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अच्छी बारिश के लिए मनाई उज्जैनी, इंद्र देव को खुश करने की पूजा

अच्छी बारिश के लिए इंद्र देव को मनाने के लिए नीमच के सिंगोली में उज्जैनी मनाई गई. स्थानीय लोगों ने देव स्थानों पर जाकर परंपरागत पूजा अर्चना की और खेत खलियान पहुंचकर भोजन बनाया.

Villagers celebrate Ujjaini tradition for good rain in Singoli town of neemuch
ग्रामीणों ने अच्छी बारिश के लिए मनाई उज्जैनी
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Published : Jun 30, 2020, 5:15 PM IST

नीमच। सिंगोली में अच्छी वर्षा की कामना और सुख समृद्धि के लिये हर साल की तरह इस बार भी स्थानीय लोगों ने उज्जैनी मनाई. इस पारंपरिक विशेष पूजा के दौरान लोगों ने खेत और देव स्थानों पर जाकर भगवान इंद्र देव और स्थानीय देवी देवताओं की पूजा अर्चना की और इलाके में अच्छी बारिश होने की कामना के साथ खुले में भोजन बनाया. बुजुर्गों और जानकारों के मुताबिक ये पूजा अच्छी वर्षा और सुख समृद्धि के लिए की जाती है.

हर साल परंपरा के मुताबिक शहर में ऐलान कर सभी स्थानीय निवासियों से बारिश के देवता इंद्र देव को मनाने और अच्छी वर्षा की कामना के लिए अपने प्रतिष्ठान बंद रखने को कहा. साथ ही शहर से बाहर खेत खलिहान में जाकर भोजन बनाने के लिए भी कहा गया. नगर परिषद की सूचना के बाद बाद सिंगोली और उससे सटे गांवों में रहवासी अपने घर से दूर खेतों में पहुंचे और भोजन बनाया. वहीं किसानों और धाकड़ समाज ने नगर के खेड़ा खूंट देव और मंदिरों पर पूजा-अर्चना की और इंद्र देव का ध्यान किया. इस दौरान ढोल ढमाके के साथ इन्द्र देव को प्रसन्न करने और सुख समृद्धी के लिए अच्छी वर्षा की कामना की गई.

वर्षों पुरानी मान्यता

बता दें कि अक्सर बारिश की खेंच होने पर मालवा, खासकर नीमच जिले में घर से बाहर खेत खलियानों पर भोजन बनाया जाता है. जिले में यह मान्यता है कि घर के बाहर खेत पर बने देवस्थानों पर पूजा-अर्चना करने और खाना बनाने से इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और अच्छी वर्षा होती है. इस बार अधिकतर किसान बोवनी कर चुके हैं लेकिन जिले में कई स्थानों पर बारिश होने में लंबा गेप हो गया है, इसलिए इंद्रदेव को खुश करने के लिए ऐसे टोटके किये जा रहे हैं. बारिश की कामना के लिए घर से बाहर खाना बनाने की इस पारंपरिक प्रक्रिया को मालवा में उज्जैनी कहा जाता है.

नीमच। सिंगोली में अच्छी वर्षा की कामना और सुख समृद्धि के लिये हर साल की तरह इस बार भी स्थानीय लोगों ने उज्जैनी मनाई. इस पारंपरिक विशेष पूजा के दौरान लोगों ने खेत और देव स्थानों पर जाकर भगवान इंद्र देव और स्थानीय देवी देवताओं की पूजा अर्चना की और इलाके में अच्छी बारिश होने की कामना के साथ खुले में भोजन बनाया. बुजुर्गों और जानकारों के मुताबिक ये पूजा अच्छी वर्षा और सुख समृद्धि के लिए की जाती है.

हर साल परंपरा के मुताबिक शहर में ऐलान कर सभी स्थानीय निवासियों से बारिश के देवता इंद्र देव को मनाने और अच्छी वर्षा की कामना के लिए अपने प्रतिष्ठान बंद रखने को कहा. साथ ही शहर से बाहर खेत खलिहान में जाकर भोजन बनाने के लिए भी कहा गया. नगर परिषद की सूचना के बाद बाद सिंगोली और उससे सटे गांवों में रहवासी अपने घर से दूर खेतों में पहुंचे और भोजन बनाया. वहीं किसानों और धाकड़ समाज ने नगर के खेड़ा खूंट देव और मंदिरों पर पूजा-अर्चना की और इंद्र देव का ध्यान किया. इस दौरान ढोल ढमाके के साथ इन्द्र देव को प्रसन्न करने और सुख समृद्धी के लिए अच्छी वर्षा की कामना की गई.

वर्षों पुरानी मान्यता

बता दें कि अक्सर बारिश की खेंच होने पर मालवा, खासकर नीमच जिले में घर से बाहर खेत खलियानों पर भोजन बनाया जाता है. जिले में यह मान्यता है कि घर के बाहर खेत पर बने देवस्थानों पर पूजा-अर्चना करने और खाना बनाने से इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और अच्छी वर्षा होती है. इस बार अधिकतर किसान बोवनी कर चुके हैं लेकिन जिले में कई स्थानों पर बारिश होने में लंबा गेप हो गया है, इसलिए इंद्रदेव को खुश करने के लिए ऐसे टोटके किये जा रहे हैं. बारिश की कामना के लिए घर से बाहर खाना बनाने की इस पारंपरिक प्रक्रिया को मालवा में उज्जैनी कहा जाता है.

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