नीमच। प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है, जहां हर दिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. जिससे आम जनता परेशान है, इस बीच नीमच जिले के मनासा तहसील में लोग भारी भरकम बिजली बिल से परेशान हो रहे हैं. प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में बिजली बिल हाफ करने की बात कही थी, लेकिन हकीकत कुछ और ही निकलकर सामने आ रही है.
खाद्यान वस्तुओं की कीमतों में हुआ इजाफा
प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव उमराव सिंह गुर्जर ने कहा कि, कोरोना महामारी के चलते पूरे देश को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश के कई जिलों में कालाबाजारी और मंहगाई बढ़ गई हैं. जहां आम जनता को लूटा जा रहा है. जिससे पता चलता है कि, वर्तमान भाजपा सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है और जनता से कोई सरोकार नहीं है. गुर्जर ने कहा कि, सरकार ने खाद्यान वस्तुओं की कीमतों में इजाफा कर गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों की कमर तोड़ दी है.
जनता को थमाए जा रहे मनमाने बिल
गुर्जर ने बताया कि, लॉकडाउन के कारण आम आदमी घरों में कैद है, उनके पास आय का कोई माध्यम नहीं होने पर सरकार को जनता की आर्थिक मदद करनी चाहिए. सरकार के प्रतिनिधियों ने जिले में बिजली बिलों को माफ और हाफ करवाने को लेकर खूब वाहवाही लुटी थी, लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत हैं. जनता बिजली बिलों में अचानक की गई बढ़ोतरी से परेशान है. तीन माह पहले जिन उपभोक्ताओं का 100 और 200 रुपए बिजली बिल आ रहा था, अब उन्हें 2 हजार से 3 हजार रुपए के बिजली बिल थमाएं जा रहे हैं.
आम जनता पर दोहरी मार
मनासा शहर में लोगों को मनमाने बिल थमाएं जा रहे है. साथ ही नगर पालिका द्वारा जलकर, भूमि कर आदि में अचानक बढ़ोतरी कर दी गई है. कांग्रेस जिला महामंत्री दीपक गहलोत ने बताया कि, वर्तमान में पेट्रोल-डीजल के साथ ही रोजमर्रा की आवश्यक खाद्यान वस्तुओं की कीमतों में अचानक इजाफा हो गया हैं. वहीं स्थानीय नागरिक देवी चरण सिंह ने बताया कि, किराना सामान सहित तमाम वस्तुओं की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी से दोहरी आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है.
देवी चरण सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री की घोषणा से पहले जिन उपभोक्ताओं के बिजली बिल जनरेटर हो गए हैं, उनको पिछले साल मार्च-अप्रैल माह के एवरेज बिल के मुताबिक बिल दिए गए हैं. घोषणा होने के बाद जिन उपभोक्ताओं को अधिक बिल मिले, उनको बिल का भुगतान करते समय वास्तविक बिलों में समायोजित किया जा रहा है.