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'सैनिक पाठशाला' में रिटायर्ड फौजी तैयार कर रहे हैं भविष्य के फौजी

नीमच जिले में रिटायर सैनिक 'सैनिक पाठशाला' नाम की संस्था चला रहे है, जिसमें वह पिछले 3 सालों से नि:शुल्क युवाओं को शैक्षणिक और फिजिकल ट्रेनिंग दे रहे हैं.

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Published : Mar 16, 2021, 7:39 AM IST

Updated : Mar 16, 2021, 9:32 AM IST

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युवाओं को दे रहे ट्रेनिंग

नीमच। देश में सेना के जवान तो हर मोर्चे पर लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं. रिटायर होने के बाद भी इन सैनिकों का जज्बा कम नहीं होता है. भले ही अब वह सेना से रिटायर हो चुके हों, लेकिन देशभक्ति और लोगों की सेवा का जज्बा उनके दिलों में अभी भी जिंदा है. जिले के जीरन नगर में भी रिटायर सैनिक द्वारा ऐसे ही कार्य किए जा रहे हैं.

रिटायर सैनिक 'सैनिक पाठशाला' नाम की संस्था चला रहे है, जिसमें पिछले 3 सालों से नि:शुल्क गरीब युवाओं को शैक्षणिक और फिजिकल ट्रेनिंग दे रहे है, ताकि वे भारतीय सेना और सुरक्षाबलों में सम्मिलित होने के लिए गांव से तैयार हो सकें. वह पिछले दो सालों में अभी तक करीब 24 युवाओं को सेना और मध्य प्रदेश पुलिस में चयन करा चुके हैं.

नगर बन गया सैनिक नगरी
जीरन धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी से सैनिकों की नगरी बनते जा रहा है. यहां युवाओं के हौसलों को पंख लगने लगे है. वैसे तो जीरन पूरे जिले में सैनिकों की नगरी के नाम से जाना जाता है, क्योंकि लगभग 132 युवा भारतीय सेना और अर्धसनिक बलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

जीरन के कुछ युवा और भूतपूर्व सैनिकों की मदद से देशसेवा या अन्य प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होकर युवा तैयारी में जुटे हुए है, जहां एक ओर बड़े-बड़े शहरों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्र महंगी कोचिंग फीस देकर पढ़ाई करते हैं, तो वहीं जीरन के ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग चलाई जा रही है.

युवाओं को दे रहे ट्रेनिंग

3 साल पहले की थी शुरुआत

3 साल पहले विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क तैयारी की शुरुआत जीरन के युवा शैलेन्द्र पाटीदार द्वारा की गई थी, जिसका स्वरूप बदलते-बदलते आज उस मुकाम पर आ पहुंचा है, जहां मुख्य रूप से भारतीय सेना और सुरक्षाबलों में सम्मिलित होने के लिए शैक्षणिक तैयारी और फिजिकल ट्रेनिंग सैनिक पाठशाला नाम की संस्था के जरिए दी जा रही है. इस प्रकल्प में युवाओं को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ उनकी दक्षता में निखार लाने के लिए भारतीय सेना में सेवा दे चुके रिटायर्ड फौजी भी अपनी सहभागिता दिखा रहे हैं. यही नहीं सेवा का यह प्रकल्प लगातार चलता रहे, इसके लिए अब भूतपूर्व सैनिक और जीरन नगर के समाजसेवियों ने एक सामाजिक संस्था का गठन किया है, जिसे युवा प्रगति पाठशाला एवं जनकल्याण फाउंडेशन का नाम दिया गया है.

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रोजाना सुबह 5 बजे से शुरू होती है युवाओं की फिजिकल ट्रेनिंग
जीरन के हायर सेकेंडरी मैदान पर सुबह 5 बजे लगभग 100 से ज्यादा युवा और लगभग 35 लड़कियां शामिल है. सेनाभर्ती रैली की फिजिकल तैयारी के लिए पहुंच रहे हैं. रोज सुबह शारीरिक व्यायाम के बाद लंबी कूद, दौड़, गोला फेंक और फुट जम्प के साथ आवश्यक गुण सीखाए जा रहे हैं. लगभग एक से डेढ़ घंटे की फिजिकल तैयारी की जा रही है.

शैक्षणिक तैयारी के लिए भी लगती है नि:शुल्क कोंचिंग
शैक्षणिक तैयारी के लिए तालाब के किनारे राजपूत मोहल्ला स्थित सैनिक पाठशाला में अध्यापन करवाया जाता है, जिसमें भारतीय सैनिक, पुलिस सहित अन्य सैनिक परीक्षाओं के लिए तैयारी करवाई जाती है.

कार्य करने वाले शिक्षक और सैनिक को नहीं मिलता कोई मानदेय
इन सभी तैयारियों के लिए न तो युवाओं से कोई अध्ययन शुल्क लिया जाता है और न ही अध्यापन. सेना में सेवाएं दे रहे जीरन के सैनिक जब छुट्टियों में जीरन पहुंचते हैं, तो वह भी पूरे समर्पण के साथ युवाओं को मार्गदर्शन देने के लिए युवाओं के बीच पहुंच जाते हैं.

नीमच। देश में सेना के जवान तो हर मोर्चे पर लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं. रिटायर होने के बाद भी इन सैनिकों का जज्बा कम नहीं होता है. भले ही अब वह सेना से रिटायर हो चुके हों, लेकिन देशभक्ति और लोगों की सेवा का जज्बा उनके दिलों में अभी भी जिंदा है. जिले के जीरन नगर में भी रिटायर सैनिक द्वारा ऐसे ही कार्य किए जा रहे हैं.

रिटायर सैनिक 'सैनिक पाठशाला' नाम की संस्था चला रहे है, जिसमें पिछले 3 सालों से नि:शुल्क गरीब युवाओं को शैक्षणिक और फिजिकल ट्रेनिंग दे रहे है, ताकि वे भारतीय सेना और सुरक्षाबलों में सम्मिलित होने के लिए गांव से तैयार हो सकें. वह पिछले दो सालों में अभी तक करीब 24 युवाओं को सेना और मध्य प्रदेश पुलिस में चयन करा चुके हैं.

नगर बन गया सैनिक नगरी
जीरन धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी से सैनिकों की नगरी बनते जा रहा है. यहां युवाओं के हौसलों को पंख लगने लगे है. वैसे तो जीरन पूरे जिले में सैनिकों की नगरी के नाम से जाना जाता है, क्योंकि लगभग 132 युवा भारतीय सेना और अर्धसनिक बलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

जीरन के कुछ युवा और भूतपूर्व सैनिकों की मदद से देशसेवा या अन्य प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होकर युवा तैयारी में जुटे हुए है, जहां एक ओर बड़े-बड़े शहरों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्र महंगी कोचिंग फीस देकर पढ़ाई करते हैं, तो वहीं जीरन के ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग चलाई जा रही है.

युवाओं को दे रहे ट्रेनिंग

3 साल पहले की थी शुरुआत

3 साल पहले विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क तैयारी की शुरुआत जीरन के युवा शैलेन्द्र पाटीदार द्वारा की गई थी, जिसका स्वरूप बदलते-बदलते आज उस मुकाम पर आ पहुंचा है, जहां मुख्य रूप से भारतीय सेना और सुरक्षाबलों में सम्मिलित होने के लिए शैक्षणिक तैयारी और फिजिकल ट्रेनिंग सैनिक पाठशाला नाम की संस्था के जरिए दी जा रही है. इस प्रकल्प में युवाओं को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ उनकी दक्षता में निखार लाने के लिए भारतीय सेना में सेवा दे चुके रिटायर्ड फौजी भी अपनी सहभागिता दिखा रहे हैं. यही नहीं सेवा का यह प्रकल्प लगातार चलता रहे, इसके लिए अब भूतपूर्व सैनिक और जीरन नगर के समाजसेवियों ने एक सामाजिक संस्था का गठन किया है, जिसे युवा प्रगति पाठशाला एवं जनकल्याण फाउंडेशन का नाम दिया गया है.

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रोजाना सुबह 5 बजे से शुरू होती है युवाओं की फिजिकल ट्रेनिंग
जीरन के हायर सेकेंडरी मैदान पर सुबह 5 बजे लगभग 100 से ज्यादा युवा और लगभग 35 लड़कियां शामिल है. सेनाभर्ती रैली की फिजिकल तैयारी के लिए पहुंच रहे हैं. रोज सुबह शारीरिक व्यायाम के बाद लंबी कूद, दौड़, गोला फेंक और फुट जम्प के साथ आवश्यक गुण सीखाए जा रहे हैं. लगभग एक से डेढ़ घंटे की फिजिकल तैयारी की जा रही है.

शैक्षणिक तैयारी के लिए भी लगती है नि:शुल्क कोंचिंग
शैक्षणिक तैयारी के लिए तालाब के किनारे राजपूत मोहल्ला स्थित सैनिक पाठशाला में अध्यापन करवाया जाता है, जिसमें भारतीय सैनिक, पुलिस सहित अन्य सैनिक परीक्षाओं के लिए तैयारी करवाई जाती है.

कार्य करने वाले शिक्षक और सैनिक को नहीं मिलता कोई मानदेय
इन सभी तैयारियों के लिए न तो युवाओं से कोई अध्ययन शुल्क लिया जाता है और न ही अध्यापन. सेना में सेवाएं दे रहे जीरन के सैनिक जब छुट्टियों में जीरन पहुंचते हैं, तो वह भी पूरे समर्पण के साथ युवाओं को मार्गदर्शन देने के लिए युवाओं के बीच पहुंच जाते हैं.

Last Updated : Mar 16, 2021, 9:32 AM IST
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