सागर। सागर में उपभोक्ता फोरम कोर्ट ने एक बुजुर्ग को बड़ी राहत दी है. बुजुर्ग के बैंक खाते से धोखाधड़ी कर 3 लाख 83 हजार रुपए गायब हो गए. इस मामले में उपभोक्ता फोरम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. संबंधित बैंक को बुजुर्ग के खाते से गायब हुई राशि लौटाने और जुर्माने का आदेश जारी किया गया है. दरअसल, बुजुर्ग द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत तुरंत बैंक से की गई. लेकिन बैंक ने इसकी शिकायत के निराकरण के लिए कोई कदम नहीं उठाया. इस मामले में बुजुर्ग द्वारा पुलिस थाने में भी शिकायत की गई. पुलिस अभी तक धोखाधड़ी करने वालों को नहीं पकड़ पाई.
थक-हारकर फोरम कोर्ट गया बुजुर्ग
इसके बाद बुजुर्ग ने उपभोक्ता फोरम कोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने बैंक को दोषी मानते हुए 6 प्रतिशत ब्याज की दर से 3 लाख 83 हजार रुपए रकम लौटाने और 25 हजार रुपए जुर्माने का आदेश पारित किया. खास बात ये है कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया की 2017 की गाइडलाइन के आधार पर उपभोक्ता फोरम ने आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अगर बैंक फ्राड मामले में उपभोक्ता 3 दिन के भीतर शिकायत करता है तो ग्राहक की नहीं बल्कि बैंक की जिम्मेदारी होगी.
85 साल के बुजुर्ग के खाते से पौने 4 करोड़ की धोखाधड़ी
दरअसल, सागर जिले के रहली विकासखंड के पटना बुजुर्ग गांव के 85 साल के हरीराम गौर का खाता रहली के एक बैंक में है. इनके खाते में एक अक्टूबर 2019 को 3,83,357.47 रुपये थे. जब 21 अक्टूबर 2019 को हरीराम गौर अपनी पासबुक लेकर बैंक में एंट्री कराने पहुंचे तो सिर्फ 383 रुपये पाए गए. मामले के अनुसार 11 अक्टूबर और 17 अक्टूबर 2019 को दिल्ली निवासी मुकेश गौड और रेवाबाई के खातों में 3 लाख 83 हजार रुपये ग्रीन चैनल के माध्यम से ट्रांसफर किए गए.
एटीएम से धोखाधड़ी कर निकाली राशि
एटीएम बुजुर्ग के पास था. उसने किसी को पासवर्ड भी नहीं बताया. हरीराम गौर ने तत्काल बैंक को सूचित किया लेकिन बैंक ने एटीएम से पैसे निकाले जाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया. पीड़ित ने 22 अक्टूबर 2019 को सागर एसपी को आवेदन दिया. रहली पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज हुई. लेकिन पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की. तब जाकर बुजर्ग ने जिला उपभोक्ता फोरम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
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सुनवाई में रिजर्व बैंक की गाइडलाइन का हवाला दिया
उपभोक्ता की तरफ से आयोग में पैरवी कर रहे वकील पवन नन्होरिया ने बताया "हरीराम गौर के खाते से किसी ने ग्रीन चैनल के जरिए 3 लाख 83 हजार की राशि दो खातों में ट्रांसफर करा ली. इसके बाद केस में भारतीय रिजर्व बैंक आफ इंडिया की 6 जुलाई 2017 की गाइडलाइन को आधार बनाया गया. इसमें प्रावधान है कि अगर किसी भी उपभोक्ता के खाते में अनधिकृत हस्तांतरण होता है और अगर ग्राहक 3 दिन के भीतर शिकायत कर दे तो बैंक की जिम्मेदारी बन जाती है कि उस खाते को सीज करे या कोई कार्रवाई करे."