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मध्यप्रदेश की जेलों में ऐसे चलता है भ्रष्टाचार का खेल, हर काम के क्या रेट ... पढ़ें

मध्यप्रदेश की जेलों में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है. एक दिन पहले ही कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में यह सवाल उठाया था. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस पर जांच करने का आश्वासन दिया था. खास बात यह है कि इसके अगले दिन यानी मंगलवार को नीमच जेल में पदस्थ एक आरक्षक को जेल में सुविधा देने के नाम पर तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. (corruption in jails of Madhya Pradesh)

lokayukt ujjain
लोकायुक्त की कार्रवाई
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Published : Mar 15, 2022, 5:41 PM IST

नीमच। मध्यप्रदेश की जेलों में बंद सजा काट रहे कैदियों को जेल के अंदर पैसे लेकर सुविधाएं दी जा रही हैं. ऐसे ही एक मामले का खुलासा लोकायुक्त की टीम ने किया है. लोकायुक्त ने नीमच जेल में तैनात एक आरक्षक को रिश्वत लेते हुए धर दबोचा. कुछ दिन पहले एक महिला ने लोकायुक्त में इस बारे में शिकायत की थी. महिला का पति नीमच जिला जेल में बंद है.

तीन हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

दरअसल, 8 मार्च को नीमच जिले की निवासी एक महिला ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन को शिकायत की थी. महिला ने बताया था कि जेल में पदस्थ आरक्षक गिर्राज सिंह राजपूत उसके पति को जेल में अच्छा खाना देने सहित अन्य सुविधाओं के लिए रूपयों की मांग कर रहा है. शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त अनिल विश्वकर्मा के निर्देश पर लोकायुक्त निरीक्षक राजेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में टीम नीमच जिला जेल पहुंची. जहां पुलिस आरक्षक गिर्राज सिंह राजपूत को नीमच जिला जेल परिसर में महिला से 3 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया.

शिकायतकर्ता के पति को भी लोकायुक्त ने पकड़ा था
बीते दिनों पीड़ित महिला मंगला देवी गुर्जर निवासी नीमच ने लोकायुक्त में शिकायत की थी कि उसका पति नीमच जिला जेल में बंद है. पति पूर्व में पटवारी था. 2015 में लोकायुक्त ने ही कार्रवाई करते हुए उसे ट्रैप किया था. फिर 2021 में उसे विशेष न्यायालय ने सजा सुनाई थी. जिसके बाद जब भी महिला उसके पति से मिलते आती थी तो जेल में सुविधा देने की एवज में आरक्षक गिर्राज सिंह राजपूत रुपयों की मांग करता था. महिला ने बताया कि वह सुविधाएं देने के नाम पर 4500 रुपये और प्रत्येक मिलाई पर 300 रुपये देती थी.

ग्वालियर सेंट्रल जेल में विचाराधीन कैदी की मौत, मर्डर के केस में था बंद

कुख्यात तस्कर बंद हैं नीमच जेल में
नीमच की जेलों में मादक पदार्थ की तस्करी करने के मामलों में एनडीपीएस एक्ट के तहत कई अपराधी सजा काट रहे हैं. इस जेल से पूर्व में भी 5 कैदी के भागने का मामला भी सामने आया था. इसके बाद भी जेल में पैसों की रिश्वत का खेल बंद नहीं हुआ. भ्रष्टाचार और बढ़ता ही जा रहा है. कई बार यह जेल चर्चाओं में भी रह चुकी है.

(corruption in jails of Madhya Pradesh)

नीमच। मध्यप्रदेश की जेलों में बंद सजा काट रहे कैदियों को जेल के अंदर पैसे लेकर सुविधाएं दी जा रही हैं. ऐसे ही एक मामले का खुलासा लोकायुक्त की टीम ने किया है. लोकायुक्त ने नीमच जेल में तैनात एक आरक्षक को रिश्वत लेते हुए धर दबोचा. कुछ दिन पहले एक महिला ने लोकायुक्त में इस बारे में शिकायत की थी. महिला का पति नीमच जिला जेल में बंद है.

तीन हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

दरअसल, 8 मार्च को नीमच जिले की निवासी एक महिला ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन को शिकायत की थी. महिला ने बताया था कि जेल में पदस्थ आरक्षक गिर्राज सिंह राजपूत उसके पति को जेल में अच्छा खाना देने सहित अन्य सुविधाओं के लिए रूपयों की मांग कर रहा है. शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त अनिल विश्वकर्मा के निर्देश पर लोकायुक्त निरीक्षक राजेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में टीम नीमच जिला जेल पहुंची. जहां पुलिस आरक्षक गिर्राज सिंह राजपूत को नीमच जिला जेल परिसर में महिला से 3 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया.

शिकायतकर्ता के पति को भी लोकायुक्त ने पकड़ा था
बीते दिनों पीड़ित महिला मंगला देवी गुर्जर निवासी नीमच ने लोकायुक्त में शिकायत की थी कि उसका पति नीमच जिला जेल में बंद है. पति पूर्व में पटवारी था. 2015 में लोकायुक्त ने ही कार्रवाई करते हुए उसे ट्रैप किया था. फिर 2021 में उसे विशेष न्यायालय ने सजा सुनाई थी. जिसके बाद जब भी महिला उसके पति से मिलते आती थी तो जेल में सुविधा देने की एवज में आरक्षक गिर्राज सिंह राजपूत रुपयों की मांग करता था. महिला ने बताया कि वह सुविधाएं देने के नाम पर 4500 रुपये और प्रत्येक मिलाई पर 300 रुपये देती थी.

ग्वालियर सेंट्रल जेल में विचाराधीन कैदी की मौत, मर्डर के केस में था बंद

कुख्यात तस्कर बंद हैं नीमच जेल में
नीमच की जेलों में मादक पदार्थ की तस्करी करने के मामलों में एनडीपीएस एक्ट के तहत कई अपराधी सजा काट रहे हैं. इस जेल से पूर्व में भी 5 कैदी के भागने का मामला भी सामने आया था. इसके बाद भी जेल में पैसों की रिश्वत का खेल बंद नहीं हुआ. भ्रष्टाचार और बढ़ता ही जा रहा है. कई बार यह जेल चर्चाओं में भी रह चुकी है.

(corruption in jails of Madhya Pradesh)

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