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धान में गर्दन तोड़ बीमारी तो नहीं लगी, ध्यान न दिया तो बर्बाद हो सकती है फसल

धान की फसल में बालियां आने के समय यह बीमारी तेजी से फैलती है. इसे नेक ब्लास्ट या गर्दन तोड़ बीमारी बोला जाता है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

PADDY CROP NECK BLAST DISEASE
धान में गर्दन तोड़ बीमारी (ETV Bharat)

शहडोल: खरीफ का सीजन चल रहा है और शहडोल जिले में खरीफ के सीजन में धान की खेती सबसे ज्यादा बड़े रकबे में की जाती है. इस समय खरीफ सीजन का आखिरी समय है. धान की फसल में कहीं बालियां आ रही हैं, कहीं बालियां आ चुकी हैं तो कहीं पर धान पकने की कगार पर है. ऐसे में अब धान पर भी तरह-तरह के रोग लग रहे हैं. अगर किसान ने इन बीमारियों पर समय से ध्यान नहीं दिया तो किसानों का बड़ा नुकसान हो सकता है.

गर्दन तोड़ बीमारी से सावधान

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति बताते हैं कि "खरीफ सीजन चल रहा है और धान की फसल में बालियां आनी शुरू हो चुकी हैं. अभी किसानों से सूचना मिल रही है और जो भ्रमण के दौरान खेतों में मुख्य रूप से देख रहे हैं तो कुछ जगहों पर धान की फसल में नेक ब्लास्ट नामक रोग लगा हुआ है, जिसे गर्दन तोड़ बीमारी भी बोला जाता है. इसमें आप देखेंगे कि जहां से तने की गांठ होती है, जहां से बालियां निकली हुई होती हैं, वो गांठ काले रंग की हो जाती है."

बीमारी पर ध्यान नहीं दिया तो बर्बाद हो जाएगी फसल (ETV Bharat)

गर्दन तोड़ बीमारी को ऐसे समझें

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति बताते हैं कि "जब ये रोग लगता है तो धान की फसल में बालियों में जो दाने हैं, पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाते हैं और बालियों में दाने नहीं भर पाते हैं. जिससे वो नीचे की ओर झुक जाती हैं और लटक जाती हैं. जब बाली लटक जाती है तो इसे ही नेक ब्लास्ट या गर्दन तोड़ बीमारी बोला जाता है."

ध्यान नहीं दिया तो फसल हो सकती है बर्बाद

कृषि वैज्ञानिक डॉ बीके प्रजापति कहते हैं कि "किसान इन दिनों अपने धान की फसल की सतत निगरानी करें क्योंकि आपने मेहनत कर ली है और अब फसल में बालियां आने का समय हो गया है. कुछ दिनों बाद धान की फसल पक जाएगी. अब कुछ ही वक्त बचा है, अपनी फसलों का ऐसे में विशेष ध्यान रखें और अगर इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत उसका निदान करें. अगर यह बीमारी पूरी फसल में फैल गई तो फसल की 25 से 75% तक उत्पादकता को प्रभावित कर सकती है. ये बीमारी तभी होती है जब बालियां निकलने का समय होता है."

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किस तरह के वातावरण में लगती है बीमारी

कृषि वैज्ञानिक डॉ बीके प्रजापति बताते हैं कि "वातावरण में जब बहुत ज्यादा आर्द्रता होती है और जब धान की फसल में बाली आने का समय होता है तब यह बीमारी लगती है. कई जगहों पर क्षेत्र में इसकी शिकायत मिली है. किसानों को जरूरी है कि इसकी रोकथाम के लिए वो प्रयास करें. अगर नेट ब्लास्ट नाम की बीमारी आपकी फसल पर लगी है, ऐसे लक्षण फसल पर दिखते हैं, तो उसे पहचान कर, अपने क्षेत्र के कृषि वैज्ञानिकों से मिलें और उन्हें दिखाएं. उनसे सलाह लेकर फिर उचित दवा लेकर फसल पर समय रहते छिड़काव करें जिससे आपकी फसल प्रभावित होने से बच जाएगी और उत्पादकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इसके लिए कई दवाई आती हैं जिनका समय से सही अनुपात में छिड़काव अगर फसल पर किया जाए तो इस रोग से अपनी फसल को पूरी तरह से बचाया जा सकता है."

शहडोल: खरीफ का सीजन चल रहा है और शहडोल जिले में खरीफ के सीजन में धान की खेती सबसे ज्यादा बड़े रकबे में की जाती है. इस समय खरीफ सीजन का आखिरी समय है. धान की फसल में कहीं बालियां आ रही हैं, कहीं बालियां आ चुकी हैं तो कहीं पर धान पकने की कगार पर है. ऐसे में अब धान पर भी तरह-तरह के रोग लग रहे हैं. अगर किसान ने इन बीमारियों पर समय से ध्यान नहीं दिया तो किसानों का बड़ा नुकसान हो सकता है.

गर्दन तोड़ बीमारी से सावधान

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति बताते हैं कि "खरीफ सीजन चल रहा है और धान की फसल में बालियां आनी शुरू हो चुकी हैं. अभी किसानों से सूचना मिल रही है और जो भ्रमण के दौरान खेतों में मुख्य रूप से देख रहे हैं तो कुछ जगहों पर धान की फसल में नेक ब्लास्ट नामक रोग लगा हुआ है, जिसे गर्दन तोड़ बीमारी भी बोला जाता है. इसमें आप देखेंगे कि जहां से तने की गांठ होती है, जहां से बालियां निकली हुई होती हैं, वो गांठ काले रंग की हो जाती है."

बीमारी पर ध्यान नहीं दिया तो बर्बाद हो जाएगी फसल (ETV Bharat)

गर्दन तोड़ बीमारी को ऐसे समझें

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति बताते हैं कि "जब ये रोग लगता है तो धान की फसल में बालियों में जो दाने हैं, पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाते हैं और बालियों में दाने नहीं भर पाते हैं. जिससे वो नीचे की ओर झुक जाती हैं और लटक जाती हैं. जब बाली लटक जाती है तो इसे ही नेक ब्लास्ट या गर्दन तोड़ बीमारी बोला जाता है."

ध्यान नहीं दिया तो फसल हो सकती है बर्बाद

कृषि वैज्ञानिक डॉ बीके प्रजापति कहते हैं कि "किसान इन दिनों अपने धान की फसल की सतत निगरानी करें क्योंकि आपने मेहनत कर ली है और अब फसल में बालियां आने का समय हो गया है. कुछ दिनों बाद धान की फसल पक जाएगी. अब कुछ ही वक्त बचा है, अपनी फसलों का ऐसे में विशेष ध्यान रखें और अगर इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत उसका निदान करें. अगर यह बीमारी पूरी फसल में फैल गई तो फसल की 25 से 75% तक उत्पादकता को प्रभावित कर सकती है. ये बीमारी तभी होती है जब बालियां निकलने का समय होता है."

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किस तरह के वातावरण में लगती है बीमारी

कृषि वैज्ञानिक डॉ बीके प्रजापति बताते हैं कि "वातावरण में जब बहुत ज्यादा आर्द्रता होती है और जब धान की फसल में बाली आने का समय होता है तब यह बीमारी लगती है. कई जगहों पर क्षेत्र में इसकी शिकायत मिली है. किसानों को जरूरी है कि इसकी रोकथाम के लिए वो प्रयास करें. अगर नेट ब्लास्ट नाम की बीमारी आपकी फसल पर लगी है, ऐसे लक्षण फसल पर दिखते हैं, तो उसे पहचान कर, अपने क्षेत्र के कृषि वैज्ञानिकों से मिलें और उन्हें दिखाएं. उनसे सलाह लेकर फिर उचित दवा लेकर फसल पर समय रहते छिड़काव करें जिससे आपकी फसल प्रभावित होने से बच जाएगी और उत्पादकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इसके लिए कई दवाई आती हैं जिनका समय से सही अनुपात में छिड़काव अगर फसल पर किया जाए तो इस रोग से अपनी फसल को पूरी तरह से बचाया जा सकता है."

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