ी ग्राम में पहली बारिश में किसानों ने बुवाई का कार्य कर लिया था, लेकिन काफी दिनों से बारिश नहीं होने के चलते खेतों में उगी हुई फसलें खराब होने लगी हैं. जिसे देखते हुए क्षेत्र के लोग देवताओं को मनाने के लिए कई तरह के उपाय कर रहे हैं.

पानी की अभी तक कोई आस नहीं होने से किसान परेशान हैं, भाटखेड़ी में ग्रामीणों ने इंद्रदेव को मनाने के लिए घास बावजी का पूजन कर उनको देसी शराब पिलाई, फिर उनको धक्का लगाकर गांव भ्रमण पर निकाला. ग्रामीणों की मान्यता है कि घास बावजी को तब तक गांव में घुमाते हैं जब तक पानी ना आ जाए और जहां पानी आने लगता है उनको वहीं छोड़ दिया जाता है. लोगों की ये भी मान्यता है कि अगर देवता नाराज रहते हैं तो अपनी जगह से हिलते भी नहीं, इसीलिए देवताओं को मनाने के लिए लोगों ने कहीं-कहीं उज्जैनी मनाई.

इस दौरान ग्रामीण गांव-गांव में घास बावजी को मना रहे हैं, जिससे क्षेत्र में अच्छी बारिश हो सके और उनकी फसलें सूखने से बच जाए. पहले से ही किसान लॉकडाउन में परेशान हैं, बेरोजगार है. बीज और खाद महंगे भाव में मिल रहे हैं. वहीं बुवाई के बाद अगर फसलें खराब हो जाए तो दोबारा बुवाई करनी पड़ेगी. ऐसे हालात को देखते हुए पानी की सख्त जरूरत है. परेशान ग्रामीण इंद्रदेव को मनाने के लिए तरह-तरह के टोटके अपना रहे हैं.

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