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नीमच में भारी मात्रा में बनाई जा रही है कच्ची शराब, बच्चों को सप्लायर बना रहे असामाजिक तत्व - भारी मात्रा में अवैध कच्ची शराब की खपत

नीमच में अवैध कच्ची शराब का सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है. बच्चे से बुजुर्ग तक शराब की थैलियां तैयार कर आसपास के गांवों में बेचने जाते हैं (Neemuch illegal raw liquor). कई बार नीमच के कई क्षेत्रों पर दबिश भी दी गई है, लेकिन इसके बावजूद कच्ची शराब बनाए जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट,

illegal raw liquor consumed in large quantities
भारी मात्रा में अवैध कच्ची शराब जब्त
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Published : Dec 29, 2022, 6:15 PM IST

Updated : Dec 29, 2022, 6:21 PM IST

नीमच। जिले के करीब 18 गांवों के जंगलों में इन दिनों बेखौफ अवैध शराब की भट्टियां सुलग रही है. पुलिस, आबकारी और प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए यह शराब की भट्टियां रात में सुलगाई जाती हैं. सस्ती मिलने के चक्कर में लोग भी इसका उपयोग कर रहे हैं (Neemuch illegal raw liquor). जिले के 32 गांवों के लोग जंगलों में यूरिया, महुआ, गुड़ के घोल से लहान बनाकर कच्ची शराब तैयार करते हैं. जिसे सप्लायर बने बंजारा समाज के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक थैलियों में भरकर आसपास के गांवों में बेचने जाते हैं.

पुलिस पर हो चुका है हमला: नीमच सिटी थाने के चड़ौली, केनपुरिया ऐसे गांव हैं जहां बड़ी मात्रा में हाथ भट्‌टी की कच्ची शराब बनाई जाती है. पुलिस इन गांवों में दबिश देने से भी घबराती है. पुलिस टीम देखते ही अवैध शराब बनाने में जुटे लोग, उनके परिवार और गांव वाले गुलेल की सहायता से पत्थरों से हमला कर देते हैं. राजस्थान के सीमावर्ती गांवों से भी नकली शराब की जिले में तस्करी हो रही है. जिले की तीनों तहसील के गांवों में अवैध कच्ची शराब का कारोबार चल रहा है (illegal raw liquor consumed in large quantities). जावद और कुकड़ेश्वर,रामपुरा पुलिस ने पिछले 2 माह में एक दर्जन से अधिक मामलों में अवैध शराब के साथ आरोपियों को पकड़ा है. यही नहीं अवैध शराब बनाने के लिए लाया गया लहान आदि भी नष्ट करवाया है.

इस मौसम में रहती है शराब की अधिक डिमांड: शीतलहर और कड़ाके की ठंड में भट्‌टी की कच्ची शराब की सबसे अधिक डिमांड रहती है. इसको स्टॉक करने के लिए गांवों के जंगल में रात के अंधेरे में भट्टियां सुलगाई जा रही है. पुलिस और आबकारी विभाग ने 1 साल में 150 से अधिक लोगों को पकड़ा है. भारी मात्रा में कच्ची शराब, लहान, शराब बनाने के उपकरण जब्त किए थे. इसके बाद कुछ समय तक कारोबार बंद रहा, लेकिन अब यह काम फिर से शुरू हो गया है.

जंगल में बनाई जा रही थी कच्ची शराब, 7 लाख कीमत का महुआ लहना बरामद

यहां हो चुकी है कार्रवाई: जावद मनासा थाने क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम ढाणी, रूपपुरा के जंगल और मोड़ी खेड़ा के जंगल, मनासा जंगलों में अवैध रूप से कच्ची शराब बनाई जा रही थी, जहां से पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 1 हजार लीटर महुआ, 30 लीटर कच्ची शराब को जब्त किया था. आरोपियों से पूछताछ करने पर घर में बनी अवैध शराब की फैक्ट्री भी पकड़ी गई थी.

भारी मात्रा में शराब जब्ती पर होती है 3 साल की सजा: आबकारी एक्ट में 50 लीटर से कम शराब जब्त होने पर आरोपी को कोर्ट से जमानत मिलती है, और जुर्माना जमा करना पड़ता है. जबकि 50 लीटर से अधिक बल्क मात्रा में शराब जब्त करने पर कोर्ट से जमानत और सुनवाई के बाद आरोप सिद्ध होने पर 6 माह से अधिकतम 3 साल तक की सजा का प्रावधान है.

नीमच। जिले के करीब 18 गांवों के जंगलों में इन दिनों बेखौफ अवैध शराब की भट्टियां सुलग रही है. पुलिस, आबकारी और प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए यह शराब की भट्टियां रात में सुलगाई जाती हैं. सस्ती मिलने के चक्कर में लोग भी इसका उपयोग कर रहे हैं (Neemuch illegal raw liquor). जिले के 32 गांवों के लोग जंगलों में यूरिया, महुआ, गुड़ के घोल से लहान बनाकर कच्ची शराब तैयार करते हैं. जिसे सप्लायर बने बंजारा समाज के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक थैलियों में भरकर आसपास के गांवों में बेचने जाते हैं.

पुलिस पर हो चुका है हमला: नीमच सिटी थाने के चड़ौली, केनपुरिया ऐसे गांव हैं जहां बड़ी मात्रा में हाथ भट्‌टी की कच्ची शराब बनाई जाती है. पुलिस इन गांवों में दबिश देने से भी घबराती है. पुलिस टीम देखते ही अवैध शराब बनाने में जुटे लोग, उनके परिवार और गांव वाले गुलेल की सहायता से पत्थरों से हमला कर देते हैं. राजस्थान के सीमावर्ती गांवों से भी नकली शराब की जिले में तस्करी हो रही है. जिले की तीनों तहसील के गांवों में अवैध कच्ची शराब का कारोबार चल रहा है (illegal raw liquor consumed in large quantities). जावद और कुकड़ेश्वर,रामपुरा पुलिस ने पिछले 2 माह में एक दर्जन से अधिक मामलों में अवैध शराब के साथ आरोपियों को पकड़ा है. यही नहीं अवैध शराब बनाने के लिए लाया गया लहान आदि भी नष्ट करवाया है.

इस मौसम में रहती है शराब की अधिक डिमांड: शीतलहर और कड़ाके की ठंड में भट्‌टी की कच्ची शराब की सबसे अधिक डिमांड रहती है. इसको स्टॉक करने के लिए गांवों के जंगल में रात के अंधेरे में भट्टियां सुलगाई जा रही है. पुलिस और आबकारी विभाग ने 1 साल में 150 से अधिक लोगों को पकड़ा है. भारी मात्रा में कच्ची शराब, लहान, शराब बनाने के उपकरण जब्त किए थे. इसके बाद कुछ समय तक कारोबार बंद रहा, लेकिन अब यह काम फिर से शुरू हो गया है.

जंगल में बनाई जा रही थी कच्ची शराब, 7 लाख कीमत का महुआ लहना बरामद

यहां हो चुकी है कार्रवाई: जावद मनासा थाने क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम ढाणी, रूपपुरा के जंगल और मोड़ी खेड़ा के जंगल, मनासा जंगलों में अवैध रूप से कच्ची शराब बनाई जा रही थी, जहां से पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 1 हजार लीटर महुआ, 30 लीटर कच्ची शराब को जब्त किया था. आरोपियों से पूछताछ करने पर घर में बनी अवैध शराब की फैक्ट्री भी पकड़ी गई थी.

भारी मात्रा में शराब जब्ती पर होती है 3 साल की सजा: आबकारी एक्ट में 50 लीटर से कम शराब जब्त होने पर आरोपी को कोर्ट से जमानत मिलती है, और जुर्माना जमा करना पड़ता है. जबकि 50 लीटर से अधिक बल्क मात्रा में शराब जब्त करने पर कोर्ट से जमानत और सुनवाई के बाद आरोप सिद्ध होने पर 6 माह से अधिकतम 3 साल तक की सजा का प्रावधान है.

Last Updated : Dec 29, 2022, 6:21 PM IST
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