नीमच। आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने को लेकर राष्ट्रीय करणी सेना ने जिले में रैली निकाली, जिसमें करीबन 5000 लोग शामिल हुए. इस रैली में राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के करणी समाज के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी शामिल हुए. इस दौरान प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने तोड़ मरोड़ कर सरकार तो बना ली है, लेकिन आरक्षण को लेकर जल्द कोई फैसला नहीं लिया गया, तो आगामी दिनों में विधानसभा का घेराव किया जायेगा.
रैली के बाद हुई आमसभा
रैली के समाप्त होने के बाद आमसभा का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने कहा कि करणी सेना एससी/एसटी एक्ट का विरोध नहीं करती है. सिर्फ गरीबों का आर्थिक आधार पर आरक्षण मिले, यह बात करती है. गरीब चाहे किसी भी वर्ग का हों, उसे आर्थिक आधार पर ही आरक्षण मिलना चाहिए. जातिगत आरक्षण भाई को भाई का दुश्मन बना देता है. अगर भाजपा और कांग्रेसी अंबेडकर के सच्चे अनुयाई है, तो वह वोट बैंक के लिए ढोंग क्यों करते हैं ?. बाबा साहब ने आरक्षण 10 साल के लिए दिया था. आजीवन नहीं. लोकतंत्र के नाम पर बाबा साहब का नाम का शोषण किया जा रहा है, जो अनुचित है. लोग कहते हैं कि उच्च वर्ग अजा वर्ग पर अत्याचार करता है. जमीन छीन लेता है, लेकिन वास्तव में यह सही नहीं है.
गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष राज शेखावत ने कहा कि समाज से मतभेद मिटाना होगा. वहीं राजस्थान करणी समाज के प्रदेश अध्यक्ष ने भी कहा कि हम सब को एकजुटता होकर आरक्षण के लिए लड़ना होगा. आने वाले समय में हमारे द्वारा भोपाल में भी प्रदर्शन किया जाएगा.
धारा-144 के बाद भी पांच हजार से ज्यादा लोग एक साथ दिखे
जिले में इन दिनों कोराना की रफ्तार तेजी के साथ बढ़ रही है. जिले में कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए कलेक्टर ने धारा-144 लागू कर दिया है. इसके बाद भी करणी समाज ने आरक्षण को लेकर एक रैली निकाली, जिसमें करीबन 5000 लोग शामिल हुए.
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यह रही समाज की मांग
शहर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने आर्थिक आरक्षण की मांग को लेकर वाहन रैली का आयोजन किया. इस रैली में सभा स्थल 40 चौराहे पहुंचा. यहां करणी सेना के पदाधिकारियों ने मांग रखी कि जब तक आरक्षण नीति की समीक्षा नहीं होती, तब तक आयकर रिटर्न भरने वाले परिवारों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए. यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए. मध्य प्रदेश में सर्वण आयोग का गठन किया गया है. उसे मूर्त रूप दिया जाए. एससी/एसटी के सांसद और विधायक आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसका हम विरोध करते हैं. डब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र बनाने में होने वाली जटिलता को समाप्त कर कम से कम 3 वर्ष के लिए प्रमाण पत्र को भी वैध किया जाए.