नीमच। मंदसौर के गांधीसागर में नीमच-मंदसौर के एसपी-कलेक्टर, जनप्रतिनिधी और जलसंसाधन विभाग की संयुक्त बैठक हुई. बैठक में अतिवृष्टि से निपटने के लिए तैयारियों का विश्लेषण किया गया. इस दौरान सभी के सुझाव भी लिए गए. बैठक में मनासा विधायक अनिरूद्ध मारू, कलेक्टर जितेन्द्र सिंह राजे, एसपी मनोज कुमार राय, जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ ही नीमच-मंदसौर कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. बैठक में सभी ने अपने-अपने सुझाव दिए, वहीं मनासा विधायक अनिरूद्ध मारू के सुझावों को सभी ने महत्वपूर्ण माना.
विधायक मारू ने कहा, रामपुरा में पिछले साल जैसे हालात न बने हुए है, इसके लिए विशेष तैयारियां की जानी चाहिए. पहले से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है. डूब क्षेत्र के गांव को चिन्हित कर लिया जाए, ताकि अतिवृष्टि में समय रहते बचाव कार्य किए जा सके. उन्होंने कहा, डेम में लगे जनरेटर अधिकांश पुराने हैं, उन्हें बदलने की आवश्यकता है. केचमेंट एरिया में जहां भी बारिश हो रही है, उसका आंकड़ा तत्काल विभाग के पास होना चाहिए ताकि समय रहते स्थिति को नियंत्रित किया जा सके.
डेम की निगरानी को लेक विधायक ने कहा, डेम क्षमता अनुसार भरा रहे इस बात का भी विशेष ध्यान रखें ताकि सिंचाई सुविधा का लाभ मिल सके. सीसीटीवी कैमरों से डेम की निगरानी होना चाहिए. चंबल डेवलपमेंट बोर्ड ने क्या-क्या कार्य किए हैं, इसमें कितनी राशि नीमच क्षेत्र में उपयोग की गई, इसकी समीक्षा की जाना चाहिए. बैठक सांसद सुधीर गुप्ता और गरोठ विधायक देवीलाल धाकड़ ने भी अपने सुझाव रखे. इस मौके पर मंदसौर कलेक्टर मनोज पुष्प, नीमच कलेक्टर जितेंद्र सिंह राजे, नीमच एसपी मनोज राय, मंदसौर एसपी सिद्धार्थ चौधरी सहित जलसंसाधन विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे.
पिछले साल जैसे हालात नहीं बने
बांध में पानी की आवक ज्यादा है तो समय रहते गेट को खोला जाए ताकि पिछले साल जैसी स्थिति नहीं बने. रामपुरा में रिंगवाल क्षतिग्रस्त होने से पानी शहर में चला गया था ऐसी स्थिति इस साल ना बने इसका पूरा ध्यान रखा जाए. रिंगवाल की मेंटनेस का काम चल रहा है उसे शीघ्र पूरा कर लिया जाए. डूब क्षेत्र के गांव को पहले से चिन्हित कर लिया जाए ताकि अतिवृष्टि की स्थिति में समय पर नियंत्रण किया जा सके.
मछुआरों को मिले सहायता
मनासा विधानसभा अंतर्गत रामपुरा रिंगवाल जो गांधीसागर से जुड़ी है. हर साल करीब 3 हजार मछुआरें मत्स्याखेट कर अपना भरण पोषण करते है, इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से करीब 10 हजार परिवार की रोजी रोटी चलती है. लेकिन वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि और बाढ़ से मत्स्य पालन का काम देरी से शुरू हुआ. वहीं अतिवृष्टि से रामपुरा की रिंगवाल भी क्षतिग्रस्त हो गई थी, इससे भी मछुआरों का काम प्रभावित हुआ. उक्त वक्त मच्छुआरों ने बाढ़ प्रभावितों को निकालने में भी शासन प्रशासन का सहयोग किया.
विधायक मारू ने कहा की कोरोनो संकट कॉल में भी गांधीसागर से मत्स्य पालन का काम 2 महीने से बंद पड़ा रहा है, इससे मछुआरें आर्थिक संकट की स्थिति का सामना कर रहे है, अगर इन्हें कुछ आर्थिक मदद मिलती है तो इन्हें संबल प्रदान होगा.