नीमच। प्रदेश सरकार राशन माफियाओं पर कार्रवाई करने की बात कर रही है. लेकिन जब कार्रवाई करने की बारी आई तो शिकायतकर्ता को धमकी मिल रही है. नीमच में एक युवक ने PDS (राशन दुकान) में चल रही धांधली को लेकर कलेक्टर से शिकायत की है. इस शिकायत पर अब तक कार्रवाई तो नहीं हुई है, लेकिन दुकान संचालकों ने शिकायतकर्ता के सामने अपना रोल दिखाना शुरू कर दिया है.
जनसुनवाई में की उपभोक्ता ने शिकायत
अंबेडकर कॉलोनी में रहने वाले बंटी उर्फ नटराज यादव ने जनसुनवाई के दौरान राशन दुकान में चल रही धांधली के बारे में शिकायत की है. शिकायतकर्ता बंटी ने शिकायत 12 जनवरी को शहर में हुई जनसुनवाई में की है. शिकायत के साथ-साथ बंटी ने सबूत भी पेश किए हैं.
वार्ड नंबर 17 की दुकान में हो रही धांधली
शिकायतकर्ता बंटी ने बताया कि वार्ड नंबर 17 स्थित सुरभि प्राथमिक भंडार के संचालक कमल कुमार शर्मा कालाबाजारी कर रहे हैं.
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किया गया 450 क्विंटल का घोटाला
शिकायतकर्ता बंटी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जो पीएम फंड के जरिए तीन-तीन महीने के लिए राशन आया था. उस राशन में दुकान संचालकों ने घोटाला किया है. दो महीने उन्होंने चावल दिया. और एक महीने सिर्फ दाल दी. इस दौरान उन्होंने करीब 450 क्विंटल का घोटाला किया गया है.
मिल रही धमकियां
शिकायतकर्ता बंटी ने बताया कि उन्होंने इस मामले में लिखित शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत दर्ज कराने के बाद से ही दुकान संचालक कमल शर्मा और मोहन राणावत उन्हें धमकी दे रहे हैं. उन पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं.
झूठे केस में फंसा रहा दुकान संचालक
शिकायतकर्ता बंटी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. वो ऑटो चलाते हैं. वहीं अब राशन दुकान संचालक उन्हें झूठे केस में फंसा रहा है.
इंदौर में 80 लाख से ज्यादा का राशन घोटाला
इंदौर शहर में 80 लाख रुपए से ज्यादा का राशन घोटाला हुआ है, जिसमें 12 राशन दुकानों से करीब 51,000 गरीब परिवारों के निवाले पर डाका डाला गया है. इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन ने कई दुकानों पर छापेमारा. साथ ही तीन आरोपियों पर रासुका के तहत कार्रवाई भी की.
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इस पूरे मामले में 51 हजार 96 हितग्राहियों के अनाज की कालाबाजारी की गई. इन लोगों को प्राथमिक आवश्यकता से वंचित किया गया, जो सिर्फ कानून ही नहीं बल्कि नैतिक रूप से भी अक्षम अपराध है. प्रशासन ने जांच के दौरान पाया कि दुकानदार योजना के तहत राशन का फायदा उठाकर उस में गड़बड़ी कर रहे थे. उसे वितरित नहीं कर रहे थे. जिन दुकानों में खाद्यान्न का स्टॉक कम प्राप्त हुआ है, उन दुकानों में इस हेराफेरी का खुलासा हुआ है.
राशन घोटाले के लिए SIT गठित
इंदौर में 80 लाख रुपए से ज्यादा के हुए राशन घोटाले की जांच के लिए SIT गठित की गई है. इस SIT में ASP, CSP सहित तीन टीआई को शामिल किया गया है, जो पूरे मामले की बारीकी से जांच करेंगे.
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अन्य जिलों में भी हो सकती है राशन दुकानों की जांच
राशन माफियाओं का नेटवर्क मध्य प्रदेश के कई जिलों में फैला हो सकता है. इसलिए माफिया के कारनामों की जांच के लिए इंदौर के आसपास के इलाकों की दुकानों की जांच भी की जा सकती है. जिला प्रशासन द्वारा जिस राशन माफिया का खुलासा किया गया है, उसमें मात्र 12 दुकानों में ही 80 लाख रुपए से अधिक का घोटाला निकल कर सामने आया है. राशन माफिया भरत दवे शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का अध्यक्ष भी है. इस नाते पूरे प्रदेश में उसका संपर्क है