नीमच। जिले के मनासा क्षेत्र में हो रही बारिश के चलते कई कच्चे मकान धराशायी हो गए हैं, जिसकी वजह से लोग अपने घर से बेघर हो गए हैं. टूटे घरों को देखकर ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, जिसके बाद उन्होंने सरपंच के घर का घेराव किया.
ग्रामीणों ने सरपंच सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि मकान के लिए कई बार आवेदन किया है पर सरपंच सचिव पैसों की मांग करते हैं, जिसके चलते उन्हें मकान नहीं मिल पाया. वहीं कुछ महिलाओं का आरोप है के गांव में कई मकान गिर गए, लेकिन सरपंच सचिव इसे देखने तक नहीं आया, जिसके चलते उनके सामने खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई है.
भारी बारिश के चलते कई मकान हुए धराशायी, शासन से नहीं मिल रही कोई मदद - कच्चे मकानों
जिले में भारी बारिश के चलते कच्चे मकानों की वजह से ग्रामीण अपने घरों से बेघर हो गए हैं, लेकिन सरपंच सचिव इसे देखने तक नहीं आए
नीमच। जिले के मनासा क्षेत्र में हो रही बारिश के चलते कई कच्चे मकान धराशायी हो गए हैं, जिसकी वजह से लोग अपने घर से बेघर हो गए हैं. टूटे घरों को देखकर ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, जिसके बाद उन्होंने सरपंच के घर का घेराव किया.
ग्रामीणों ने सरपंच सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि मकान के लिए कई बार आवेदन किया है पर सरपंच सचिव पैसों की मांग करते हैं, जिसके चलते उन्हें मकान नहीं मिल पाया. वहीं कुछ महिलाओं का आरोप है के गांव में कई मकान गिर गए, लेकिन सरपंच सचिव इसे देखने तक नहीं आया, जिसके चलते उनके सामने खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई है.
जब मेहनत कर के घर बनाया और अपनी ही आंखों के सामने धराशाई हो जाए
मनासा क्षेत्र में हो रही अधिक बरसात के कारण ग्राम पंचायत बरथुन में कई कच्चे मकान गिर गए जिसके चलते कई लोग बेघर हो गए है जिस से उनको या तो रिस्तेदारो या धर्मशालाओ में रहना पड़ रहा है टूटे घरों को देख ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा व गुस्साए ग्रामीणों ने सरपंच के घर का घेराव किया वही सरपंच सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाया है ग्रामीणों का कहना है के उन्होंने मकान के लिए कई बार आवेदन नहीं है पर सरपंच सचिव पैसों की मांग करते हैं जिसके चलते उन्हें मकान नहीं मिल पाया वह मकान गिरने की स्थिति में सरपंच सचिव को अवगत करवाया तो सरपंच ने कहा के जब गिर जाएगा तब फोटो खींचकर पटवारी को दे देना -
इन बिगड़े बोल के चलते महिलाओं और लोगो का गुस्सा ओर भी बढ़ गया
वही कुछ महिलाओं का आरोप है के गांव में रहते हुए भी गांव का सरपंच सचिव गिरे हुए मकान की स्थिति देखने नहीं आए जिसके चलते उनके रहने खाने-पीने रहने की समस्या आ रही है कहां रुके क्या खाए कहां सोए जिसके चलते लोगों में काफी गुस्सा है
ग्रामीणों का आरोप है 2011 से लेकर अभी तक गांव में कोई भी पक्का मकान गरीबों को नहीं मिला जिन के बने हुए मकान है उन्हीं को दे दिया गया है ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सरपंच का घेराव किया
वही सरपंच सचिव ने अपना बचाव करते हुए आरोप प्रसाशन के ऊपर थोप दिया
वहीं सरपंच का कहना है कि हमने फाइलें बनाकर भेज दी थी पर आगे से प्रस्ताव नहीं मिला तो हम क्या करे
बाइट1 -बिट्टू सिंह चंद्रावत -पीड़ित
बाइट-2 -गणपत सिंह -
बाइट3-योगिता
बाइट-4 -भवर सिंह
बाइट-5 सरपंच-रमेशचंद्र विरासConclusion: